फेफड़ों में जमा कफ को निकालने में मदद करते हैं ये 4 आयुर्वेदिक नुस्खे


अस्थमा का कोई इलाज नहीं है और आमतौर पर लक्षणों के आधार पर इसका इलाज किया जाता है. अस्थमा के इलाज के लिए आयुर्वेद के डॉक्टर कई जड़ी-बूटियों का उपयोग करते हैं, जिनके बारे में दावा किया जाता है कि इनमें एंटी-हिस्टामाइन, ब्रोन्कोडायलेटिंग और एंटी-अस्थमा गुण हैं. अगर हम अस्थमा के लक्षणों की बात करें तो मरीज को सांस की कमी, सीने में जकड़न या दर्द, सांस छोड़ते समय घरघराहट होती है. इसके अलावा मरीज को सांस लेने में तकलीफ या खांसी की वजह से सोने में परेशानी होना भी इसमें शामिल है. इसके लक्षण अलग-अलग लोगों में अलग-अलग हो सकते हैं.

हेल्थसाइट डॉट कॉम में छपी न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, आयुर्वेद ने अस्थमा को असंतुलित कफ, वात और पित्त दोष के लिए जिम्मेदार ठहराया है, जिससे सूखी खांसी, ड्राई स्किन, चिड़चिड़ापन, बुखार, एंग्जाइटी और कब्ज होता है. अस्थमा के लिए आयुर्वेदिक इलाज भी बेहतर विकल्प है. वेदास क्योर (Vedas Cure) के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉक्टर विकास चावला (Vikas Chawla) के अनुसार, अस्थमा को आयुर्वेदिक उपायों के जरिए ठीक किया जा सकता है.

हर्बल टी
अस्थमा के मरीज अपने लक्षणों को कम करने के लिए नियमित रूप से विभिन्न जड़ी बूटियों से बनी हर्बल टी पी सकते हैं. डॉक्टर चावला के अनुसार, अदरक, अजवाइन, तुलसी और काली मिर्च के मिश्रण से बनी हर्बल चाय अस्थमा के रोगियों के लिए बेहद उपयोगी साबित होती है, क्योंकि ये कफ को खत्म करती है.

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शहद और प्याज
अस्थमा का दौरा पड़ने पर सांस की तकलीफ को कम करने के लिए, एक गिलास में थोड़ी सी काली मिर्च, लगभग 1 चम्मच शहद और थोड़ा प्याज का रस मिलाएं और इसे धीरे-धीरे पिएं. ये दवा की जरूरत होने से पहले कुछ लक्षणों को नेचुरल तरीके से दूर करने में मदद करेगी.

​सरसों तेल की मालिश
अस्थमा मरीज की छाती पर सरसों के तेल को थोड़ा गर्म करके उसकी मालिश करने से आराम मिल सकता है. मालिश करने से फेफड़ों को गर्माहट मिलती है जिससे छाती में जमा कफ दूर होता है और सांस लेने में आसानी होती है.

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​हल्दी (करक्यूमिन)
करक्यूमिन हल्दी में पाया जाने वाला सबसे शक्तिशाली तत्व है और इसकी वजह से हल्दी का रंग पीला होता है. हल्दी में कुछ औषधीय और एंटीऑक्सीडेंट घटक शामिल हैं, जिनमें से सूजन को रोकने की इसकी क्षमता है. ये अस्थमा के लिए असरदार है. इसके लिए आप दूध में हल्दी, हल्दी का पानी या चाय पी सकते हैं.

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