Post Covid-19 Health Problems: जो लोग कोरोनावायरस से संक्रमित होने के बाद महामारी से बचे हैं, वे जानते हैं कि ठीक होने के बाद समस्याएं खत्म नहीं होती हैं. कोरोना से ठीक हुए मरीजों में कोविड के बाद की जटिलताओं के अनगिनत उदाहरण हैं. हार्ट डिजीज, किडनी की बीमारियां और ब्रेन स्ट्रोक कुछ ऐसी कॉम्प्लिकेशंस हैं, जो वायरस के संपर्क में आने के बाद हो सकती हैं. वहीं, नेचर जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी में कहा गया है कि जो लोग कोविड से ठीक हो गए हैं, उनके छह महीने के भीतर मरने का अधिक खतरा है. वाशिंगटन विश्वविद्यालय की एक अन्य स्टडी में कहा गया है कि कोविड -19 के हल्के मामलों में भी इसी अवधि (6 महीने) के भीतर मृत्यु हो सकती है.
ये स्पष्ट है कि जो लोग लंबे समय तक कोरोना से पीड़ित रहने के बाद ठीक होते हैं, उनमें किडनी और हार्ट डिजीज, ब्लड क्लॉट और ब्रेन स्ट्रोक जैसी बीमारियां होने का खतरा ज्यादा होता है.
पोस्ट कोविड बीमारी
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी न्यूज रिपोर्ट में एशियन अस्पताल फरीदाबाद के कंसल्टेंट फीजिशयन डॉ चारू दत्त अरोड़ा बताते हैं, ”लॉन्ग टर्म कोविड -19” कॉम्प्लिकेशंस से गंभीर बीमारी या मृत्यु दर की वजह हो सकती है. साल 2020-21 के दौरान अमेरिका में किए गए कई अध्ययनों में पाया गया है कि वैस्कुलर सिस्टम, कार्डियो-रेस्पिरेटरी सिस्टम और नर्व सिस्टम को इफेक्ट करने वाली कॉम्प्लिकेशंस से मौत भी हो सकती है.”
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सांस की बीमारी कोविड -19, शरीर के अन्य हिस्सों को कैसे प्रभावित कर सकती है, इस बारे में विस्तार से बताते हुए डॉक्टर ने कहा, “सेंट लुइस में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के साइंटिस्टों ने निर्धारित किया है कि ब्लड क्लॉट के विकास और वैस्कुलर इंफ्लेमेशन में वृद्धि से अचानक कार्डियक अरेस्ट, वीनस थ्रॉम्बोसिस और स्ट्रोक हो सकता है.”
लिवर डैमेज, रेस्पिरेटरी फेलियर और हार्ट अटैक कुछ ऐसी बीमारियां हैं जो कोविड से बचे लोगों की मृत्यु का कारण बन सकती हैं.
रोकथाम (Prevention)
अपनी डाइट और हेल्थ पैरामीटर्स को मॉनीटर करना ये सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि आपको कोरोना के बाद कोई बीमारी अपनी चपेट में ना ले लें. जिससे आपके जान को भी खतरा हो सकता है.
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डॉ. चारु ने कहा. “भरपूर मात्रा में फाइबर और फ्लूड के साथ एक बैलेंस डाइट साथ सभी पोस्ट कोविड रोगियों के लिए बहुत जरूरी है. गहरी सांस लेने वाली एक्सरसाइज, इंफेक्शन को कंट्रोल करने वाले उपायों का पालन करना और फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा जांच करवाना अनिवार्य है, ताकि अचानक श्वसन संबंधी जटिलताओं (respiratory complications) से बचा जा सके.”
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Tags: Health, Health News, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : May 10, 2022, 21:00 IST