Maharashtra: पूर्व मंत्री कदम ने पवार पर लगाया शिवसेना तोड़ने का आरोप, बागी सांसदों ने ओम बिरला से की फ्लोर लीडर बदलने की अपील


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महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री रामदास कदम ने मंगलवार को रांकपा प्रमुख शरद पवार पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने शरद पवार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह शिवसेना को तोड़ रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा वे इसका सबूत शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को दे चुके हैं। 

रामदास कदम ने फोड़ा बम
रामदास कदम ने मंगलवार को दावा किया कि शरद पवार ने शिवसेना को ‘व्यवस्थित रूप से कमजोर’ किया है। इतना ही नहीं कदम ने यह भी कहा कि कुछ विधायकों ने इस पर चिंता व्यक्त की थी, लेकिन उद्धव ठाकरे शरद पवार से अलग होने को तैयार नहीं थे।

कदम ने मंगलवार को कहा कि ‘मैंने उद्धव ठाकरे  को पर्याप्त सबूत दिए हैं कि कैसे राकांपा प्रमुख शरद पवार शिवसेना को तोड़ रहे हैं।’ कदम ने दावा किया कि पवार ने कुनाबी समुदाय के सदस्यों को अच्छे पद दिए हैं और उन्हें धन से मजबूत भी किया है। उन्होंने आगे दावा किया कि मुख्यमंत्री हमारे थे, धन सरकारी खजाने से आया, लेकिन शिवसेना को पवार ने व्यवस्थित रूप से कमजोर कर दिया। कई विधायकों ने उद्धव ठाकरे के सामने ऐसी ही चिंता व्यक्त की, लेकिन आप पवार को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे।

कदम बोले- मैने गठबंधन का किया था विरोध
उन्होंने आगे कहा कि अगर बालासाहेब ठाकरे आज जीवित होते, तो क्या उन्होंने उद्धव ठाकरे को राकांपा और कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बनने दिया होता? पूर्व मंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के उद्धव ठाकरे के कदम का विरोध किया था। उन्होंने कहा, ‘मैंने उद्धव से कहा कि यह पाप करने जैसा है। बालासाहेब ठाकरे की आत्मा को इस व्यवस्था से शांति नहीं मिलेगी।

कदम की इस टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है। पूर्वमंत्री पर पलटवार करते हुए राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कदम की टिप्पणी को खारिज करते हुए भाजपा पर निशाना साधा। महेश तापसे ने दावा किया कि शिवसेना में विभाजन के पीछे भाजपा का हाथ है। उन्होंने कहा कि बागी नेता पवार को निशाना बनाकर इससे ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं। राकांपा प्रवक्ता तापसे ने कहा कि पवार की पहल के कारण एमवीए का गठन किया गया था और विद्रोह के बाद भी राकांपा उद्धव ठाकरे और उनके शिवसेना नेताओं के समूह का समर्थन कर रही है।

उद्धव ठाकरे ने रामदास कदम को किया पार्टी से बर्खास्त
गौरतलब है कि पूर्व मंत्री रामदास कदम ने सोमवार को ठाकरे को लिखे एक पत्र में ‘शिवसेना नेता’ के रूप में अपना इस्तीफा दे दिया। वहीं, शिवसेना अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार शाम को घोषणा की थी कि रामदास कदम को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए बर्खास्त किया गया था। बाद में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोही शिवसेना गुट ने कदम को नेता के रूप में बहाल किया।

शिवसेना सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष से की मुलाकात
इसी बीच, मंगलवार को महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने अपने गुट के 12 मंत्रियों से दिल्ली में मुलाकात की। पार्टी के सांसद हेमंत गोडसे ने बताया कि इसके बाद 12 सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान शिवसेना सांसदों ने उनसे सदन में नेता को बदलने का अनुरोध किया है। 

पिछले महीने गिर गई थी सरकार
गौरतलब है कि पिछले महीने जब शिंदे ने पार्टी के खिलाफ विद्रोह किया था तो रत्नागिरी जिले के दापोली के विधायक रामदास कदम के बेटे योगेश कदम भी विद्रोही खेमे में शामिल हो गए थे। शिंदे और 39 अन्य शिवसेना विधायकों द्वारा पार्टी के खिलाफ विद्रोह करने के बाद पिछले महीने ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। 

