IPL 2022: दिल्ली के गेंदबाज की गेंदबाजी पर 14 गेंद बाद ही लग गया ब्रेक, एक गेंद की चुकाई भारी कीमत; जानिए पूरा मामला


नई दिल्ली. IPL 2022 में एक दिन पहले लखनऊ सुपर जायंट्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच टक्कर हुई थी. इसमें लखनऊ ने बाजी मारी. इस मैच के दौरान ऐसा वाकया हुआ, जो क्रिकेट मैदान में कम ही देखने को मिलता है. दरअसल, मैच में दिल्ली कैपिटल्स के तेज गेंदबाज एनरिक नॉर्खिया (Anrich Nortje) को बीच ओवर में ही अंपायर ने गेंदबाजी से हटा दिया. यह घटना लखनऊ की पारी के 16वें ओवर में हुई. इसके बाद उनका बचा हुआ ओवर कुलदीप यादव ने पूरा किया. अब आपको बताते हैं कि आखिर क्यों नॉर्खिया को बीच ओवर में ही अंपायर ने गेंदबाजी से हटाने का फैसला लिया? उन्होंने ऐसी क्या गलती की थी?

एनरिक नॉर्खिया अपना तीसरा ओवर ओवर फेंक रहे थे. इस ओवर की तीसरी गेंद उन्होंने फुलटॉस डाल दी. इस गेंद की रफ्तार 140 किलोमीटर प्रति घंटे से कुछ अधिक थी. गेंद स्ट्राइक पर खड़े दीपक हुडा की कमर से ऊपर थी. अंपायर ने फौरन इसे नो-बॉल करार दिया और फिर नॉर्खिया की गेंदबाजी पर रोक लगा दी. अंपायर ने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि इससे पहले उन्होंने मैच में लखनऊ की पारी के 14वें ओवर में 141.4 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ऐसी की एक बीमर फेंकी थी. जिससे स्ट्राइक पर खड़े क्विंटन डिकॉक बाल-बाल बचे थे. गेंद सीधा उनके हेलमेट की तरफ आई थी. किसी तरह डिकॉक ने उस पर बल्ला लगा दिया और गेंद शॉर्ट थर्ड मैन की तरफ छक्के के लिए चली गई.

अंपायर ने नॉर्खिया की इस गेंद को नो-बॉल करार दिया और गेंदबाज को चेतावनी भी दी. हालांकि, नॉर्खिया ने मैच में दोबारा बीमर फेंक दी और अंपायर ने उनके गेंदबाजी करने पर रोक लगा दी. इसके बाद फ्री हिट और नॉर्खिया के ओवर की बाकी बची गेंद कुलदीप यादव ने फेंकी. हालांकि, आईपीएल में इससे पहले भी ऐसा हुआ है, जब एक ही पारी में 2 बीमर फेंकने के बावजूद खिलाड़ी के गेंदबाजी करने पर रोक नहीं लगाई गई. जानिए कब ऐसा हुआ था और नियम क्या कहता है और अंपायर कैसे फैसला लेते हैं?

दीपक चाहर बीमर फेंकने के बाद बच गए थे

2019 के आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के तेज गेंदबाज दीपक चाहर ने पंजाब किंग्स के खिलाफ मुकाबले में दो बीमर फेंकी थी. लेकिन अंपायर ने उनके गेंदबाजी करने पर रोक नहीं लगाई थी. तब चाहर कार्रवाई से इसलिए बच गए थे. क्योंकि उन्होंने मैच में जो दूसरी बीमर फेंकी थी, वो स्लोअर गेंद थी. नियमों के तहत फील्ड अंपायर को यह तय करने का अधिकार होता है कि बीमर बल्लेबाज के लिए खतरनाक है या नहीं. चाहर ने स्लोअर गेंद फेंकने के चक्कर में बीमर फेंकी थी. इसलिए उनकी दूसरी बीमर को अंपायर ने खतरनाक नहीं माना और अंपायर ने उनके गेंदबाजी करने पर रोक नहीं लगाई.

वहीं, नॉर्खिया की दूसरी बीमर को अंपायर ने खतरनाक माना और इसी वजह से अंपायर ने उनके गेंदबाजी करने पर फौरन रोक लगा दी.

सिराज के गेंदबाजी करने पर रोक लगा दी गई थी

तीन साल पहले आईपीएल में ही ऐसा ही एक वाकया मोहम्मद सिराज के साथ भी हुआ था. आरसीबी और कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ हुए मुकाबले में सिराज ने मैच़ में दो बीमर डाली थी और दूसरी बीमर को खतरनाक मानते हुए अंपायर ने उनके गेंदबाजी करने पर रोक लगा दी थी.

2017 में नियमों में हुए बदलाव के मुताबिक, गेंदबाज को एक मैच में कमर तक फुलटॉस या बीमर फेंकने के लिए अंपायर से दो चेतावनी मिलने के बाद मैच में गेंदबाजी करने से रोक दिया जाता है.

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जानिए क्या है नियम?

आईसीसी के नियम 41.7.1 के मुताबिक, कोई भी गेंद, जो पॉपिंग क्रीज पर सीधे खड़े स्ट्राइकर की कमर से ऊपर फेंकी जाती है, उसे अनुचित माना जाता है. जब भी कोई गेंदबाज ऐसी बॉल फेंकता है, तो अंपायर को उसे नो-बॉल करार देना होता है. वहीं, आईसीसी के इसी नियम के क्लॉज-4 के मुताबिक, अगर उसी पारी में वही गेंदबाज दोबारा ऐसी गेंद फेंकता है तो अंपायर उसे नो-बॉल करार देगा और सीधे फील्डिंग करने वाली टीम के कप्तान को यह निर्देश देगा कि वो तत्काल गेंदबाज को हटा लें.

Tags: Anrich Nortje, Deepak chahar, Delhi Capitals, ICC Rules, IPL 2022, Lucknow Super Giants, Mohammad Siraj

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