अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Thu, 17 Mar 2022 04:59 PM IST
सार
मामचंद आनंद पेशे से वाहन चालक हैं। वह तीन बच्चों के पिता हैं और अब गृहस्थ से संन्यासी जीवन में आकर अध्यात्म के गूढ़ रहस्यों को समझना चाहते हैं।
गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति अटूट निष्ठा रखने वाले सिर्फ प्रदेश ही नहीं वरन देश के अन्य राज्यों में भी हैं। गोरक्षपीठाधीश्वर के प्रति दीवानगी का आलम यह कि राजस्थान के जयपुर से मामचंद आनंद पैदल ही उनसे मिलने गोरखनाथ मंदिर पहुंच गए। मामचंद नाथपंथ और योगी आदित्यनाथ से बेहद प्रभावित हैं और पंथ में शामिल हो अध्यात्म के मार्ग पर चलने के लिए योगी का मार्गदर्शन चाहते हैं।
जयपुर के रहने वाले मामचंद आनंद पेशे से वाहन चालक हैं। वह तीन बच्चों के पिता हैं और अब गृहस्थ से संन्यासी जीवन में आकर अध्यात्म के गूढ़ रहस्यों को समझना चाहते हैं। उनका कहना है कि शिव अवतारी गुरु गोरक्षनाथ द्वारा प्रवर्तित नाथपंथ उन्हें खासा प्रभावित करता है।
कारण, इस पंथ का ध्येय लोक कल्याण है और वर्तमान में गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री के रूप में भी पंथ के ध्येय को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने बताया वह जयपुर से पैदल इसलिए चल पड़े कि वह अपने नए साधना पथ के प्रति समर्पण दिखा सकें।
मामचंद को उम्मीद है कि योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद उनके जीवन में नई दिशा दिखाई देगी।
विस्तार
गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति अटूट निष्ठा रखने वाले सिर्फ प्रदेश ही नहीं वरन देश के अन्य राज्यों में भी हैं। गोरक्षपीठाधीश्वर के प्रति दीवानगी का आलम यह कि राजस्थान के जयपुर से मामचंद आनंद पैदल ही उनसे मिलने गोरखनाथ मंदिर पहुंच गए। मामचंद नाथपंथ और योगी आदित्यनाथ से बेहद प्रभावित हैं और पंथ में शामिल हो अध्यात्म के मार्ग पर चलने के लिए योगी का मार्गदर्शन चाहते हैं।
जयपुर के रहने वाले मामचंद आनंद पेशे से वाहन चालक हैं। वह तीन बच्चों के पिता हैं और अब गृहस्थ से संन्यासी जीवन में आकर अध्यात्म के गूढ़ रहस्यों को समझना चाहते हैं। उनका कहना है कि शिव अवतारी गुरु गोरक्षनाथ द्वारा प्रवर्तित नाथपंथ उन्हें खासा प्रभावित करता है।
कारण, इस पंथ का ध्येय लोक कल्याण है और वर्तमान में गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री के रूप में भी पंथ के ध्येय को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने बताया वह जयपुर से पैदल इसलिए चल पड़े कि वह अपने नए साधना पथ के प्रति समर्पण दिखा सकें।
मामचंद को उम्मीद है कि योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद उनके जीवन में नई दिशा दिखाई देगी।
Source link