International Day Of Happiness: खुश रहना है कितना जरूरी, जानिए इस इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस पर



कहा जाता है कि एक हंसता हुआ चेहरा दुनिया का सबसे खूबसूरत चेहरा होता है चाहे उसका रंग-रूप कैसा भी हो। हंसते हुए चेहरे का नूर अलग ही होता है। हंसने से जिंदगी की सारी मुश्किलें हल हो जाती हैं और और हमें जिंदगी को खुलकर जीने की एक नई ऊर्जा मिलती है। लेकिन ये भाग-दौड़ भरी जिंदगी जहां हम इतनी टेंशन, प्रेशर और नफरत के बीच रहते हैं ऐसी लाइफ में हम अक्सर मुस्कराना ही भूल जाते हैं। हम भूल जाते हैं कि जिंदगी में हंसना मुस्कुराना कितना जरूरी है। इसी मुस्कुराहट को दोबारा चेहरे पर सजाने और जिंदगी को खूबसूरत बनाने के लिए 20 मार्च को हर साल ‘इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस ( International Day Of Happiness) मनाया जाता है। इस खास दिन का उद्देश्य है जिंदगी में हैप्पीनेस यानी खुशी के महत्व को दर्शाना।

इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस
इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस बताता है कि एक देश या एक अर्थव्यवस्था को विकसित होने के लिए केवल जीडीपी नहीं बल्कि हैप्पीनेस की भी उतनी ही आवश्यकता है। 12 जुलाई 2012 को यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली ने दुनिया भर के लोगों के जीवन में हैप्पीनेस और वेल बींग को एक महत्वपूर्ण लक्ष्य बनाने के लिए और जीवन में हैप्पीनेस के महत्व को जानने के लिए 20 मार्च को इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे के रूप में घोषित किया था।

सबसे पहले भूटान ने इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे के लिए बैठक बुलाने की पहल की। इस देश ने 1970 के दशक की शुरुआत से ही ‘नेशनल रेवेन्यू’ से ज्यादा ‘नेशनल हैप्पीनेस’ को महत्व दिया और ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस को हमेशा ही ग्रॉस नेशनल प्रोडक्ट के आगे रखा। 2013 में यूनाइटेड नेशन्स के 193 सदस्य देशों ने अपना पहला इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे मनाया था। 2015 में यूनाइटेड नेशन्स ने हैप्पीनेस और वेल बींग को प्रमोट करने के लिए गरीबी हटाने, असमानता को कम करने और पर्यावरण की रक्षा करने के साथ ही 17 सतत विकास के तत्वों का निर्माण किया।

वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स
2022 के अनुसार वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स (World Happiness Index 2022) में फिनलैंड को नंबर 1 होने का खिताब मिला है जबकि दूसरे नंबर पर डेनमार्क और तीसरे नंबर पर आइसलैंड है। फिनलैंड के लोग सबसे ज्यादा खुश हैं क्योंकि वहां क्राइम रेट बेहद कम और पर्यावरण बेहद साफ सुथरा और खूबसूरत है।

इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस: थीम

इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे के लिए हर साल एक नया थीम चुना जाता है और उस थीम के उद्देश्य को प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है। 2022 में हैप्पीनेस के लिए ‘बिल्ड बैक हैप्पीयर’ नामक थीम (International Day Of Happiness 2022 Theme) को चुना गया है। इसका उद्देश्य है COVID-19 महामारी से पूरे विश्व को रिकवर करने का प्रयास करना। लॉकडाउन और महामारी से संबंधित नियमों के कारण दुनिया भर में कई परिवार और दोस्त लंबे समय से ना ही मिल पाए हैं और ना ही एक साथ रह पाए हैं।

कोरोना के कारण केवल लोगों को ही नहीं बल्कि अर्थव्यवस्था और आजीविका को भारी नुकसान पहुंचा है। जो ये दर्शाता है कि दुनिया के कई क्षेत्रों में खुशी अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। इसलिए इस साल हैप्पीनेस डे को मनाते हुए हमें वर्तमान चुनौतियों को देखते हुए अपनी जिंदगी में खुशियों को दोबारा लाने का प्रयास करना होगा ताकि हम सब एक सामान्य जीवन जी सकें।

इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस: महत्व
वर्तमान में अफगानिस्तान और यूक्रेन में भारी संकट आया है जिसने आम जनजीवन को त्रस्त कर दिया है। हर जगह बस चीखें और मातम है, खुशी और मुस्कान जैसे गायब ही हो गई है। आखिर इन परिस्थितियों में कोई खुश कैसे हो सकता है जहां नहीं पता कि अगले क्षण क्या हो जाए। इसी कारण खुशी के महत्व को समझिए। जब भी समय मिले मुस्कराइए और खुश रहने का प्रयास करिए। साथ ही जो इस वक्त संकट की स्थिति में हैं उनके बेहतरी के लिए प्रार्थना करिए। सबके लिए अच्छा करने का प्रयास करिए हम नहीं जानते कि हमारे किस छोटी सी कोशिश से किसी के चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान आ सकती है।

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