न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेंगलुरु
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Mon, 16 May 2022 06:05 PM IST
सार
संस्था ने दावा किया है कि जामिया मस्जिद को पहले यहां मौजूद अंजनेय मंदिर के ऊपर बनाया गया है। इस बात के ऐतिहासिक सबूत भी हैं कि यह जगह पहले एक मंदिर ही थी।
कर्नाटक की जामिया मस्जिद को लेकर विवाद।
– फोटो : ANI
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विस्तार
कर्नाटक के मांड्या में एक दक्षिणपंथी संस्था ने सोमवार को डिप्टी कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर यहां कि जामिया मस्जिद में पूजा करने की इजाजत मांग ली। इस संस्था के कार्यकर्ताओं ने दावा किया है कि जिस जगह पूजा की मांग की जा रही है, वह असल में एक मंदिर है, जिसे बाद में तोड़कर मस्जिद का रूप दे दिया गया। कार्यकर्ताओं ने इसी ढांचे में पूजा की मांग की है।
संस्था ने दावा किया है कि जामा मस्जिद को पहले यहां मौजूद अंजनेय मंदिर के ऊपर बनाया गया है। इस बात के ऐतिहासिक सबूत भी हैं कि यह जगह पहले एक मंदिर ही थी। कार्यकर्ताओं का कहना है कि टीपू सुल्तान ने इस बारे में फारस खालिफ के राजा को चिट्ठी में बताया था। संस्था की मांग है कि पुरातत्व विभाग को इन दस्तावेजों को देखने के साथ पूरे मामले की जांच करनी चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने प्रशासन से ढांचे के अंदर मौजूद तालाब में नहाने की अनुमति मांगी है।