'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- उलझन, जिसका अर्थ है- उलझने की क्रिया या भाव, चिंता, बाधा या समस्या। प्रस्तुत है महादेवी वर्मा की कविता- अलि कैसे उनको पाऊँ?अलि कैसे उनको पाऊँ?
वे आँसू बनकर मेरे,
इस कारण ढुल ढुल जाते,
इन पलकों के बन्धन में,
मैं बांध बांध पछताऊँ।मेघों में विद्युत सी छवि,
उनकी बनकर मिट जाती,
आँखों की चित्रपटी में,
जिसमें मैं आंक न पाऊँ।वे आभा बन खो जाते,
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शशि किरणों की उलझन में;
जिसमें उनको कण कण में
ढूँढूँ पहिचान न पाऊँ।
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