पेट्रोल-डीजल के दाम में बेतहाशा वृद्धि से मार्च में भड़क गई महंगाई, 17 महीने के शिखर पर पहुंची


नई दिल्ली. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस, सीएनजी, पीएनजी की कीमतों में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी से महंगाई भड़कने की जो आशंका जताई जा रही थी, वो आखिरकार सच साबित हुई.  खाने-पीने के सामान से लेकर फल-सब्जी, जूते-चप्पल, कपड़े सब महंगे हो गए. यही वजह है कि मार्च 2022 में खुदरा महंगाई भड़क कर 17 महीने के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई.

यह लगातार तीसरा महीना है जब खुदरा महंगाई 6 फीसदी से ऊपर बनी हुई है. रिजर्व बैंक ने पिछले हफ्ते चालू वित्त वर्ष 2022-23 की अपनी पहली मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए महंगाई के अनुमान को बढ़ाते हुए पहली तिमाही में 6.3 फीसदी, दूसरी में 5 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.1 फीसदी कर दिया था.

6.95 फीसदी रही खुदरा महंगाई
मंगलवार को जारी सरकारी आकंड़ों के मुताबिक, कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित खुदरा महंगाई दर मार्च में भड़क कर 6.95 फीसदी पर पहुंच गई. खुदरा महंगाई का ये आंकड़ा 17 महीने का सबसे उच्चतम स्तर है. फरवरी 2022 में यह दर 6.07 फीसदी और जनवरी में 6.01 फीसदी दर्ज की गई थी. मार्च 2021 में खुदरा महंगाई 5.52 फीसदी के स्तर पर थी. मार्च 2022 में खाने-पीने के सामानों की महंगाई दर 5.85 फीसदी से बढ़कर 7.68 फीसदी हो गई.

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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मार्च महीने में शहरी क्षेत्रों में महंगाई में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है. फरवरी में शहरी इलाकों में खुदरा महंगाई 5.75 फीसदी पर थी जो मार्च भड़क कर 7.66 फीसदी पर पहुंच गई. जबकि ग्रामीण इलाकों में इस महीने खुदरा महंगाई दर 6.12 फीसदी रही.  

कर्ज महंगा होने के आसार
मार्च में खुदरा महंगाई दर के इस स्तर पर पहुंचने के बाद आगे भी इसमें तेजी बने रहने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता. अप्रैल में भी पेट्रोल-डीजल और नेचुरल गैस की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है जिसका असर साफ तौर पर महसूस किया जाने लगा है. मई में जब अप्रैल के आंकड़े आएंगे तो बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. इससे सभी तरह के कर्ज महंगा होने के आसार बढ़ गए हैं. यानी आने वाले महीने में सस्ते कर्ज का दौर खत्म हो सकता है क्योंकि महंगाई को नियंत्रित करने के लिए रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाने पर मजबूर हो जाएगा. रेपो रेट से ही कर्ज की ब्याज दर तय होती है.

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कच्चे तेल, कमोडिटी, तैयार सामानों की कीमतों सहित 299 सामानों की कीमतों के आधार पर खुदरा महंगाई की दर तय होती है.

Tags: Fuel price hike, Inflation, Price Hike, Retail segment

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