पटना. बिहार की बदलती राजनीति में दोस्त दुश्मन बन रहे हैं, और विरोधी साथ देते दिख रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) इन दिनों अपने ही सहयोगी बीजेपी के निशाने पर हैं. वहीं, उनके धुर विरोधी माने जाने वाले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू यादव (Lalu Yadav) उनका साथ देते दिख रहे हैं. सासाराम (Sasaram) से बीजेपी के सांसद छेदी पासवान ने (Chedi Paswan) बिहार की सत्ता में ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला सुझाते हुए कहा है कि 2010 में बिहार में एनडीए की सरकार बनने पर ढाई साल नीतीश कुमार मुख्यमंत्री रहे, इसलिए इसके बाद के ढाई साल बीजेपी को देना चाहिए.
छेदी पासवान ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि वो बिना कुर्सी के नहीं रह सकते. मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने के लिए वो दाऊद इब्राहिम से भी हाथ मिला सकते हैं. इस पर लालू यादव ने सीएम नीतीश कुमार का साध देते हुए छेदी पासवान के बयान को गलत बताया है. बुधवार को पटना में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए लालू ने कहा कि यह बयान बिल्कुल अनुचित है.
लालू ने यूपी विधानसभा में बीजेपी की हार की भविष्यवाणी की
वहीं, लालू ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की करार हार की भविष्यवाणी की है. उन्होंने कहा कि इस बात के संकेत हैं कि बीजेपी का यहां सफाया हो जाएगा. इन्होंने जाटों के साथ जो ज़्यातती की है उस बात को वो लोग भूलेंगे नहीं. आरजेडी सुप्रीमो ने कहा कि सत्तर साल बाद फिर यह नया अंग्रेज़ बीजेपी के रूप में आ गया है. लालू ने यूपी के वोटरों से बीजेपी को हराने की अपील की है.
लालू यादव के बयान पर बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने पलटवार किया है. सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू यादव बुड्डे हो चुके हैं. उन्हें कहा कि लालू यादव के अपील का उत्तर प्रदेश के चुनाव पर कोई असर नहीं होगा. यूपी की जनता अखिलेश और मुलायम सिंह को अब कभी मौका नहीं देगी. जिस तरह से लालू यादव की सरकार के दौरान बिहार में अराजकता थी ठीक उसी तरह के बुरे हालात समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान यूपी के लोगों ने झेला था.
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