Schools News: ‘ऑनलाइन क्लास शुरू की तो बच्चे स्कूल आना बंद कर देंगे’


कोरोना संक्रमण एक बार फिर से पैर पसारने लगा है, जिसके कारण चौथी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। इस बार के संक्रमण की खास बात यह है कि यह बच्चों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। शहर के कई स्कूलों के बच्चों के साथ शिक्षकों को भी कोरोना हो गया है। ऐसे में अभिभावकों की अपने बच्चों को लेकर चिंता बढ़ गई है। वहीं, स्कूलों के प्रबंधकों का कहना है कि अभिभावकों को डरने की नहीं सावधानी बरतने की जरूरत है। स्कूल प्रबंधन मास्क, सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर तापमान चेक करने समेत कोरोना संबंधी सभी गाइडलाइंस का पूरी तरह पालन कर रहे हैं।

कोरोना से बचाव की गाइडलाइंस का कर रहे पालन

संक्रमण से बचने के लिए कोरोना को लेकर जो भी गाइडलाइंस जारी की गई हैं, उनका पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। हर किसी के लिए मास्क अनिवार्य है। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है और सैनिटाइजेशन की भी पूरी व्यवस्था है। हाथों को साफ करने के बाद ही स्कूल में प्रवेश करने दिया जाता है। बच्चों का तापमान भी चेक किया जाता है। बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इसलिए अभिभावकों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। पैरंट्स बच्चों के अंदर भय पैदा करने की बजाय उन्हें सावधानी बरतना सिखाएं। – अंजू गौड़, प्रधानाचार्य, जेकेजी इंटरनैशनल स्कूल

घर पर रहने से बच्चे मानसिक रूप से हुए कमजोर

स्कूलों को अब पूरी क्षमता से खोला जाना जरूरी है, क्योंकि दो वर्ष तक स्कूल बंद रहने से बच्चों की पढ़ाई का बहुत नुकसान हो चुका है। घर के अंदर रहते हुए बच्चे मानसिक रूप से बीमार हो गए हैं, उनके अंदर एक नकारात्मकता पैदा हो गई है। हमें अब ऐसी स्थिति पैदा नहीं होने देनी है। स्कूलों ने ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन कक्षा की सुविधा दी तो अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजेंगे ही नहीं। हमने एक दिन ऑनलाइन कक्षा की सुविधा दी तो बच्चों की उपस्थिति घटकर 20 प्रतिशत रह गई थी। – सुभाष जैन, चेयरमैन, सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल

अभिभावक स्कूलों का सहयोग करें, तभी होगी पढ़ाई

कोरोना को लेकर अभिभावकों को डरने की नहीं बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है। यदि बच्चे में बुखार, सर्दी जैसे लक्षण दिखें तो बच्चे को स्कूल न भेजें और उसकी जानकारी स्कूल को भी दें। जिन बच्चों को कोरोना संक्रमण हो रहा है, वे तीन-चार दिन घर में ही रहकर ठीक हो रहे हैं। ऐसे में अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों के अंदर भय पैदा न करें। न ही बच्चे की पढ़ाई को लेकर किसी प्रकार की चिंता करें। उनकी पढ़ाई का कोई नुकसान नहीं होगा। भय पैदा करने से बच्चे को ठीक होने में अधिक समय लग सकता है। – शिखा वत्स, डायरेक्टर, गुरुकुल द स्कूल

स्कूल को बंद कर देना समस्या का समाधान नहीं

वर्तमान में कोरोना वायरस नॉर्मल हो गया है। संक्रमित होने पर बुखार, जुकाम जैसा महसूस होता है लेकिन सांस लेने में कोई परेशानी नहीं होती है। ऐसे में अभिभावकों को डरने की बजाय खुद भी सावधानी बरतनी चाहिए और अपने बच्चों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए। ऐसा करके कोरोना से बचा जा सकता है। स्कूल बंद करने से कुछ नहीं होगा। अमेरिका व विश्व के अन्य देशों में कोविड की दूसरी लहर के दौरान भी स्कूल बंद नहीं हुए थे। कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए पढ़ाई जारी रहनी चाहिए। – डॉ. रिचा सूद, डायरेक्टर, राम्यल किड्स

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