पटना. देश में लाउडस्पीकर और हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. बुधवार को पटना (Patna) पहुंचे पद्म विभूषण स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज (Swami Rambhadracharya) ने उत्तर प्रदेश में मस्जिदों पर से लाउडस्पीकर हटाने को उचित बताया है. उन्होंने कहा कि भारत को अजान की नहीं, बल्कि हनुमान चालीसा की जरूरत है. जिन्हें अजान की जरूरत हो, वो पाकिस्तान जाकर मरें. लाउडस्पीकर (Loud Speaker) बजाने और हनुमान चालीसा का पाठ करने को लेकर हो रही सियासत पर पद्म विभूषण स्वामी रामभद्राचार्य ने अजान की तरफदारी करने और हनुमान चालीसा का विरोध करने वालों पर जमकर निशाना साधा.
यूपी में मस्जिदों पर से लाउडस्पीकर हटाए जाने का स्वागत करते हुए स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि मस्जिदों पर से माइक उतरवाना बिल्कुल ठीक है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी बिहार के मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए कहूंगा. मस्जिदों पर लाउडस्पीकर बजाने से होने वाली परेशानी को धीरे-धीरे नीतीश कुमार भी समझ जाएंगे. लाउडस्पीकर पर कभी पूजा नहीं की जाती है. उन्होंने कहा कि यदि मस्जिदों पर से लाउडस्पीकर नहीं हटता है तो देश के सभी गांवों में हनुमान मंदिर बनाया जाएगा और उसमें उसी समय लाउडस्पीकर बजाया जाएगा जब मस्जिदों से अजान दिया जाता है.
ज्ञानवापी मस्जिद के कराए जा रहे सर्वे को ठहराया उचित
पद्म विभूषण स्वामी रामभद्राचार्य ने वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के कराए जा रहे सर्वे को उचित ठहराया है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम आक्रांताओं ने हिंदुओं के 30 हजार से भी अधिक मंदिरों को तोड़ा है. ज्ञानवापी में एक कुआं है उसको मस्जिद में घेर लिया गया है. ज्ञानवापी में मौजूद कुएं का जल जो भी पीता है वो ज्ञानी हो जाता है, मैंने भी ज्ञानवापी का जल पिया है. उन्होंने कहा कि जो हो रहा है वो उचित हो रहा है. यदि भारत में रहना है तो रघुवर का हो के रहना पड़ेगा, बाबर का नहीं. ताजमहल पहले तेजो महल था उसे बाद में ताजमहल कर दिया गया. स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि अपने अधिकार को मांगना असहिष्णुता नहीं है. अधिकार खोकर बैठना महा-दुष्कर्म है. हमारे अस्तित्व पर कुठाराघात ना करें, हमें प्रेम से रहने दें. क्या कभी हिंदुओ ने मुसलमानों के धार्मिक स्थल से छेड़छाड़ किया है.
देश भर में हो रहे हनुमान चालीसा के पाठ पर स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि हनुमान चालीसा गोस्वामी तुलसीदास की रचना है. मूर्ख आलोचक कहते हैं यह उनकी रचना नहीं है. प्रतिदिन 108 बार हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो कठिन से कठिन समस्या का समाधान हो जाएगा. भारत को अजान की नहीं हनुमान चालीसा की जरूरत है. जिन्हें अजान पढ़ाना है वो पाकिस्तान और अन्य जगह जाकर मरें.
पटना के महावीर मंदिर में पूजा करने के बाद पद्म विभूषण स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि लक्ष्मण जी का ननिहाल पाटलिपुत्र हुआ करता था और उन्होंने पाटलिपुत्र में महावीर मंदिर की स्थापना त्रेता युग में की थी और इस बात का उल्लेख रामायण में भी किया गया है.
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FIRST PUBLISHED : May 11, 2022, 22:53 IST