भतीजे ने चाचा को किया चलता: शिवपाल बोले- सम्मान से समझौता नहीं, केशवदेव ने कहा- राजनीति में बच्चे हैं अखिलेश


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प्रदेश में सियासी बयानबाजी से उठे तूफान से सपा का कुनबा तार-तार हो गया है। राष्ट्रपति चुनाव के बाद शुरू हुई बयानबाजी से आजिज आई सपा ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और अपने ही विधायक शिवपाल सिंह यादव से पल्लू छुड़ाने के लिए पत्र लिखा है। पत्र में साफ कहा है कि जहां सम्मान मिले, वहां जा सकते हैं। जवाब में ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि अच्छा हुआ कि समय से तलाक हो गया। शिवपाल ने कहा कि वह पहले से स्वतंत्र रहे हैं।

राष्ट्रपति चुनाव के दौरान सुभासपा  के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने अपने पांच विधायकों के साथ और सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव ने भाजपा समर्थित द्रौपदी मुर्मू के पक्ष  में मतदान किया था। इसके बाद से लगातार बयानबाजी का दौर चल रहा था। शनिवार को समाजवादी पार्टी की ओर से दो पत्र जारी किए गए। ओम प्रकाश राजभर को संबोधित पत्र में कहा गया कि सपा लगातार भाजपा से खिलाफ लड़ रही है। आप भाजपा से गठजोड़ कर उसे मजबूती दे रहेहैं। यदि आपको लगता है कि वहां सम्मान मिलेगा तो जाने के लिए स्वतंत्र हैं। दूसरे पत्र में अपने ही विधायक शिवपाल सिंह यादव से कहा गया कि यदि आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जा सकते हैं। इन दोनों पत्रों के जारी होते ही सियासी बयानबाजी तेज हो गई है।

सम्मान से समझौता नहीं- शिवपाल

प्रसपा के संस्थापक एवं सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि वैसे तो सदैव स्वतंत्र था। लेकिन समाजवादी पार्टी ने पत्र जारी कर औपचारिक स्वतंत्रता दी है। इसके लिए हृदय से आभार। राजनीति यात्रा में सिद्धांतों एवं सम्मान से समझौता स्वीकार नहीं है। शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी के साथ इसलिए थे कि समाजवाद का जो संकल्प लिया है, उसे पूरा किया जा सके। लेकिन बदली परिस्थितियों में यह संभव नहीं है। समाजवादी पार्टी चंद लोगों के हाथ की कठपुतली बन गई है। उन्होंने राष्ट्रपति चुनवा के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को लिखे गए पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि जिस व्यक्ति ने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को आईएसआई एजेंट कहा, उसे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने समर्थन दे दिया। मुलायम सिंह यादव के खिलाफ समाजवादी एक शब्द भी नहीं सुन सकते हैं, लेकिन आज के हालात सभी के सामने हैं।

 
राजनीति में अखिलेश बच्चे हैं – केशवदेव मौर्य

चुनाव केसमय सपा के साथ गठबंधन में शामिल रहे महान दल के अध्यक्ष केशवदेव मौर्य दो माह पहले अलग हो चुके हैं। शनिवार को एक टीवी चैनल को दिए बयान में उन्होंने कहा कि अखिलेश राजनीति में बच्चे हैं, जबकि आजम खां जौहरी। हालांकि बाद में उन्होंने अखिलेश यादव की तारीफ की और कहा कि अखिलेश यादव को स्वामी प्रसाद मौर्य और ओम प्रकाश राजभर ने गुमराह किया। ओम प्रकाश राजभर को आस्तीन का सांप कहते हुए केशवदेव ने कहा कि भाजपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य और राजभर को प्लांट किया। दोनों की बयानबाजी से सपा हारी। राजभर आरएसएस के इशारे पर कार्य करते हैं। सवाल किया कि वह बसपा के साथ की बात करते हैं और भाजपा से सुरक्षा ले रहे हैं। 

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प्रदेश में सियासी बयानबाजी से उठे तूफान से सपा का कुनबा तार-तार हो गया है। राष्ट्रपति चुनाव के बाद शुरू हुई बयानबाजी से आजिज आई सपा ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और अपने ही विधायक शिवपाल सिंह यादव से पल्लू छुड़ाने के लिए पत्र लिखा है। पत्र में साफ कहा है कि जहां सम्मान मिले, वहां जा सकते हैं। जवाब में ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि अच्छा हुआ कि समय से तलाक हो गया। शिवपाल ने कहा कि वह पहले से स्वतंत्र रहे हैं।

राष्ट्रपति चुनाव के दौरान सुभासपा  के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने अपने पांच विधायकों के साथ और सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव ने भाजपा समर्थित द्रौपदी मुर्मू के पक्ष  में मतदान किया था। इसके बाद से लगातार बयानबाजी का दौर चल रहा था। शनिवार को समाजवादी पार्टी की ओर से दो पत्र जारी किए गए। ओम प्रकाश राजभर को संबोधित पत्र में कहा गया कि सपा लगातार भाजपा से खिलाफ लड़ रही है। आप भाजपा से गठजोड़ कर उसे मजबूती दे रहेहैं। यदि आपको लगता है कि वहां सम्मान मिलेगा तो जाने के लिए स्वतंत्र हैं। दूसरे पत्र में अपने ही विधायक शिवपाल सिंह यादव से कहा गया कि यदि आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जा सकते हैं। इन दोनों पत्रों के जारी होते ही सियासी बयानबाजी तेज हो गई है।



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