संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दिया एकजुटता का संदेश, बोले- हिंसा प्रिय समाज गिन रहा अपने अंतिम दिन


महाराष्ट्र: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने गुरुवार को महाराष्ट्र के अम​रावती जिले में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हिंसा से किसी भी समाज का फायदा नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि जिस समाज को हिंसा प्रिय है, वर्तमान में वह अपने अंतिम दिन गिन रहा है. मोहन भागवत ने कहा, ‘हिंसा से किसी का भला नहीं होता है. हमें हमेशा अहिंसक और शांतिप्रिय होना चाहिए. इसके लिए सभी समुदायों को एक साथ लाना और मानवता की रक्षा करना जरूरी है. हम सभी को इस काम को प्राथमिकता के आधार पर करने की जरूरत है.’

मोहन भागवत पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती जिले में भानखेड़ा रोड पर कंवरराम धाम में संत कंवरराम के प्रपौत्र साईं राजलाल मोरदिया के ‘गद्दीनाशिनी’ कार्यक्रम (धार्मिक आसन ग्रहण करने का समारोह) में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने पहुंचे थे. समारोह में अमरावती जिले और देश के विभिन्न हिस्सों से सिंधी समुदाय के सैकड़ों सदस्य शामिल हुए. संघ प्रमुख के इस बयान को देश के कई राज्यों में रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर हालिया सांप्रादायिक झड़पों के संदर्भ में देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने सभी समुदायों को एक साथ लाने और मानवता की रक्षा करने की वकालत की.

सनातन धर्म को मिटाने का प्रयास करने वाले खुद मिट गए
मोहन भागवत ने कहा कि सरकार हो या कोई अन्य, यह समाज के दबाव पर काम करती है. सामाजिक दबाव सरकार के लिए पेट्रोल की तरह है. भागवत ने सिंधी भाषा और संस्कृति के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए देश में एक सिंधी विश्वविद्यालय स्थापित करने की आवश्यकता बताई. संघ प्रमुख ने कहा कि भारत एक बहुभाषी देश है और हर भाषा का अपना महत्व है. संघ प्रमुख ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां दुनिया के हर प्रकार के व्यक्ति की दुष्ट प्रवृत्ति समाप्त हो जाती है. वह भारत में आकर या तो सुधर जाता है या फिर उसका अस्तित्व समाप्त हो जाता है. उन्होंने कहा कि 1000 साल तक भारतीय सनातन धर्म को समाप्त करने के लगातार प्रयास किए गए. यह कोशिश करने वाले तो मिट गए, लेकिन सनातन धर्म आज भी मौजूद है.

मोहन भागवत ने अखंड भारत को लेकर दिया था बड़ा बयान
आपको बता दें कि मोहन भागवत ने हाल में ही अखंड भारत को लेकर एक बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था, वैसे तो 20 से 25 साल में अखंड भारत का सपना साकार हो जाएगा. लेकिन हम थोड़ा ज्यादा प्रयास करें, तो स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरविंद के सपनों का अखंड भारत 10 से 15 साल में ही बन जाएगा. संघ प्रमुख ने कहा था कि जिस प्रकार भगवान कृष्ण ने अपनी सबसे छोटी उंगली से गोवर्धन पर्वत उठा लिया था, उसी तरह संतों के आशीर्वाद से भारत बहुत जल्द फिर से अखंड भारत बनेगा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक ने कहा था कि सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है.

Tags: Mohan bhagwat, Rashtriya Swayamsevak Sangh, RSS





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