विस्तार

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री रामदास कदम ने मंगलवार को रांकपा प्रमुख शरद पवार पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने शरद पवार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह शिवसेना को तोड़ रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा वे इसका सबूत शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को दे चुके हैं। 

रामदास कदम ने फोड़ा बम

रामदास कदम ने मंगलवार को दावा किया कि शरद पवार ने शिवसेना को ‘व्यवस्थित रूप से कमजोर’ किया है। इतना ही नहीं कदम ने यह भी कहा कि कुछ विधायकों ने इस पर चिंता व्यक्त की थी, लेकिन उद्धव ठाकरे शरद पवार से अलग होने को तैयार नहीं थे।

कदम ने मंगलवार को कहा कि ‘मैंने उद्धव ठाकरे  को पर्याप्त सबूत दिए हैं कि कैसे राकांपा प्रमुख शरद पवार शिवसेना को तोड़ रहे हैं।’ कदम ने दावा किया कि पवार ने कुनाबी समुदाय के सदस्यों को अच्छे पद दिए हैं और उन्हें धन से मजबूत भी किया है। उन्होंने आगे दावा किया कि मुख्यमंत्री हमारे थे, धन सरकारी खजाने से आया, लेकिन शिवसेना को पवार ने व्यवस्थित रूप से कमजोर कर दिया। कई विधायकों ने उद्धव ठाकरे के सामने ऐसी ही चिंता व्यक्त की, लेकिन आप पवार को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे।

कदम बोले- मैने गठबंधन का किया था विरोध

उन्होंने आगे कहा कि अगर बालासाहेब ठाकरे आज जीवित होते, तो क्या उन्होंने उद्धव ठाकरे को राकांपा और कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बनने दिया होता? पूर्व मंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के उद्धव ठाकरे के कदम का विरोध किया था। उन्होंने कहा, ‘मैंने उद्धव से कहा कि यह पाप करने जैसा है। बालासाहेब ठाकरे की आत्मा को इस व्यवस्था से शांति नहीं मिलेगी।

कदम की इस टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है। पूर्वमंत्री पर पलटवार करते हुए राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कदम की टिप्पणी को खारिज करते हुए भाजपा पर निशाना साधा। महेश तापसे ने दावा किया कि शिवसेना में विभाजन के पीछे भाजपा का हाथ है। उन्होंने कहा कि बागी नेता पवार को निशाना बनाकर इससे ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं। राकांपा प्रवक्ता तापसे ने कहा कि पवार की पहल के कारण एमवीए का गठन किया गया था और विद्रोह के बाद भी राकांपा उद्धव ठाकरे और उनके शिवसेना नेताओं के समूह का समर्थन कर रही है।

उद्धव ठाकरे ने रामदास कदम को किया पार्टी से बर्खास्त

गौरतलब है कि पूर्व मंत्री रामदास कदम ने सोमवार को ठाकरे को लिखे एक पत्र में ‘शिवसेना नेता’ के रूप में अपना इस्तीफा दे दिया। वहीं, शिवसेना अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार शाम को घोषणा की थी कि रामदास कदम को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए बर्खास्त किया गया था। बाद में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोही शिवसेना गुट ने कदम को नेता के रूप में बहाल किया।

शिवसेना सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष से की मुलाकात

इसी बीच, मंगलवार को महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने अपने गुट के 12 मंत्रियों से दिल्ली में मुलाकात की। पार्टी के सांसद हेमंत गोडसे ने बताया कि इसके बाद 12 सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान शिवसेना सांसदों ने उनसे सदन में नेता को बदलने का अनुरोध किया है। 

पिछले महीने गिर गई थी सरकार

गौरतलब है कि पिछले महीने जब शिंदे ने पार्टी के खिलाफ विद्रोह किया था तो रत्नागिरी जिले के दापोली के विधायक रामदास कदम के बेटे योगेश कदम भी विद्रोही खेमे में शामिल हो गए थे। शिंदे और 39 अन्य शिवसेना विधायकों द्वारा पार्टी के खिलाफ विद्रोह करने के बाद पिछले महीने ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। 



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