हाइलाइट्स
यह कार्रवाई सेबी द्वारा पारित दिसंबर 2020 के एकपक्षीय अंतरिम आदेश के बाद आया है.
SEBI ने इनसाइडर ट्रेडिंग को लेकर एक व्यक्ति पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
सेबी ने कई बार निवेशकों को चेताया है कि गैर रजिस्टर्ड एडवाइजर्स से आर्थिक सलाह नहीं लें.
नई दिल्ली. पूंजी बाजार के नियामक सेबी ने शुक्रवार को कुछ संस्थाओं और व्यक्तियों को स्वीकृति के बगैर निवेश परामर्श सेवाएं देने के लिए प्रतिभूति बाजारों से दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कैपिटल निवेश रिसर्च, ब्राइट मनी सॉल्यूशंस, नरेश निमावत और अश्विन डोरिया पर दो साल के लिए प्रतिभूति बाजार में काम करने पर रोक लगा दी है.
यह कार्रवाई सेबी द्वारा पारित दिसंबर 2020 के एकपक्षीय अंतरिम आदेश के बाद आया है जिसमें संस्थाओं के खिलाफ और उन्हें निवेश सलाहकार के रूप में कार्य करने से रोकने के लिए निर्देशित किया गया था तथा अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजारों से प्रतिबंधित किया गया था.
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SEBI ने 10 लाख का जुर्माना भी ठोका
सेबी ने अपनी पड़ताल में पाया कि कंपनियां निवेश सलाहकार के रूप में प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना अनधिकृत निवेश सलाहकार सेवाओं में लगी हुई थीं जो आईए (निवेश सलाहकार) नियमों का उल्लंघन करता है. नोटिस के अनुसार, कंपनियों द्वारा अप्रैल 2019 से दिसंबर 2020 के दौरान जुटाई गई राशि 95.30 लाख रुपये थी. एक अन्य आदेश में, सेबी ने शोभा लिमिटेड के शेयरों में अंदरूनी व्यापार मानदंडों के उल्लंघन के लिए एक व्यक्ति पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
दरअसल, सेबी ने कई बार निवेशकों को चेताया है कि ऐसे लोगों से आर्थिक सलाह नहीं लें, जो बतौर इनवेस्टमेंट एडवाइजर सेबी के पास रजिस्टर्ड नहीं हैं. इसके अलावा किसी गैर रजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर से टिप्स लेने और किसी कंपनी के साथ अपने डीमैट अकाउंट की जानकारी साझा करने से मना किया है. क्योंकि इससे धोखाधड़ी की संभावना भी बढ़ जाती है.
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Tags: Business news, SEBI, Stock market
FIRST PUBLISHED : October 29, 2022, 16:12 IST