पाकिस्तान: अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से ठीक पहले प्रधानमंत्री इमरान खान को झटका, बलूच सहयोगी ने दिया इस्तीफा


वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Sun, 27 Mar 2022 05:05 PM IST

सार

इमरान खान के विशेष सहायक रहे शाहजैन बुगती ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। वह इमरान खान की सरकार का विरोध कर रहे पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट में शामिल हो गए हैं।

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अपनी सत्ता बचाने के लिए संघर्ष कर रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को एक और झटका लगा है। सोमवार को इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना है और इससे ठीक एक दिन पहले उनके एक और सहयोगी ने उनका साथ छोड़ दिया है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सहयोगी दल जमूरी वतन पार्टी के नेता और कैबिनेट सदस्य शाहजैन बुगती ने इस्तीफा दे दिया है। 

बुगती ने इस्तीफा देने के बाद एक ट्वीट में लिखा कि पीटीआई सरकार ने तीन साल के दौरान कानून और व्यवस्था को सुधारने के लिए कुछ नहीं किया है। इस सरकार ने केवल पाकिस्तान के लोगों का अपमान किया है उन्हें शर्मिंदा किया है। इसी की वजह से मैंने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। मैं पाकिस्तान और बलूचिस्तान के लोगों के हित और बेहतर भविष्य के लिए विपक्ष के साथ शामिल हो गया हूं।

शाहजैन बुगती बलूचिस्तान में शांति और सुलह पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक के तौर पर सेवाएं दे रहे थे। अब वह इस्तीफा देकर पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट में शामिल हो गए हैं। यह एक राजनीतिक मोर्चा है जो प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार का विरोध कर रहा है। इमरान खान के सहयोगी रहे शाहजैन बुगती का यह इस्तीफा इस्लामाबाद में उनकी एक महत्वपूर्ण रैली से ठीक पहले आया है।

इमरान खान की इस रैली को उनके शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। विपक्ष का दावा है कि उसके पास सरकार को हटाने के लिए जरूरी नेशनल असेंबली के 172 सदस्यों का समर्थन है। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 342 सीट हैं। विपक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है वहीं, इमरान ने अपने समर्थकों से असेंबली का घेराव करने के लिए कहा है ताकि, सदस्य अंदर न जा पाएं।

अकबर बुगती के परपोते हैं शाहजैन
शाहजैन बुगती बलूच आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक अकबर बुगती के परपोते हैं। अकबर बुगती की साल 2006 में बलूचिस्तान के कोहलू कस्बे में पाकिस्तानी सेना ने हत्या कर दी थी। शाहजैन बुगती की बलूचिस्तान में पकड़ अच्छी मानी जाती है। उनका इस्तीफा इमरान खान के लिए बड़े संकट का कारण बन सकता है। इमरान खान साल 2018 में ‘नए पाकिस्तान’ के वादे के साथ देश की सत्ता में आए थे। 

विस्तार

अपनी सत्ता बचाने के लिए संघर्ष कर रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को एक और झटका लगा है। सोमवार को इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना है और इससे ठीक एक दिन पहले उनके एक और सहयोगी ने उनका साथ छोड़ दिया है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सहयोगी दल जमूरी वतन पार्टी के नेता और कैबिनेट सदस्य शाहजैन बुगती ने इस्तीफा दे दिया है। 

बुगती ने इस्तीफा देने के बाद एक ट्वीट में लिखा कि पीटीआई सरकार ने तीन साल के दौरान कानून और व्यवस्था को सुधारने के लिए कुछ नहीं किया है। इस सरकार ने केवल पाकिस्तान के लोगों का अपमान किया है उन्हें शर्मिंदा किया है। इसी की वजह से मैंने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। मैं पाकिस्तान और बलूचिस्तान के लोगों के हित और बेहतर भविष्य के लिए विपक्ष के साथ शामिल हो गया हूं।

शाहजैन बुगती बलूचिस्तान में शांति और सुलह पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक के तौर पर सेवाएं दे रहे थे। अब वह इस्तीफा देकर पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट में शामिल हो गए हैं। यह एक राजनीतिक मोर्चा है जो प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार का विरोध कर रहा है। इमरान खान के सहयोगी रहे शाहजैन बुगती का यह इस्तीफा इस्लामाबाद में उनकी एक महत्वपूर्ण रैली से ठीक पहले आया है।

इमरान खान की इस रैली को उनके शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। विपक्ष का दावा है कि उसके पास सरकार को हटाने के लिए जरूरी नेशनल असेंबली के 172 सदस्यों का समर्थन है। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 342 सीट हैं। विपक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है वहीं, इमरान ने अपने समर्थकों से असेंबली का घेराव करने के लिए कहा है ताकि, सदस्य अंदर न जा पाएं।

अकबर बुगती के परपोते हैं शाहजैन

शाहजैन बुगती बलूच आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक अकबर बुगती के परपोते हैं। अकबर बुगती की साल 2006 में बलूचिस्तान के कोहलू कस्बे में पाकिस्तानी सेना ने हत्या कर दी थी। शाहजैन बुगती की बलूचिस्तान में पकड़ अच्छी मानी जाती है। उनका इस्तीफा इमरान खान के लिए बड़े संकट का कारण बन सकता है। इमरान खान साल 2018 में ‘नए पाकिस्तान’ के वादे के साथ देश की सत्ता में आए थे। 



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