पुरुषों की कई शारीरिक समस्याओं को दूर करता है आयुर्वेदिक हर्ब गोखरू, जानें फायदे और नुकसान


Benefits & Side Effects of Gokhru: गोखरू एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका उपयोग प्राचीन काल से स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता रहा है. गोखरू (Gokhru use in Ayurveda) का उपयोग आयुर्वेद चिकित्सा में वात दोष एवं पित्त दोष को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है. यह एक ऐसा पौधा है, जिसके हर भाग का प्रयोग कई रोगों को ठीक करने में होता है. गोखरू से निर्मित हर्बल औषधियां सिर्फ सामान्य बीमारियों के लिए ही नहीं, बल्कि यौन समस्याओं और निःसंतानता को भी ठीक करने में लाभकारी हैं. चरक संहिता के अनुसार, गोखरू (Gokhru Benefits) का सेवन मूत्र (पेशाब) से संबंधित समस्याओं एवं वात रोग के लिए प्रमुख रूप से प्रभावी होती है. यह शरीर की सूजन को कम करती है. दशमूल औषधि में भी गोखरू की जड़ का इस्तेमाल किया जाता है. गोखरू के कई फायदे-नुकसान होने के साथ ही कुछ दिशानिर्देश भी हैं, जिसका पालन आयुर्वेदिक चिकित्सक की निगरानी में करना चाहिए. गोखरू के फायदे-नुकसान (Gokhru ke fayde-nuksan) के बारे में विस्तार से बता रही हैं आशा

आयुर्वेदा की आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. दीपिका शेट्ठी.

गोखरू के फायदे 

गोखरू से सिर दर्द में राहत

तनाव के कारण आज हर कोई सिर दर्द की समस्या से ग्रस्त रहता है. यदि आप सुबह-शाम गोखरू के काढ़े का सेवन करें, तो इससे पित्त दोष नियंत्रित होता है, जिससे सिर दर्द दूर होता है.

गोखरू दमा से दिलाए निजात

प्रदूषण के कारण ज्यादा लोग दमा जैसी बीमारी का शिकार हो रहे हैं. ऐसे में आप गोखरू से निर्मित औषधियों का सेवन करते हैं, तो बहुत ही जल्दी आपको दमा की समस्या से छुटकार मिल सकता है. आयुर्वेदिक चिकित्सक गोखरू से साथ अंजीर के सेवन की सलाह भी देते हैं, अश्वगंधा और गोखरू का मिश्रण दमा की बीमारी में आराम दिलाता है. शहद के साथ गोखरू का सेवन करने से भी दमा के मरीज जल्दी ठीक हो जाते हैं.

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गोखरू पाचन तंत्र करे मजबूत

गोखरू का काढ़ा पाचन शक्ति में वृद्धि करता है. पाचन क्षमता में मजबूती लाता है. हाजमा शक्ति के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा गोखरू के चूर्ण की सलाह देते हैं. पीपली के चूर्ण के साथ गोखरू औषधि को लेने से पेट से संबंधित सभी प्रकार के रोगों से राहत मिलती है.

दस्त से निजात दिलाता है गोखरू

आज हर किसी को मसालेदार खाना खाने की आदत हो गई है. ऐसे में दस्त जैसी समस्या होना लाजमी है. दस्त से छुटकारा पाने के लिए गोक्षुरा चूर्ण का सेवन मीठे फलों के साथ करना चाहिए.

गोखरू पेशाब संबंधी दिक्कतों को करे नियंत्रित

डायसूरिया (Dysuria) और पथरी रोगों को नियंत्रित करने में गोखरू अहम भूमिका निभाता है. यदि किसी को बार-बार पेशाब आता है या कम पेशाब आता है, तो गोखरू का सेवन कर सकते हैं.

गर्भाशय और यूटरस दर्द में मिले आराम

महिलाओं में होने वाली पेल्विक दर्द की समस्या से गोखरू सेवन से निजात मिलती है. आयुर्वेदिक चिकित्सक मुलेठी, काली किशमिश और गोखरू चूर्ण मिश्रित औषधि देने से महिलाओं को दर्द से छुटकारा मिल सकता है.

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गोखरू पुरुषों में बढ़ाए लो स्पर्म काउंट  

पुरुष निःसंतानता के अंर्तगत आने वाली समस्या लो स्पर्म काउंट को ठीक करने के लिए गोखरू रामबाण दवा की तरह काम करता है. जो पुरुष लो स्पर्म की समस्या के कारण पिता नहीं बन पाते हैं, उन्हें गोखरू चूर्ण को दूध के साथ लेने की सलाह आयुर्वेदिक चिकित्सक देते हैं. शतावर और गोखरू को एक साथ लेने से इनफर्टिलिटी की समस्या दूर हो जाती है. इसमें स्पर्म की क्वालिटी और स्पर्म की क्वांटिटी दोनों को ठीक करने का गुण होता है और पुरुषों की शरीरिक क्ति में वृद्धि भी करता है. इरेक्‍टाइल डिसफंक्शन की समस्या करे दूर.

रक्त पित्त और बुखार में लाभकारी

यदि आपको रक्त पित्त की परेशानी है और ठीक नहीं हो रही है, तो भी आप आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह पर गोखरू का सेवन कर सकते हैं.

गोखरू के नुकसान

आयुर्वेद में हर औषधि के फायदे और नुकसान होते हैं, यदि आप उनकी उचित मात्रा का सेवन नहीं करते है, ऐसे में आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेना अनिवार्य है. आयुर्वेद में ऋतु चर्या का विशेष महत्व है, इसलिए ऋतु के आधार पर गोखरू का सेवन करना चाहिए. यदि आप इसका सेवन ज्यादा मात्रा में करते हैं, तो पेशाब में जलन और उल्टी की दिक्कतें हो सकती हैं. ऐसे में इसका सेवन एक तय समय तक ही करना चाहिए अन्यथा इसके कुछ दुष्प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं.

Tags: Health, Health tips, Lifestyle

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