पंजाब, खालिस्तान और केजरीवाल: क्या है कनाडा और आयरलैंड में हुईं आप नेताओं की ‘गुप्त’ बैठकों का राज?


सार

डॉ. मुनीष ने अमर उजाला डॉट कॉम से कहा, कुमार ने वेब सीरीज में खालिस्तान को लेकर कई इशारे कर दिए थे। इसमें कोई दो राय नहीं कि केजरीवाल, सत्ता के लिए कुछ भी कर सकता है। विदेशों में खालिस्तान समर्थकों से मदद मांगने के लिए उनकी पार्टी के नेता कनाडा आए थे। कनाडा ही कथित तौर पर खालिस्तान का सबसे बड़ा केंद्र बताया जाता है। पन्नू अपनी अधिकांश गतिविधियां यहीं से संचालित करता है…

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आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता, संस्थापक सदस्य और किसी समय केजरीवाल के खास रहे कुमार विश्वास ने पंजाब में विधानसभा चुनाव के मतदान से दो दिन पहले ‘खालिस्तान’ समर्थकों के साथ आप नेताओं के संबंधों को लेकर जो बम फोड़ा है, उसके सच होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि कुमार विश्वास के इन आरोपों से पहले ‘ट्रांसपेरेंसी’ वेब सीरीज में भी ऐसी बातें सामने आई थीं। तब उतना बवाल नहीं मचा था। वेब सीरीज बनाने वाले डॉ. मुनीष रायजादा ने शिकागो से अमर उजाला डॉट कॉम के साथ विस्तृत बातचीत की है।

डॉ. रायजादा ने कहा, ये आरोप नहीं हैं, एक सच्चाई है। पूर्व के विधानसभा चुनाव में आप नेता कनाडा और आयरलैंड में संदिग्ध बैठकें कर चुके हैं। उन बैठकों में खालिस्तानी समर्थक मौजूद रहे हैं। चंदे के अलावा चुनाव में अन्य तरीकों से मदद मांगी गई। आप के साथ जुड़ी रहीं अभिनेत्री गुल पनाग ने भी कुछ ऐसा ही इशारा किया था। आप सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री, जिन्हें आज केजरीवाल का सबसे खास आदमी माना जाता है, वे भी आयरलैंड गए थे।

स्वतंत्र देश (खालिस्तान) का प्रधानमंत्री बनना है

केजरीवाल के पूर्व सहयोगी कुमार विश्वास ने एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में केजरीवाल और खालिस्तानियों के बीच संबंध होने का दावा किया था। बतौर कुमार, ‘अरविंद केजरीवाल ने मुझसे कहा कि मुझे पंजाब का मुख्यमंत्री बनना है या स्वतंत्र देश (खालिस्तान) का प्रधानमंत्री।’ ये बयान आते ही पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने भारत सरकार को पत्र लिखा। उन्होंने उक्त मामले की गहराई से जांच कराने की मांग की थी। शाह ने 18 फरवरी को पत्र का जवाब देते हुए लिखा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के बीच कथित संबंधों की जांच होगी। अमित शाह खुद इस मामले को देखेंगे। शाह ने लिखा, आपके अनुसार एक राजनीतिक पार्टी का देश विरोधी, अलगाववादी एवं प्रतिबंधित संस्था से संपर्क रखना और चुनाव में सहयोग प्राप्त करना देश की एकता एवं अखंडता के दृष्टिकोण से अत्यंत गंभीर मामला है। भारत सरकार ने इसे अत्यंत गंभीरता से लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रतिबंधित ‘सिख फॉर जस्टिस’ के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू को आतंकियों की सूची में शामिल कर रखा है। एनआईए द्वारा पन्नू के ख़िलाफ केस दर्ज किया गया है। किसान आंदोलन के दौरान एनआईए ने उसकी कई प्रॉपर्टी भी जब्त की थी।

