Nupur Sharma: नुपुर शर्मा ने फिर खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, पैगंबर टिप्पणी मामले में की गिरफ्तारी से राहत की मांग


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पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर विवादों में आईं भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने एक बार फिर राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। नुपुर ने मांग की है कि कोर्ट उनके खिलाफ दर्ज मामलों में गिरफ्तारी पर रोक लगाए। नुपुर ने कोर्ट से अपील की है कि कोर्ट देशभर में उनके खिलाफ दर्ज केसों पर एक साथ सुनवाई के लिए निर्देश जारी करे। 

गौरतलब है कि भाजपा की प्रवक्ता रहते हुए नुपुर शर्मा ने मई महीने में पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद बयान दिया था। इससे बाद पूरे देश में बवाल खड़ा हो गया था। नुपुर के बयान के खिलाफ तीन जून को कानपुर में जुमे की नमाज के बाद हिंसा हुई। 10 जून को प्रयागराज, रांची, सहारनपुर, हाथरस समेत देश के कई शहरों में नुपुर के बयान के खिलाफ जुमे की नमाज के बाद हिंसा और उपद्रव हुआ। इसके अलावा 21 जून को महाराष्ट्र के अमरावती और 29 जून को राजस्थान के उदयपुर में नुपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने वाले दो लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। 

नुपुर के खिलाफ कहां-कहां मामले दर्ज हैं? 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नुपुर शर्मा के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा एफआईआर दर्ज हैं। उन पर सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में मुकदमे हैं। उनपर धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप लगे हैं। इसके अलावा दंगा भड़काने का भी मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा मुंबई में दो, दिल्ली, हैदराबाद और श्रीनगर में एक-एक मामला दर्ज है। सभी जगह नुपुर पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज किया गया है।
 
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली याचिका पर नहीं दी थी राहत
नुपुर शर्मा ने पिछले महीने भी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने मांग की थी कि देशभर में उनके खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई दिल्ली में हो। नुपुर ने अपनी जान को खतरा भी बताया था। हालांकि, कोर्ट ने नुपुर को कोई राहत देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि नुपुर शर्मा द्वारा माफी मांगने और बयान वापस लेने में बहुत देर की गई। कोर्ट ने कहा था कि नुपुर ने जिस तरह से पूरे देश में भावनाओं को भड़काया है, देश में जो हो रहा है उसके लिए वह अकेले जिम्मेदार हैं। कोर्ट की फटकार के बाद नुपुर के वकील ने याचिका वापस ले ली थी।

क्या था घटनाक्रम?
पिछले दिनों वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर देशभर में चर्चा छिड़ी हुई थी। इसी को लेकर 27 मई को भाजपा के प्रवक्ता के तौर पर नुपुर एक नेशनल टेलीविजन न्यूज चैनल की डिबेट में पहुंचीं। बहस के दौरान उन्होंने इस्लामी मान्यताओं का जिक्र करते हुए विवादित टिप्पणी की। इस पर विवाद बढ़ा तो भाजपा ने एक बयान जारी कर बिना नुपुर का नाम लिए सफाई दी और फिर नुपुर को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया।

विस्तार

पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर विवादों में आईं भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने एक बार फिर राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। नुपुर ने मांग की है कि कोर्ट उनके खिलाफ दर्ज मामलों में गिरफ्तारी पर रोक लगाए। नुपुर ने कोर्ट से अपील की है कि कोर्ट देशभर में उनके खिलाफ दर्ज केसों पर एक साथ सुनवाई के लिए निर्देश जारी करे। 

गौरतलब है कि भाजपा की प्रवक्ता रहते हुए नुपुर शर्मा ने मई महीने में पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद बयान दिया था। इससे बाद पूरे देश में बवाल खड़ा हो गया था। नुपुर के बयान के खिलाफ तीन जून को कानपुर में जुमे की नमाज के बाद हिंसा हुई। 10 जून को प्रयागराज, रांची, सहारनपुर, हाथरस समेत देश के कई शहरों में नुपुर के बयान के खिलाफ जुमे की नमाज के बाद हिंसा और उपद्रव हुआ। इसके अलावा 21 जून को महाराष्ट्र के अमरावती और 29 जून को राजस्थान के उदयपुर में नुपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने वाले दो लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। 

नुपुर के खिलाफ कहां-कहां मामले दर्ज हैं? 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नुपुर शर्मा के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा एफआईआर दर्ज हैं। उन पर सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में मुकदमे हैं। उनपर धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप लगे हैं। इसके अलावा दंगा भड़काने का भी मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा मुंबई में दो, दिल्ली, हैदराबाद और श्रीनगर में एक-एक मामला दर्ज है। सभी जगह नुपुर पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज किया गया है।

 

सुप्रीम कोर्ट ने पिछली याचिका पर नहीं दी थी राहत

नुपुर शर्मा ने पिछले महीने भी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने मांग की थी कि देशभर में उनके खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई दिल्ली में हो। नुपुर ने अपनी जान को खतरा भी बताया था। हालांकि, कोर्ट ने नुपुर को कोई राहत देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि नुपुर शर्मा द्वारा माफी मांगने और बयान वापस लेने में बहुत देर की गई। कोर्ट ने कहा था कि नुपुर ने जिस तरह से पूरे देश में भावनाओं को भड़काया है, देश में जो हो रहा है उसके लिए वह अकेले जिम्मेदार हैं। कोर्ट की फटकार के बाद नुपुर के वकील ने याचिका वापस ले ली थी।

क्या था घटनाक्रम?

पिछले दिनों वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर देशभर में चर्चा छिड़ी हुई थी। इसी को लेकर 27 मई को भाजपा के प्रवक्ता के तौर पर नुपुर एक नेशनल टेलीविजन न्यूज चैनल की डिबेट में पहुंचीं। बहस के दौरान उन्होंने इस्लामी मान्यताओं का जिक्र करते हुए विवादित टिप्पणी की। इस पर विवाद बढ़ा तो भाजपा ने एक बयान जारी कर बिना नुपुर का नाम लिए सफाई दी और फिर नुपुर को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया।



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