सत्यजीत रे ने जीता था ऑस्कर अवॉर्ड, बर्थडे पर फ्री में ऑनलाइन देखें उनकी ये 5 बेस्ट फिल्में


भारत के अगर सबसे सफल और दुनियाभर में फेमस कुछ बेहतरीन फिल्मकारों की बात की जाए तो उसमें शायद सबसे ऊपर सत्यजीत रे (Satyajit Ray) का नाम रखा जाएगा। सत्यजीत रे ने अपनी जिंदगी में इतनी बेहतरीन फिल्में बनाई थीं कि विदेशों में भी लोग उनके डायरेक्शन के कायल हो जाते थे। उनकी प्रतिभा का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि फिल्मों में उनके योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट का अकैडेमी अवॉर्ड (ऑस्कर), दादा साहब फाल्के अवॉर्ड, भारत का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान भारत रत्न और 32 नैशनल अवॉर्ड से नवाजा गया था। आइए, उनके 101वें बर्थडे (Satyajit Ray Birthday) पर जानते हैं उनकी ऐसी 5 बेस्ट फिल्मों के बारे में जो आप घर बैठे ऑनलाइन मुफ्त में देख सकते हैं।

पाथेर पांचाली
सत्यजीत रे की ‘द अपू ट्रायलॉजी’ की पहली फिल्म ‘पाथेर पांचली’ 1955 में रिलीज हुई थी। यह फिल्म एक गरीब बंगाली ब्राह्मण की थी जो अमीर बनने और अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए गांव छोड़ देता है। इस फिल्म को इंटरनैशनल लेवल पर काफी सराहना मिली थी। इस फिल्म को आप फ्री ओटीटी प्लैटफॉर्म एमएक्स प्लेयर और ऐमजॉन प्राइम वीडियो पर ऑनलाइन देख सकते हैं।

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जलसाघर (द म्यूजिक रूम)
सत्यजीत रे की यह फिल्म 1958 में रिलीज हुई थी। फिल्म में बंगाली ऐक्टर छबि बिस्वास ने मुख्य भूमिका निभाई थी। यह फिल्म 1920 के दशक की कहानी पर आधारित थी। इसमें बिस्वास ने एक अमीर जमींदार का किरदार निभाया था। जब भारत में जमींदारी प्रथा का अंत हुआ तो जमींदार और उसका परिवार गरीब हो जाता है। जमींदार के पास केवल उसके त्याग के लिए समाज में मिलने वाला सम्मान ही बाकी रह जाता है। इस फिल्म को आप ऐमजॉन प्राइम वीडियो पर ऑनलाइन देख सकते हैं।
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महानगर (द बिग सिटी)
सत्यजीत रे की यह फिल्म 1963 में रिलीज हुई थी। फिल्म में माधबी मुखर्जी ने मुख्य भूमिका निभाई थी। फिल्म में एक ऐसी मिडिल क्लास फैमिली की कहानी थी जो कोलकाता में फाइनैंशल क्राइसिस से जूझ रहा है। फिल्म की मुख्य किरदार आरती परिवार के विरोध के बावजूद एक डोर टू डोर सेल्स वुमन की नौकरी करने लगती है। इस फिल्म की कहानी अपने दौर से आगे की कहानी थी और इसकी क्रिटिक्स ने बेहद सराहना की थी। इस फिल्म को आप ऐमजॉन प्राइम वीडियो पर ऑनलाइन देख सकते हैं।
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चारुलता
यह बांग्ला फिल्म साल 1964 में रिलीज हुई थी। सत्यजीत रे की ‘चारुलता’ गुरुदेव रबिंद्र नाथ टैगोर की एक नॉवल पर आधारित थी। इसकी कहानी ब्रिटिश राज के समय की थी जब बंगाल में पुनर्जागरण अपने चरम पर था। फिल्म की मुख्य किरदार भूपति एक बंगाली लेखक और बुद्धजीवी है जिसका राजनीति में बेहद इंट्रेस्ट है। चारु बेहद पढ़ी-लिखी है लेकिन उसका पति भूपति उसे समय नहीं देता है। बाद में भूपति का एक कजिन की एंट्री होती है जो चारुलता को लिखने के लिए प्रोत्साहित होता है। वक्त के साथ चारु और भूपति के कजन की नजदीकियां बढ़ने लगती हैं। फिल्म की पूरी कहानी जानना चाहते हैं तो इसे आप ऐमजॉन प्राइम वीडियो पर ऑनलाइन देख सकते हैं।
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अरण्यर दिन रात्रि (डेज ऐंड नाइट इन द फॉरेस्ट)
सत्यजीत रे की यह फिल्म साल 1970 में रिलीज हुई थी। यह अडवेंचर ड्रामा फिल्म भी एक नॉवल पर आधारित थी। यह 4 दोस्तों की कहानी है जो आपसी असहमति के बावजूद जुड़े हुए हैं। फिल्म में सौमित्र चटर्जी, शुभेंदु चटर्जी, शर्मिला टैगोर, सिमी ग्रेवाल और अपर्णा सेन जैसे कलाकार मुख्य भूमिकाओं में थे। इस फिल्म को आप ऐमजॉन प्राइम वीडियो पर ऑनलाइन देख सकते हैं।

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