खालिस्तान के सबसे बड़े केंद्र पर पहुंचे थे केजरीवाल

डॉ. मुनीष ने अमर उजाला डॉट कॉम से कहा, कुमार ने वेब सीरीज में खालिस्तान को लेकर कई इशारे कर दिए थे। इसमें कोई दो राय नहीं कि केजरीवाल, सत्ता के लिए कुछ भी कर सकता है। विदेशों में खालिस्तान समर्थकों से मदद मांगने के लिए उनकी पार्टी के नेता कनाडा आए थे। कनाडा ही कथित तौर पर खालिस्तान का सबसे बड़ा केंद्र बताया जाता है। पन्नू अपनी अधिकांश गतिविधियां यहीं से संचालित करता है। पिछले चुनाव में भी आप नेता कनाडा पहुंचे थे। आप के एक बड़े नेता जो यूपी में काफी सक्रिय हैं, वे और मीडिया जगत से जुड़ा एक बड़ा चेहरा, जो बाद में केजरीवाल से दूर हट गया, कनाडा आए थे। वे खालिस्तान से जुड़े लोगों से मिले थे। आप सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री, जिन्हें केजरीवाल का सबसे खास आदमी माना जाता है, वे भी आयरलैंड गए थे। बतौर डॉ. मुनीष, उन्होंने वहां पर ऐसे कई लोगों से मुलाकात की, जो देश हित के खिलाफ बात करते हैं। गुल पनाग ने भी वेब सीरीज को दिए अपने साक्षात्कार में इन बातों को लेकर सचेत किया था।

’40 हजार किलोमीटर के खूंटे गाडकर आए हैं’

डॉ. मुनीष बताते हैं, फरवरी 2015 में सत्ता हासिल होने के बाद केजरीवाल ने अप्रैल में कापासहेड़ा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में प्रशांत भूषण व योगेंद्र सहित कई लोगों को पार्टी से बाहर कर दिया था। उसके बाद पार्टी नेता दुर्गेश पाठक को पंजाब भेजा गया। पाठक और कुछ अन्य पार्टी कार्यकर्ता तीन वर्ष तक पंजाब में रहे। इन नेताओं का कहना था कि वे पंजाब में 40 हजार किलोमीटर के खूंटे गाडकर आए हैं। यानी उन्होंने पार्टी को लेकर हर गली का सर्वे किया है। उनके द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए केजरीवाल ने अपने आवास पर बैठक बुलाई। इस बैठक के बाद कई बड़े खुलासे हुए कि पंजाब भेजे गए लोगों ने वहां पर खूब मौज काटी थी। उन पर जिप्सी, होटल और शराब के अलावा अय्याशी के आरोप लगे थे। कथित तौर से पैसे का लेन देन भी हुआ था। कुमार ने आज जो भी आरोप लगाए हैं, उनमें दम है। वे गलत नहीं हैं। इस मामले की जांच उसी वक्त हो जानी चाहिए थी, जब ‘ट्रांसपेरेंसी’ में कुमार विश्वास ने पहली बार उक्त खुलासा किया था।

कौन हैं डॉ. मुनीष रायजादा, ‘चंदा चोर’ मुहिम चला चुके हैं

जब यह पार्टी खड़ी हो रही थी, तभी डॉ. रायजादा कई महीनों के लिए भारत आए थे। उस वक्त ‘आप’ का दफ्तर हनुमान रोड पर होता था। डॉ. मुनीष ने एनआरआई समुदाय के बीच ‘आप’ को स्थापित करने का बड़ा काम किया था। पार्टी को विदेश से चंदा दिलाने और प्रचार में उनकी अहम भूमिका रही थी। उन्होंने कई देशों में रह रहे भारतीयों का एक समूह बनाया। वहां से दिल्ली के लोगों को फोन कराए गए। इसमें केजरीवाल को विजयी बनाने की अपील की गई। इस अपील का खासा असर हुआ था। 2015 में चुनाव जीतने के बाद केजरीवाल ने जंतर मंतर पर आयोजित एक जनसभा में डॉ. मुनीष का हाथ पकड़ कर कहा था कि देखो ये डॉक्टर साहब कितनी दूर से मेरे लिए आए हैं। अपनी नौकरी छोड़कर ‘आप’ के लिए काम कर रहे हैं।

