गायक जस्टिन बीबर को हुआ ‘रामसे हंट सिंड्रोम’, आधे चेहरे पर मारा लकवा, नहीं झपक रही एक आंख


What is Ramsay Hunt Syndrome: दुनिया भर में अपनी गायिकी से मशहूर हॉलीवुड के सिंगर जस्टिन बीबर (Justin Bieber) के आधे चेहरे पर लकवा मार दिया है. इस खबर को सुनकर उनके फैंस काफी दुखी हैं. युवाओं के बीच जस्टिन काफी लोकप्रिय और फेवरेट हैं. ऐसे में उनकी सेहत से जुड़ी ये खबर सुनकर हर फैन उदास है. सेहत खराब होने के कारण उन्होंने अपने कई देशों के शोज भी रद्द कर दिए हैं. जस्टिन बीबर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करके अपनी सेहत के बारे में फैंस को ये जानकारी दी. वीडियो में पॉप सिंगर जस्टिन बीबर कह रहे हैं कि लकवा मारने के कारण ना तो उनकी एक आंख बंद हो पा रही है और ना ही एक साइड से वे हंस-बोल पा रहे हैं. यहां तक कि उनकी नाक भी नहीं हिल पा रही है. एक तरफ का उनका चेहरा कोई भी मूवमेंट नहीं कर पा रहा है.

जस्टिन ने वीडियो में बताया है कि उन्हें रामसे हंट सिंड्रोम हो गया है. यह बीमारी एक वायरस द्वारा एक तरफ के कान और चेहरे के नसों पर अटैक करने के कारण होती है. इस वजह से ही उनका आधा चेहरा पैरालाइज्ड हो गया है. आखिर क्या होता है रामसे हंट सिंड्रोम, क्या होते हैं इसके कारण, लक्षण और इलाज, एक्सपर्ट्स ने बताया विस्तार से.

क्या है रामसे हंट सिंड्रोम

फोर्टिस हॉस्पिटल (मुलुंड, मुंबई) की इंफेक्शियस डिजीज स्पेशलिस्ट डॉ. अनीता मैथ्यू कहती हैं कि जब से जस्टिन बीबर की ये खबर सामने आई है, रामसे हंट सिंड्रोम के बारे में जानने की उत्सुकता लोगों में बढ़ गई है. लोग इस बीमारी के बारे में इंटरनेट पर सर्च कर रहे हैं. रामसे हंट सिंड्रोम एक दुर्लभ तंत्रिका संबंधी विकार (न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर) है. इसमें चेहरे के एक तरफ लकवा मार देता है. साथ ही रैश मुंह या कान की नसों को प्रभावित करते हैं. इससे चेहरे के प्रभावित हिस्से, चेहरे की तंत्रिका में गंभीर दर्द देता है.

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रामसे हंट सिंड्रोम का कारण

फोर्टिस हीरानंदानी हॉस्पिटल, (वाशी, मुंबई) के सीनियर कंसल्टेंट-न्यूरोलॉजी डॉ. पवन ओझा कहते हैं कि रामसे हंट सिंड्रोम जोस्टर वायरस (zoster virus) के कारण होता है. ये वायरस चिकन पॉक्स का भी कारण बनता है. बचपन में चिकन पॉक्स से पीड़ित होने के बाद, वायरस शरीर में सुप्त अवस्था में मौजूद रहता है और जब भी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, तो यह उभरने लगता है. जब कभी भी शरीर गंभीर तनाव से गुजरता है, तो यह स्थिति वायरस को ट्रिगर कर सकती है. डायबिटीज या शरीर के इम्यूनोकम्प्रोमाइज की अवस्था में होने पर भी रामसे हंट सिंड्रोम हो सकता है.

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रामसे हंट सिंड्रोम के लक्षण

कई मरीजों में चेहरे पर लकवा मार देता है और प्रभावित कान में रैशे हो जाते हैं. हालांकि, इसके लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग नज़र आ सकते हैं, जो इस प्रकार हैं-
-कान के अंदर और उसके आसपास तरल पदार्थ से भरे फफोले के साथ दर्दनाक लाल चकत्ते होना
-हंसने में समस्या महसूस करना
-प्रभावित भाग वाले अंख को बंद कर पाने में असमर्थ होना
-कान के बाहरी हिस्से में गभीर रूप से दर्द होना
-कान का दर्द कई बार गर्दन तक पहुंच जाना
-ठीक से सुनाई नहीं देना
-आंखों में ड्राइनेस की समस्या
-चक्कर आना, घूमना या संतुलन बनाने में दिक्कत होना
-सिरदर्द, भ्रम, ड्राउजीनेस
-स्वाद में बदलाव होना.

रामसे हंट सिंड्रोम का इलाज

इस बीमारी का इलाज, एंटीवायरल, फिजियोथेरेपी, स्टेरॉएड्स और दवाओं के जरिए की जाती है. दवाओं के सेवन से न्यूरोलॉजिकल दर्द कम होता है. यदि इसका इलाज समय पर ना किया जाए, तो मरीज की सुनने की क्षमता भी जा सकती है. साथ ही मांसपेशियों में कमजोरी, चेहरे की विकृति आदि लक्षण नजर आ सकते हैं.

Tags: Health, Health News, Lifestyle



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