सेंधवा उपद्रव: मेधा पाटकर और सुप्रीम कोर्ट के वकील हाशमी को सेंधवा से दस किमी पहले रोका, गाड़ी के आगे अड़ा दिए कई पुलिस वाहन


मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के सेंधवा में रामनवमी पर हुए विवाद के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर है। शनिवार को नर्मदा बचाओ आंदोलन नेत्री मेधा पाटकर और सुप्रीम कोर्ट वकील एहतेशाम हाशमी को सेंधवा जाने से रोक दिया गया। दोनों को सेंधवा से 10 किमी दूर बालसमुद आरटीओ बैरियर के पास रोक लिया गया। उनकी गाड़ी के आगे पुलिस के कई वाहन अड़ा दिए गए।

 

बता दें कि रामनवमी पर निकले जुलूस पर पथराव हुआ था, इसके बाद प्रशासन ने वीडियो देख करीब 15 मकानों को तोड़ा है। साथ ही तीन ऐसे लोगों को आरोपी बनाया है जो घटना के समय जेल में बंद थे। मामले ने काफी तूल पकड़ा था। जिनके घर तोड़े गए, जिन्हें आरोपी बनाया गया। मेधा पाटकर और एहतेशाम हाशमी सेंधवा आकर उन लोगों से मिलना चाहते थे।

सेंधवा में सांप्रदायिक तनाव के बाद प्रशासन की कार्रवाई को गलत बताने के लिए नर्मदा बचाओ आंदोलन नेत्री मेधा पाटकर और सुप्रीम कोर्ट वकील एहतेशाम हाशमी सेंधवा पहुंच रहे थे, पर सेंधवा से 10 किमी दूर बालसमुद आरटीओ बैरियर के पास उन्हें रोक लिया गया। पाटकर ने कहा कि खरगोन-सेंधवा में जो हो रहा है, वह बहुत दुखद है। हम शांति की अपील करते हैं। इसके बावजूद हमें रोक दिया गया।

 

मेधा पाटकर ने कहा कि कोई आरोप नहीं, कोई पंचनामा नहीं, कोई नुकसान भरपाई की बात नहीं, जो युवा जेल में है उन युवाओं पर झूठे आरोप लगाए गए। हम महात्मा गांधी को मानने वाले लोग हैं। हमारा हरदम शांति का पथ रहेगा। वहीं सुप्रीम कोर्ट वकील हाशमी ने कहा कि कुछ तो गलत हुआ है, इसलिए वकील और समाजसेवी को जाने नहीं दिया जा रहा है। हमें रोककर समाज को क्या मैसेस दिया जा रहा है। हाशमी ने कहा कि सेंधवा उपद्रव की इंडिपेंडेंट एजेंसी से जांच करवाने के लिए हम हाईकोर्ट में मांग करेंगे। हम एसआईटी के गठन की मांग करते हैं। 

 



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