नई दिल्ली. देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के आईपीओ (LIC IPO) का बेसब्री से इंतजार कर रहे निवेशकों के इंतजार की घड़ियां अब खत्म होने वाली हैं. सूत्रों ने सीएनबीसी-टीवी18 को बताया कि केंद्र सरकार मई की शुरुआत में एलआईसी का आईपीओ लाने के लिए तैयार है. उन्होंने बताया कि सरकार रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) के लिए बैंकरों और वित्तीय सलाहकारों के संपर्क में है. आरएचपी वह डॉक्यूमेंट होता है, जिसे किसी आईपीओ की लिस्टिंग के लिए कैपिटल मार्केट रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास जमा कराना होता है.
सूत्रों ने बताया कि इस आईपीओ के जरिये सरकार एलआईसी में अपनी 5 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी बेचने की पेशकश कर सकती है. इससे पहले सरकार पिछले वित्त वर्ष में ही इसका आईपीओ लॉन्च करना चाहती थी, लेकिन वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण इसे टाल दिया गया था. सूत्रों ने बताया कि अधिकारी चुनौतीपूर्ण माहौल में काम कर रहे हैं. अब बाजार की अस्थिरता कम होने के कारण इस आईपीओ को लेकर सक्रियता काफी बढ़ गई है.
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इससे पहले 8 मार्च को सेबी ने एलआईसी को आईपीओ के जरिये धन जुटाने की अनुमति दी थी. सेबी के पास जमा किए गए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के मसौदे के अनुसार, सरकार एलआईसी के 31 करोड़ से अधिक इक्विटी शेयर बेचेगी. आईपीओ का एक हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए आरक्षित होगा. इश्यू साइज का 10 फीसदी तक हिस्सा पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित होगा.
सरकार 78,000 करोड़ रुपए के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए एलआईसी में 5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 63,000 करोड़ रुपए जुटाने की उम्मीद कर रही थी. एलआईसी का इश्यू पूरी तरह ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा. एलआईसी इस आईपीओ में कोई नया शेयर नहीं जारी करेगी. अभी LIC में 100% सरकारी भागीदारी ही है. इसका फेस वैल्यू 10 रुपए प्रति शेयर है. एलआईसी का आईपीओ भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में सबसे बड़ा होगा. लिस्टिंग के बाद एलआईसी का बाजार मूल्यांकन रिलायंस इंडस्ट्रीज और टीसीएस जैसी शीर्ष कंपनियों के बराबर होगा.
12 मई तक का समय
सेबी के पास दाखिल ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के आधार पर सरकार के पास इस आईपीओ को लॉन्च करने के लिए 12 मई तक का समय है. उस समय तक आईपीओ लाने से सरकार को नए दस्तावेज नहीं दाखिल करने होंगे. डीएचआरपी 13 फरवरी को दाखिल की गई थी. एक अधिकारी ने कहा, “सेबी के पास दाखिल दस्तावेजों के आधार पर हमारे पास आईपीओ लॉन्च करने के लिए 12 मई तक का समय है. हम उतार-चढ़ाव पर नजर रख रहे हैं और जल्द ही प्राइस बैंड तय करते हुए आरएचपी दाखिल करेंगे.” सेबी के पास दाखिल डीआरएचपी में एलआईसी के वित्तीय परिणाम और सितंबर 2021 तक एम्बेडेड मूल्य का ब्यौरा था.
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विफल रहने पर नए दस्तावेज जरूरी
अगर सरकार 12 मई तक इस आईपीओ को लॉन्च कराने में विफल रहती है, तो एलआईसी को दिसंबर तिमाही के नतीजे बताते हुए सेबी के पास नए कागजात दाखिल करने होंगे. साथ ही एम्बेडेड मूल्य को भी अपडेट करना होगा. मिलीमैन एडवाइजर्स ने 30 सितंबर 2021 को इसका एम्बेडेड वैल्यू करीब 5.4 लाख करोड़ रुपए आंका था. किसी कंपनी में शेयर होल्डर्स का इंट्रेस्ट कितना है, उसी की कंसोलिटेड वैल्यू को एम्बेडेड वैल्यू कहते हैं. हालांकि, डीआरएचपी एलआईसी के बाजार मूल्यांकन का खुलासा नहीं करता है, लेकिन इंडस्ट्री के मानकों के अनुसार, यह एम्बेडेड मूल्य का करीब 3 गुना होगा.
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