पंकज कपूर मजबूरी में बने थे ‘करमचंद जासूस’, मुफलिसी के दिनों में दूरदर्शन के इसी धारावाहिक ने दिया था सहारा


पंकज कपूर (Pankaj Kapoor) थियेटर, सिनेमा और टीवी (Pankaj Kapoor Theatre, television and films Actor) हर जगह अपनी शानदार अदाकारी से मन मोह लेने वाले एक्टर हैं. जल्द ही पंकज अपना 68वां जन्मदिन मनाएंगे, लेकिन आज भी अपनी एक्टिंग की पारी दमदार तरीके से खेल रहे हैं. यूं तो पंकज ने कई टीवी सीरियल्स और फिल्मों में यादगार काम किया है, लेकिन आज बात उस धारावाहिक ‘करमचंद’ (Karamchand) की जो 80 के दशक में दूरदर्शन पर टेलीकास्ट होता था. दूरदर्शन के जमाने के दर्शक आज भी पंकज के जासूसी अंदाज को भूले नहीं हैं, लेकिन इस रोल को निभाने से एक्टर ने पहले इनकार कर दिया था.

पंकज कपूर के अंदर बचपन से ही एक्टिंग का कीड़ा था. स्कूल कॉलेज के नाटकों में हिस्सा लिया करते थे. कॉलेज तक पहुंचते-पहुंचते पक्का इरादा कर लिया कि एक्टिंग को ही करियर बनाना है. पिता को जब इस बारे में बताया तो कहा कि पहले ये जानने की कोशिश करो कि कहीं ग्लैमर की वजह से तो नहीं जाना चाहते और अगर सच में एक्टिंग करनी है तो पहले इसकी तालीम लो. फिर सबकी सलाह पर पंकज कपूर ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से पढ़ाई की. यहां अभिनय की बारिकियां सीखीं.

‘करमचंद’ करने से पंकज कपूर ने मना कर दिया था
1982 में फिल्म ‘गांधी’ में एक छोटा सा रोल मिला. इस फिल्म में गांधी जी का रोल प्ले करने वाले बेन किंग्सले के लिए हिंदी डबिंग भी किया. थोड़े समय काम नहीं मिलने से परेशान रहे. काम की तलाश कर रहे थे तो एक दोस्त के कहने पर श्याम बेनेगल से मिले और उन्हें फिल्म ‘आरोहण’ में कास्ट कर लिया लेकिन मसला सर्वाइवल का था. एक्टर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि ‘ जिस तरह की फिल्में मैं कर रहा था उसमें काम करने का भरपूर मौका था लेकिन पैसा नहीं था. मुंबई में जीने के लिए पैसा जरूरी था. इसी समय टेलीविजन का दौर शुरू हो रहा था और ‘करमचंद’ में काम करने का ऑफर मिला. पहले तो मैंने मना कर दिया लेकिन जब लगा कि खाने-पीने के पैसे निकालना भी मुश्किल हो जाएगा तो मैंने इस धारावाहिक के लिए हां कर दिया’.

गाजर खाते ‘करमचंद जासूस’
बता दें कि 1985 में आने वाला शायद भारत का पहला जासूसी धारावाहिक भी ‘करमचंद जासूस’ ही है. उस दौर में जब सैटेलाइट चैनल नहीं होता था तब सिर्फ दूरदर्शन ही मनोरंजन का साधन था.  इस सीरियल में पंकज कपूर करमचंद जासूस की भूमिका में थे तो उनकी सेक्रेटरी किटी की भूमिका में सुष्मिता मुखर्जी हुआ करती थीं. जुर्म के गंभीर मसलों को फनी तरीके से सुलझाने वाला मजेदार सीरियल था. गाजर चबाते पंकज कपूर और एपिसोड के आखिर में मामला सुलझने पर किटी बोलती थी कि ‘यू आर रियली जीनियस’ तो करमचंद कहते थे ‘शटअप’. इसी के साथ शो खत्म होता था. ये पढ़कर शायद आपको भी दूरदर्शन वाले पुराने दिन याद आ गए होंगे.

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बड़े पर्दे से लेकर छोटे पर्दे तक अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले पंकज कपूर के बेटे शाहिद कपूर भी फिल्म इंडस्ट्री का जाना-माना नाम बन चुके हैं. हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘जर्सी’ में बाप-बेटे एक साथ नजर आए थे.

Tags: Actor, Shahid kapoor

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