इन्टर्न के तौर पर शुरू किया करियर, अब खड़ी कर दी यूनिकॉर्न कंपनी, नाम है मनीष तनेजा


नई दिल्ली. 2005 में एक छोटी-सी कंपनी में बतौर इन्टर्न काम शुरू करने वाले मनीष ने 2022 आते-आते एक बड़ी कंपनी खड़ी कर दी है. कंपनी इतनी बड़ी है कि बीते हफ्ते यह भारतीय कंपनियों के यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो गई है. इस कंपनी का नाम है पर्पल (Purplle) और इसे कामयाब बनाने वाले शख्स को लोग मनीष तनेजा के नाम से जानते हैं.

मनीष तनेजा और उनकी कंपनी के बारे में हम आपको विस्तार से बताएंगे, लेकिन उससे पहले ये जान लीजिए कि यूनिकॉर्न कंपनी कितनी बड़ी होती है. दरअसल, जिस कंपनी की वैल्यूएशन 1 बिलियन डॉलर पहुंच जाती है, उसे यूनिकॉर्न कहा जाता है. 1 बिलियन डॉलर आज के हिसाब से 7,700 करोड़ रुपये हैं.
इस भारी-भरकम मूल्यांकन से आप समझ सकते हैं मात्र 17 सालों के करियर में एक शख्स ने इन्टर्न के तौर पर काम शुरू करने के बाद यूनिकॉर्न क्लब तक के सफर के दौरान कितनी ज्यादा मेहनत की होगी. तो चलिए, लगे हाथों हम आपको यह भी बता दें कि दूसरी कंपनी जो इसी सप्ताह यूनिकॉर्न बनी है उसका नाम है फिज़िक्सवाला (Physicswallah).

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ऐसा रहा है मनीष तनेजा का सफर
मनीष तनेजा के लिंक्डइन (LinkedIn) प्रोफाइल पर नज़र डालें तो उनकी पढ़ाई और करियर के बारे में काफी गहराई से जानकारी मिलती है. पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने आईआईटी दिल्ली से 5 साल बिताकर बी.टेक और एम.टेक की डिग्रियां हासिल कीं. उनकी स्ट्रीम इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग थी. उनके प्रोफाइल से यह भी पता चलता है कि उन्हें क्रिकेट का काफी शौक है. वे IIT दिल्ली में पढ़ते समय यहीं की क्रिकेट टीम के सदस्य भी रहे.

2002 से 2007 तक IIT दिल्ली से मास्टर्स की डिग्री लेने के बाद उन्होंने 2008-2010 के दौरान CFA इंस्टीट्यूट से फाइनेंस में लेवल 3 क्लीयर किया. उनके प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने पहली ही कोशिश में तीनों लेवल पास कर लिए. इसी बीच वे 2005 में IIT से पढ़ाई करते वक्त एक तरह से अपने करियर की शुरुआत कर चुके थे. उन्होंने Ittiam Systems प्राइवेट लिमिटेड में बतौर इन्टर्न काम किया था. बैंगलोर बेस्ड ये कंपनी मल्टीमीडिया और वीडियो एक्सपीरियंस को बेहतर करने के लिए सोल्यूशन्स मुहैया कराती है.

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पढ़ाई और काम दोनों जारी रहे
जुलाई 2007 में मनीष तनेजा ने लेहमैन ब्रदर्स (Lehman Brothers) में बतौर एनालिस्ट काम शुरू किया. इस दौरान मनीष IIT पास कर चुके थे. लेहमैन बदर्स में मनीष ने शेयर बाजार की बारीकियों पर काम किया. उन्होंने शेयर प्राइस से लेकर इक्विटी ऑप्शन और हेजिंग जैसी शेयर बाजार की तकनीकों पर काम किया.

इसके बाद अक्टूबर 2008 में उन्होंने Avendus Capital में बतौर एनालिस्ट काम शुरू किया और जुलाई 2010 में एक एसोसिएट बनकर कंपनी से विदाई ली. यहां उन्होंने माइक्रोफाइनेंसिंग से लेकर फंड जुटाने इत्यादी के लिए काम किया. इसके बाद एक एक प्राइवेट इक्विटी फर्म में बतौर एनालिस्ट काम करते रहे.

2012 में सब Purplle हो गया!
जनवरी 2012 में अपने शानदार करियर और अनुभव के साथ उन्होंने खुद को Purplle को बनाने में झोंक दिया. मनीष तनेजा ने अपनी नौकरी छोड़कर Purplle को चुना. फिलहाल वे Purplle के को-फाउंडर और सीईओ हैं. इस कंपनी की शुरुआत 3 आईआईटी इंजीनियर्स ने की थी, जिसमें मनीष तनेजा के साथ राहुल डैश (Rahul Dash) और सूयेश कात्यायनी (Suyash Katyayani) शामिल थे.
क्या काम है कंपनी का?

Purplle की आइडियोलॉजी है ब्यूटी फोर ऑल. हिन्दी में कहें तो “सबसे लिए सुंदरता”. अपनी लिंक्डइन प्रोफाइल पर उनकी लेटेस्ट पोस्ट एक अमेरिकी साइकैट्रिस्ट और लेखक एलिज़ाबेथ कुलेर-रोस (Elisabeth Kubler-Ross) द्वारा लिखी गई पंक्तियां है, “लोग धब्बों वाले कांच की खिड़कियों की तरह हैं. जब सूर्य आता है तो वे दमकते और चमकते हैं, लेकिन उनकी असली सुंदरता तभी बाहर आती है जब रोशनी उनके भीतर से आए.” इसके बाद मनीष लिखते हैं कि एक लीडर के तौर पर, यह हमारा मुख्य कर्तव्य है हम लोगों को भीतर से शाइन करने में मदद करें.

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कंपनी ब्यूटी प्रॉडक्ट्स बेचती है और अपने खुद के प्रॉडक्ट्स भी बनाती है. कंपनी की वेबसाइट और ऐप पर एक हजार से अधिक ब्रांड हैं. यह कंपनी नायका (Nykaa) की सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धी है.

ताजा राउंड की फंडिंग के बाद बनी यूनिकॉर्न
इस समय जबकि दुनियाभर के तमाम देशों में आर्थिक मंदी के संकट के बादल मंडरा रहे हैं, बड़े-बड़े निवेशक मनीष तनेजा की कंपनी में भरोसा जता रहे हैं. Sequoia द्वारा बैक्ड यह ब्यूटी स्टार्टअप को राउंड-ई की फंडिंग में 33 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्राप्त हुए हैं. इस राउंड को साउथ कोरियन वीसी फर्म, पैरामार्क वेंचर्स ने लीड किया. कंपनी में प्रेमजी इन्वेस्ट, ब्लूमी वेंचर्स एंड पीई फर्म, केदार कैपिटल्स ने भी इस फंडिंग राउंड को ज्वाइन किया था.

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