Team India: क्या भारतीय क्रिकेट की अगली पीढ़ी में नहीं है दम, पंत-राहुल फेल, रोहित-कोहली रिटायर हुए तो क्या होगा?


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भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पांच मैचों की टी-20 सीरीज खेली जा रही है। पहले मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने टीम इंडिया को करारी शिकस्त दी। भारतीय टीम 211 रन के स्कोर को डिफेंड नहीं कर सकी और दक्षिण अफ्रीका ने पांच गेंद रहते मैच जीत लिया। इस साल भारत ने तीनों फॉर्मेट मिलाकर कुल 17 मैच खेले हैं। इसमें  से भारत के नियमित कप्तान रोहित शर्मा ने 11 मैच खेले हैं। इन सभी मैचों में टीम इंडिया ने जीत हासिल की है। वहीं, छह मैचों में दूसरे खिलाड़ी के कप्तान रहते टीम इंडिया को सभी मैचों में हार मिली है।

रोहित की कप्तानी में टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज का वनडे और टी-20 सीरीज में क्लीन स्वीप किया। इसके बाद टीम ने श्रीलंका का टी-20 और टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप किया। वहीं, केएल राहुल की कप्तानी में टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक टेस्ट और तीन वनडे हार चुकी है। वहीं, विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा। वहीं, ऋषभ पंत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इस सीरीज के पहले मैच में हार झेलनी पड़ी है।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इस टी-20 सीरीज में जो टीम मैदान पर उतरी है, वह ‘नेक्स्ट जनरेशन टीम’ यानी अगले जनरेशन की टीम मानी जा रही है। इसमें भुवनेश्वर कुमार को छोड़कर कोई भी सीनियर खिलाड़ी मौजूद नहीं है। पहले इस टीम की कमान केएल राहुल संभालने वाले थे, लेकिन सीरीज से पहले वो चोटिल हो गए। ऐसे में ऋषभ पंत को कमान दी गई। पंत को भविष्य का कप्तान माना जा रहा था और यह जिम्मेदारी उन्हें इसी सीरीज में मिली, लेकिन टीम इंडिया में वह दम नहीं दिखा। 

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारत के अगले जनरेशन की टीम में दम नहीं है? रोहित शर्मा, विराट कोहली जैसे खिलाड़ी अगर संन्यास लेते हैं और जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और सूर्यकुमार यादव जैसे खिलाड़ी किसी वजह से नहीं खेलते हैं तो क्या टीम इंडिया इसी तरह हार का सामना करती रहेगी? ये बड़ा सवाल है। ऐसे में हम आपको मौजूदा टीम इंडिया की कमियों के बारे में बता रहे हैं…
ऋषभ पंत को आईपीएल में कप्तानी का अनुभव है और उसमें वह कामयाब भी हुए हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मैचों में कप्तानी का दबाव अलग है। ये दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले मैच में साबित हो गया। पंत की कप्तानी में दम नहीं दिखा। उन्होंने अपने सबसे वरिष्ठ स्पिनर युजवेंद्र चहल से सिर्फ दो ओवर गेंदबाजी कराई।

चहल मौजूदा समय में टीम इंडिया के सबसे मजबूत गेंदबाज हैं और आईपीएल में वह सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे थे। ऐसे में उन्हें सिर्फ दो ओवर गेंदबाजी देकर पंत ने ये साबित किया कि उन्हें अपने सबसे मजबूत स्पिनर पर भरोसा नहीं है। इसके अलावा टीम इंडिया के सबसे अनुभवी गेंदबाज भुवनेश्वर को पंत ने 18वें ओवर में गेंदबाजी दी।

आमतौर पर देखा जाता है कि ऐसे करीबी मैचों में अपने सबसे अनुभवी गेंदबाज से कप्तान 19वां ओवर डलवाते हैं, लेकिन पंत ने ऐसा नहीं किया। हार्दिक के एक ओवर में 18 रन पड़ने के बाद उन्हें गेंदबाजी ही नहीं दी गई। वहीं, केएल राहुल ने आईपीएल में भले ही दम दिखाया हो, लेकिन भारत के लिए अब तक कुछ खास नहीं कर सके हैं।

उन्होंने चार अंतरराष्ट्रीय मैचों में अब तक कप्तानी की है और चारों में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में बीसीसीआई को सही उत्तराधिकारी की तलाश करनी चाहिए या राहुल और पंत को ठीक एकदम से मौका देने से पहले रोहित से पूरी सीख लेनी चाहिए। ऐसे में रोहित को अब से लेकर टी-20 विश्व कप तक हर टी-20 मैच खेलना होगा।
टीम इंडिया के खिलाड़ी हमेशा की तरह इस साल भी काफी मैच खेलने वाले हैं। आईपीएल के तुरंत बाद रोहित शर्मा, विराट कोहली, बुमराह और शमी जैसे खिलाड़ियों को आराम दिया गया। वहीं, सूर्यकुमार यादव आईपीएल में चोटिल हो गए। ऐसे में बीसीसीआई को यह तय करना होगा कि आगामी टी-20 वर्ल्ड कप को देखते हुए कौन से खिलाड़ी उनके टारगेट लिस्ट में हैं।

टीम इंडिया ने अब तक इस साल तीन टी-20 सीरीज खेली हैं और तीनों सीरीज से ठीक पहले केएल राहुल चोटिल होकर सीरीज से बाहर हो गए। ऐसे में ईशान किशन को मौका दिया गया। अब अगर राहुल वापस आते हैं तो तीन सीरीज खेल चुके युवा ईशान को बाहर बैठना होगा।

