आज का शब्द: दुबला और सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कविता- सह जाते हो उत्पीड़न की क्रीड़ा


                
                                                                                 
                            'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- दुबला, जिसका अर्थ है- हल्के और पतले बदन वाला या कृश, अशक्त, निर्बल। प्रस्तुत है  सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कविता- सह जाते हो उत्पीड़न की क्रीड़ा
                                                                                                
                                                     
                            

सह जाते हो
उत्पीड़न की क्रीड़ा सदा निरंकुश नग्न,
हृदय तुम्हारा दुबला होता नग्न,
अन्तिम आशा के कानों में
स्पन्दित हम - सबके प्राणों में
अपने उर की तप्त व्यथाएँ,
क्षीण कण्ठ की करुण कथाएँ
कह जाते हो
और जगत की ओर ताककर
दुःख हृदय का क्षोभ त्यागकर,
सह जाते हो।

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