सत्ता आने के बाद केजरीवाल ने जब प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, प्रो. आनंद कुमार और अजीत झा जैसे लोगों को पार्टी से बाहर कर दिया। उसके बाद डॉ. मुनीष के साथ भी वैसा ही हुआ। डॉ. मुनीष ने इस पार्टी के बारे में जो कुछ सोचा था, वैसा कुछ नहीं था। बाद में उन्होंने ‘आप’ के चंदे में घालमेल को लेकर ट्रांसपेरेंसी वेब सीरीज बनाई। इसमें चंदे को लेकर एवं पार्टी नेताओं की सोच को लेकर कई रहस्यों से पर्दा हटा था। उन्होंने दिल्ली और पंजाब में चंदाचोर मुहिम चलाई थी। इस बार पंजाब चुनाव में भी चंदा चोरी का मुद्दा उठाया गया। उनका कहना था कि आप ने जनता के चंदे का दुरुपयोग किया है। चंदे में जबरदस्त घालमेल हुआ है। गुल पनाग ने ‘आप’ को लेकर कहा था कि पंजाब के लोगों को बरगलाने का प्रयास किया गया। ये वन मैन आर्मी थी।

सिख नेताओं में लड़ाई करवा कर पंजाब का सीएम बनना चाहते थे

आठ फरवरी 2020 को भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में लिखा, कुमार विश्वास ने खुलासा किया है कि केजरीवाल अपनी ही पार्टी के सिख नेताओं में लड़ाई करवा कर पंजाब का मुख्यमंत्री बनना चाहते थे। बीच में दिल्ली छोड़कर पंजाब जाने का इरादा बना लिया था। क्या ऐसे आदमी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बने रहने का अधिकार है। यह ट्वीट तब किया गया था, जब इससे पहले डॉ. मनीष द्वारा तैयार की गई वेब सीरीज ‘ट्रांसपेरेंसी’ में कुमार विश्वास ने इस तरह का खुलासा किया था। केजरीवाल को लगा था कि पंजाब में 90 सीट आएंगी और मैं सीएम बन जाउंगा। आप नेता भगवंत मान और एचएस फुल्का के बीच झगड़ा करा देंगे। तीन-चार दिन झगड़ा चलेगा। दिल्ली में मनीष सिसोदिया को सरकार की जिम्मेदारी सौंप कर मैं पंजाब चला जाऊंगा।

विस्तार

आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता, संस्थापक सदस्य और किसी समय केजरीवाल के खास रहे कुमार विश्वास ने पंजाब में विधानसभा चुनाव के मतदान से दो दिन पहले ‘खालिस्तान’ समर्थकों के साथ आप नेताओं के संबंधों को लेकर जो बम फोड़ा है, उसके सच होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि कुमार विश्वास के इन आरोपों से पहले ‘ट्रांसपेरेंसी’ वेब सीरीज में भी ऐसी बातें सामने आई थीं। तब उतना बवाल नहीं मचा था। वेब सीरीज बनाने वाले डॉ. मुनीष रायजादा ने शिकागो से अमर उजाला डॉट कॉम के साथ विस्तृत बातचीत की है।

डॉ. रायजादा ने कहा, ये आरोप नहीं हैं, एक सच्चाई है। पूर्व के विधानसभा चुनाव में आप नेता कनाडा और आयरलैंड में संदिग्ध बैठकें कर चुके हैं। उन बैठकों में खालिस्तानी समर्थक मौजूद रहे हैं। चंदे के अलावा चुनाव में अन्य तरीकों से मदद मांगी गई। आप के साथ जुड़ी रहीं अभिनेत्री गुल पनाग ने भी कुछ ऐसा ही इशारा किया था। आप सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री, जिन्हें आज केजरीवाल का सबसे खास आदमी माना जाता है, वे भी आयरलैंड गए थे।

