मू‍डीज ने 2022 के लिए घटाया भारत का ग्रोथ पूर्वानुमान, रूस-यूक्रेन युद्ध बना कारण


नई दिल्‍ली. रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody’s) ने भारत की कैलेंडर वर्ष 2022 के लिए भारत की विकास दर के अपने पूर्वानुमान (India Growth Estimate) को 40 बेसिस प्‍वाइंट घटाकर कर दिया 9.1 फीसदी कर दिया है. रेटिंग एजेंसी का कहना है कि रूस-यूक्रेन संकट (Russia-Ukraine crisis) के कारण वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था पर नकारात्‍मक प्रभाव पड़ेगा और इससे भारत की विकास दर भी प्रभावित होगी.

पिछले महीने मू‍डीज ने भारत की वृद्धि के पूर्वानुमान को कैलेंडर वर्ष 2022 के लिए 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 9.5 फीसदी कर दिया था. लेकिन, अब उसने अपने ग्रोथ पूर्वानुमान में संशोधन कर दिया है. एक बयान में मूडीज ने कहा है कि कच्‍चे तेल की कीमतों (Crude price) में बढ़ोतरी का भारत पर विशेष तौर पर प्रभाव पड़ेगा, क्‍योंकि भारत कच्‍चे तेल का बड़ा आयातक है. वहीं अनाज और अन्‍य कृषि उत्‍पादों के दाम बढ़ने से भारत को फायदा होगा क्‍योंकि देश के पास अन्‍न का सरप्‍लस भंडार है और वह बड़ी मात्रा में कृषि उत्‍पाद निर्यात करता है.

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ग्रोथ रेट पूर्वानुमान में 0.4 पर्सेंटेज प्‍वाइंट की कमी

मू‍डीज ने अपने बयान में कहा- ‘ईंधन और उर्वरकों के दाम बढ़ने से सरकार के खजाने पर काफी दबाव आएगा और सरकार को नियोजित पूंजीगत व्यय (Planned Capital Spending) को सीमित करना होगा. इन सब कारणों से हमने अपने भारत के लिए अपने वृद्धि पूर्वानुमानों को 0.4 पर्सेंटेज प्‍वाइंट घटा दिया है. हमें उम्‍मीद है कि भारत की अर्थव्‍यवस्‍था इस साल 9.1 फीसदी की दर से बढ़ेगी. वर्ष 2023 में यह दर 5.4 फीसदी रहेगी.’

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रूस-यूक्रेन संकट का असर

रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने से वैश्विक आर्थिक पृष्ठभूमि में काफी बदलाव आया है. इस तनाव ने तीन माध्‍यमों से प्रभाव डाला है. पहला, मौजूदा और अपेक्षित आपूर्ति की कमी से वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी से इनपुट लागत और मुद्रास्‍फीति में खतरनाक तरीके से बढ़ोतरी हो सकती है. दूसरा, आज की एकीकृत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए वित्तीय और व्यावसायिक व्यवधान अत्यधिक जोखिम पैदा कर रहे हैं. और तीसरा, बढ़े हुए सुरक्षा और भू-राजनीतिक जोखिम आर्थिक लागतों को बढ़ाएंगे. इससे अर्थव्‍यवस्‍थाओं पर दबाव आएगा.

Tags: India growth, Indian economy

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