फिर रोहित और राहुल ओपनिंग करते दिखेंगे, जो कि युवा खिलाड़ियों के लिए ठीक नहीं है। अगर बीसीसीआई इस युवा टीम के साथ ही आगे बढ़ना चाहता है, तो इन्हें टीम से बाहर और अंदर करने की बजाय लगातार मौके देने होंगे। वहीं, सीनियर खिलाड़ियों को भी लगातार ही मैच खेलने होंगे।
यह सही है कि खिलाड़ी लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं तो उन्हें आराम दिया जाना चाहिए, लेकिन इस साल टी-20 विश्व कप होना है और बीसीसीआई को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए।  विश्व कप में गिन के तीन महीने बचे हैं और भारत को इस बीच कुछ ही टी-20 मैच खेलने को मिलेंगे। ऐसे में हर मैच में नए खिलाड़ी को मौका देकर बीसीसीआई टीम के लय को बिगाड़ रहा है।

रोहित की कप्तानी में भारत ने लगातार 12 टी-20 जीते थे, लेकिन यह लय एक मैच में नए कप्तान के आते ही टूट गई। ऐसे में बीसीसीआई को यह तय करना होगा कि उनके लिए आईपीएल जरूरी है या टी-20 विश्व कप। अगर प्राथमिकता तय नहीं की गई तो टीम इंडिया का हाल पिछले विश्व कप की तरह हो सकता है। तब रोहित, कोहली जैसे सीनियर खिलाड़ी बहुत कम टी-20 मैच खेले थे और अचानक विश्व कप खेलने चले गए थे।

तब भी इंडिया की बी टीम टी-20 सीरीज खेल रही थी, लेकिन उसमें से बहुत कम खिलाड़ियों को विश्व कप में मौका मिला था। दूसरी तरफ श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान जैसी अन्य टीमें फिलहाल अपने सभी मैच फुल स्ट्रेंथ के साथ खेल रही हैं। श्रीलंका जैसी कमजोर टीम के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया ने अपने सबसे मजबूत टीम को उतारा। इन टीमों ने मान लिया है कि विश्व कप नजदीक है।  
पिछले साल टी-20 विश्व कप में हार्दिक पांड्या का खराब फॉर्म भी टीम इंडिया के हार की मुख्य वजह रही थी। विश्व कप के बाद हार्दिक को टीम से ड्रॉप किया गया और वेंकटेश अय्यर को टीम में लाया गया, लेकिन उन्हें भी पूरा मौका नहीं मिला। बीसीसीआई ये कहता रहा कि वेंकटेश को पूरा मौका दिया जाएगा, लेकिन हार्दिक के टीम में आते ही वेंकटेश को ड्रॉप किया गया और दिनेश कार्तिक टीम में आ गए। 
बीसीसीआई को यह मैसेज टीम को देना होगा कि टीम इंडिया में कौन से खिलाड़ी विकल्प हैं और कौन से खिलाड़ियों को नियमित तौर पर मौके दिए जाएंगे। उदाहरण के तौर पर युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव को पिछले साल टी-20 विश्व कप से पहले तक लगातार टीम में जगह दी गई थी, लेकिन विश्व कप के टीम में दोनों नहीं थे।

अचानक से बीसीसीआई ने चार पांच साल पहले टी-20 खेलने वाले रविचंद्रन अश्विन और नए स्पिनर वरुण चक्रवर्ती को मौका दिया। ये फैसला टीम इंडिया के लिए घातक साबित हुआ। यही हाल फिलहाल ईशान किशन, श्रेयस अय्यर और वेंकटेश अय्यर के साथ है। बीसीसीआई यह तय नहीं कर पा रहा है कि ये प्राथमिकता हैं या विकल्प।

रोहित शर्मा, केएल राहुल, विराट कोहली, रवींद्र जडेजा और सूर्यकुमार यादव के वापस आते ही ईशान, अक्षर पटेल और श्रेयस को बाहर बैठना होगा। वहीं, गेंदबाजी में भी यही हाल है। बुमराह और शमी के वापस आते भुवनेश्वर और यहां तक कि आवेश खान को बाहर बैठना होगा। ऐसे में अब तक सही कॉम्बिनेशन का पता नहीं चल सका है, क्योंकि पूरी टीम एक साथ अब तक नहीं खेल पाई है। यह टीम इंडिया को बैकफायर कर सकता है।

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भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पांच मैचों की टी-20 सीरीज खेली जा रही है। पहले मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने टीम इंडिया को करारी शिकस्त दी। भारतीय टीम 211 रन के स्कोर को डिफेंड नहीं कर सकी और दक्षिण अफ्रीका ने पांच गेंद रहते मैच जीत लिया। इस साल भारत ने तीनों फॉर्मेट मिलाकर कुल 17 मैच खेले हैं। इसमें  से भारत के नियमित कप्तान रोहित शर्मा ने 11 मैच खेले हैं। इन सभी मैचों में टीम इंडिया ने जीत हासिल की है। वहीं, छह मैचों में दूसरे खिलाड़ी के कप्तान रहते टीम इंडिया को सभी मैचों में हार मिली है।

रोहित की कप्तानी में टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज का वनडे और टी-20 सीरीज में क्लीन स्वीप किया। इसके बाद टीम ने श्रीलंका का टी-20 और टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप किया। वहीं, केएल राहुल की कप्तानी में टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक टेस्ट और तीन वनडे हार चुकी है। वहीं, विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा। वहीं, ऋषभ पंत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इस सीरीज के पहले मैच में हार झेलनी पड़ी है।



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