स्वतंत्र देश (खालिस्तान) का प्रधानमंत्री बनना है

केजरीवाल के पूर्व सहयोगी कुमार विश्वास ने एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में केजरीवाल और खालिस्तानियों के बीच संबंध होने का दावा किया था। बतौर कुमार, ‘अरविंद केजरीवाल ने मुझसे कहा कि मुझे पंजाब का मुख्यमंत्री बनना है या स्वतंत्र देश (खालिस्तान) का प्रधानमंत्री।’ ये बयान आते ही पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने भारत सरकार को पत्र लिखा। उन्होंने उक्त मामले की गहराई से जांच कराने की मांग की थी। शाह ने 18 फरवरी को पत्र का जवाब देते हुए लिखा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के बीच कथित संबंधों की जांच होगी। अमित शाह खुद इस मामले को देखेंगे। शाह ने लिखा, आपके अनुसार एक राजनीतिक पार्टी का देश विरोधी, अलगाववादी एवं प्रतिबंधित संस्था से संपर्क रखना और चुनाव में सहयोग प्राप्त करना देश की एकता एवं अखंडता के दृष्टिकोण से अत्यंत गंभीर मामला है। भारत सरकार ने इसे अत्यंत गंभीरता से लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रतिबंधित ‘सिख फॉर जस्टिस’ के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू को आतंकियों की सूची में शामिल कर रखा है। एनआईए द्वारा पन्नू के ख़िलाफ केस दर्ज किया गया है। किसान आंदोलन के दौरान एनआईए ने उसकी कई प्रॉपर्टी भी जब्त की थी।

खालिस्तान के सबसे बड़े केंद्र पर पहुंचे थे केजरीवाल

डॉ. मुनीष ने अमर उजाला डॉट कॉम से कहा, कुमार ने वेब सीरीज में खालिस्तान को लेकर कई इशारे कर दिए थे। इसमें कोई दो राय नहीं कि केजरीवाल, सत्ता के लिए कुछ भी कर सकता है। विदेशों में खालिस्तान समर्थकों से मदद मांगने के लिए उनकी पार्टी के नेता कनाडा आए थे। कनाडा ही कथित तौर पर खालिस्तान का सबसे बड़ा केंद्र बताया जाता है। पन्नू अपनी अधिकांश गतिविधियां यहीं से संचालित करता है। पिछले चुनाव में भी आप नेता कनाडा पहुंचे थे। आप के एक बड़े नेता जो यूपी में काफी सक्रिय हैं, वे और मीडिया जगत से जुड़ा एक बड़ा चेहरा, जो बाद में केजरीवाल से दूर हट गया, कनाडा आए थे। वे खालिस्तान से जुड़े लोगों से मिले थे। आप सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री, जिन्हें केजरीवाल का सबसे खास आदमी माना जाता है, वे भी आयरलैंड गए थे। बतौर डॉ. मुनीष, उन्होंने वहां पर ऐसे कई लोगों से मुलाकात की, जो देश हित के खिलाफ बात करते हैं। गुल पनाग ने भी वेब सीरीज को दिए अपने साक्षात्कार में इन बातों को लेकर सचेत किया था।

’40 हजार किलोमीटर के खूंटे गाडकर आए हैं’

डॉ. मुनीष बताते हैं, फरवरी 2015 में सत्ता हासिल होने के बाद केजरीवाल ने अप्रैल में कापासहेड़ा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में प्रशांत भूषण व योगेंद्र सहित कई लोगों को पार्टी से बाहर कर दिया था। उसके बाद पार्टी नेता दुर्गेश पाठक को पंजाब भेजा गया। पाठक और कुछ अन्य पार्टी कार्यकर्ता तीन वर्ष तक पंजाब में रहे। इन नेताओं का कहना था कि वे पंजाब में 40 हजार किलोमीटर के खूंटे गाडकर आए हैं। यानी उन्होंने पार्टी को लेकर हर गली का सर्वे किया है। उनके द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए केजरीवाल ने अपने आवास पर बैठक बुलाई। इस बैठक के बाद कई बड़े खुलासे हुए कि पंजाब भेजे गए लोगों ने वहां पर खूब मौज काटी थी। उन पर जिप्सी, होटल और शराब के अलावा अय्याशी के आरोप लगे थे। कथित तौर से पैसे का लेन देन भी हुआ था। कुमार ने आज जो भी आरोप लगाए हैं, उनमें दम है। वे गलत नहीं हैं। इस मामले की जांच उसी वक्त हो जानी चाहिए थी, जब ‘ट्रांसपेरेंसी’ में कुमार विश्वास ने पहली बार उक्त खुलासा किया था।

