Bhumi Pednekar: भूमि की मां के हरियाणा से आकर हीरोइन बनने की ये है पूरी कहानी, मामा भी बने फिल्म निर्देशक


अभिनेत्री भूमि पेडनेकर का नाम आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। 18 जुलाई 1989 को मुंबई में जन्मी भूमि ने बतौर अभिनेत्री अपने करियर की शुरुआत यशराज फिल्म्स की फिल्म ‘दम लगा के हईशा’ से की। उन दिनों भूमि का वजन बढ़ा हुआ था और शायद इसी लिए उन्हें इस फिल्म में काम करने का मौका भी मिला। इस फिल्म के बाद भूमि ने ‘टॉयलेट-एक प्रेम कथा’, ‘शुभ मंगल सावधान’, ‘सांड की आंख’, ‘बाला’, ‘पति पत्नी और वो’ जैसी चर्चित फिल्मों में काम किया। इस साल रक्षाबंधन पर उनकी फिल्म ‘रक्षाबंधन’ रिलीज हो रही है। भूमि की अक्षय कुमार के साथ यह दूसरी फिल्म है। अभिनय उनको विरासत में मिला है और उनकी मां सुमित्रा भी बतौर अभिनेत्री काम कर चुकी हैं। चलिए भूमि के जन्मदिन पर आपको बताते हैं उनके कुछ अनसुने किस्से.. 

हरियाणा की मिट्टी से भूमि का रिश्ता

साल 1982 में रिलीज हुई हरियाणवी फिल्म ‘बहुराणी’ में भूमि पेडनेकर की मां सुमित्रा हुड्डा ने बतौर अभिनेत्री काम किया। इस फिल्म में शशि रंजन हीरो थे और यह हरियाणवी  की पहली कमर्शियल हिट फिल्म साबित हुई। हरियाणा, रोहतक के पास आसन कंसाला गांव से निकल कर उस समय फिल्मों में काम करना उतना आसान नहीं था। क्योंकि उन दिनों हरियाणा में लड़कियों को फिल्मों में आने देना एक सपने जैसी बात थी लेकिन सुमित्रा हुड्डा ने उस समय में साहस दिखाया। साल 1985 में सुमित्रा ने फिल्म ‘सांझी’ का निर्माण किया, जिसे उनके भाई प्रदीप हुड्डा ने निर्देशित किया। इस फिल्म  में दिनेश ठाकुर, गोगा कपूर और सदाशिव अमरापुरकर ने काम किया था। सुमित्रा ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री सतीश पेडनेकर से शादी की और सिनेमा से दूर हो गईं।   

पिता की मौत के बाद मां ने संभाला 

सतीश पेडनेकर से शादी के बाद भूमि की मां सुमित्रा फिल्मों से दूर हो गई क्योंकि उनके पति को फिल्म इंडस्ट्री पसंद नहीं थी। सतीश पेडनेकर की कैंसर की वजह से 24 मार्च 2011 को मृत्यु हो गई तब भूमि 18 साल की थी और उनकी छोटी बहन समीक्षा 15 साल की।  भूमि कहती हैं, ‘पिता  का साया सिर से अचानक उठ जाना बहुत पीड़ा दायक होता है? आज भी उस दौर को याद करते हैं तो आश्चर्य होता है कि उन दिनों हम कैसे जीवित रहे है, हम इससे कैसे उबरे? मेरी मां ने हमे एक साथ एक योद्धा की तरह जोड़कर रखा।’

पढ़ाई के लिए कर्ज लिया  

भूमि की शुरुआती पढ़ाई मुंबई में जुहू स्थित आर्य विद्या मंदिर में हुई। इसके बाद सुभाष घई के व्हिस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल में फिल्म की पढ़ाई के लिए कर्ज लिया लेकिन खराब उपस्थिति के कारण उनको वहां से निकाल दिया गया। उसके एक साल के अंदर ही उन्होंने यशराज फिल्म्स की कास्टिंग डिवीजन में बतौर सहायक काम शुरू कर दिया। भूमि छह साल तक कास्टिंग डिवीजन का हिस्सा रही। ‘दिल लगा के हईशा’ की नायिका संध्या के किरदार के लिए 250 लड़कियों का ऑडिशन लेने के बाद जब कोई लड़की फाइनल नहीं हुई हो, तो तकदीर की सुई आकर भूमि पर रुकी। अगर खराब उपस्थिति के कारण भूमि को व्हिस्लिंग वुड्स से नहीं निकाला गया होता तो वह यशराज फिल्म्स नहीं पहुंचती और अगर यशराज फिल्म्स नहीं पहुंचती तो आज यहां तक नहीं पहुंचती।            

छोटी बहन समीक्षा पेडनेकर भी मॉडल

भूमि और समीक्षा में इतनी समानताएं हैं कि लोग उन्हें जुड़वां बहनें कहते हैं। लेकिन समीक्षा की उम्र भूमि से तीन साल कम हैं। समीक्षा पेशे से वकील हैं और कई ब्रांड्स के लिए मॉडलिंग भी कर चुकी हैं। वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। उनका सोशल मीडिया अकाउंट्स गलैमर तस्वीरों से भरा पड़ा है। इससे पहले लोग उनकी तस्वीरें को देखकर यह कयास लगाए कि समीक्षा भी अपनी बहन भूमि की तरह एक्टिंग प्रोफेशन को अपना करियर बनाएंगी। समीक्षा शौकिया तौर पर मॉडलिंग करती हैं और उनका सपना जज बनने का है।



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