कौन हैं डॉ. मुनीष रायजादा, ‘चंदा चोर’ मुहिम चला चुके हैं

जब यह पार्टी खड़ी हो रही थी, तभी डॉ. रायजादा कई महीनों के लिए भारत आए थे। उस वक्त ‘आप’ का दफ्तर हनुमान रोड पर होता था। डॉ. मुनीष ने एनआरआई समुदाय के बीच ‘आप’ को स्थापित करने का बड़ा काम किया था। पार्टी को विदेश से चंदा दिलाने और प्रचार में उनकी अहम भूमिका रही थी। उन्होंने कई देशों में रह रहे भारतीयों का एक समूह बनाया। वहां से दिल्ली के लोगों को फोन कराए गए। इसमें केजरीवाल को विजयी बनाने की अपील की गई। इस अपील का खासा असर हुआ था। 2015 में चुनाव जीतने के बाद केजरीवाल ने जंतर मंतर पर आयोजित एक जनसभा में डॉ. मुनीष का हाथ पकड़ कर कहा था कि देखो ये डॉक्टर साहब कितनी दूर से मेरे लिए आए हैं। अपनी नौकरी छोड़कर ‘आप’ के लिए काम कर रहे हैं।

सत्ता आने के बाद केजरीवाल ने जब प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, प्रो. आनंद कुमार और अजीत झा जैसे लोगों को पार्टी से बाहर कर दिया। उसके बाद डॉ. मुनीष के साथ भी वैसा ही हुआ। डॉ. मुनीष ने इस पार्टी के बारे में जो कुछ सोचा था, वैसा कुछ नहीं था। बाद में उन्होंने ‘आप’ के चंदे में घालमेल को लेकर ट्रांसपेरेंसी वेब सीरीज बनाई। इसमें चंदे को लेकर एवं पार्टी नेताओं की सोच को लेकर कई रहस्यों से पर्दा हटा था। उन्होंने दिल्ली और पंजाब में चंदाचोर मुहिम चलाई थी। इस बार पंजाब चुनाव में भी चंदा चोरी का मुद्दा उठाया गया। उनका कहना था कि आप ने जनता के चंदे का दुरुपयोग किया है। चंदे में जबरदस्त घालमेल हुआ है। गुल पनाग ने ‘आप’ को लेकर कहा था कि पंजाब के लोगों को बरगलाने का प्रयास किया गया। ये वन मैन आर्मी थी।

सिख नेताओं में लड़ाई करवा कर पंजाब का सीएम बनना चाहते थे

आठ फरवरी 2020 को भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में लिखा, कुमार विश्वास ने खुलासा किया है कि केजरीवाल अपनी ही पार्टी के सिख नेताओं में लड़ाई करवा कर पंजाब का मुख्यमंत्री बनना चाहते थे। बीच में दिल्ली छोड़कर पंजाब जाने का इरादा बना लिया था। क्या ऐसे आदमी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बने रहने का अधिकार है। यह ट्वीट तब किया गया था, जब इससे पहले डॉ. मनीष द्वारा तैयार की गई वेब सीरीज ‘ट्रांसपेरेंसी’ में कुमार विश्वास ने इस तरह का खुलासा किया था। केजरीवाल को लगा था कि पंजाब में 90 सीट आएंगी और मैं सीएम बन जाउंगा। आप नेता भगवंत मान और एचएस फुल्का के बीच झगड़ा करा देंगे। तीन-चार दिन झगड़ा चलेगा। दिल्ली में मनीष सिसोदिया को सरकार की जिम्मेदारी सौंप कर मैं पंजाब चला जाऊंगा।



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