UK PM Race: क्या ब्रिटेन में होगा पहला भारतवंशी पीएम, कैसे और कब तक तय होगा विजेता? जानें सुनक की चुनौतियां


ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद की रेस अपने अंतिम चरण में है। बुधवार को कंजर्वेटिव पार्टी सांसदों की ओर से की गई वोटिंग के बाद आखिर में दो उम्मीदवार बचे हैं। इनमें एक हैं भारतीय मूल के ऋषि सुनक, जबकि दूसरी प्रत्याशी हैं लिज ट्रस। दोनों ही नेता कंजर्वेटिव पार्टी में जबरदस्त प्रभाव रखते हैं। जहां सुनक को बोरिस जॉनसन के पीएम रहते हुए वित्त मंत्री की जिम्मेदारी मिली थी, वहीं लिज ट्रस इस दौरान विदेश मंत्री का पद संभाल रहीं थीं।  

आखिर ब्रिटेन में अब तक प्रधानमंत्री पद की रेस में क्या हुआ? कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों की ओर से ही अपनी पार्टी के नेता और पीएम को बदलने की कवायद क्यों शुरू हुई? प्रधानमंत्री पद के अलग-अलग राउंड्स के नतीजे क्या रहे? अब तक ऋषि सुनक और लिज ट्रस ने कैसा प्रदर्शन किया? पीएम पद की रेस में विजेता कैसे घोषित किया जाता है और इसमें वोटिंग की प्रक्रिया क्या है? ब्रिटेन को अगला पीएम कब तक मिल जाएगा? आइये जानते हैं…

क्यों शुरू हुई ब्रिटेन में पीएम पद की रेस?

ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद की रेस जुलाई में बोरिस जॉनसन के इस्तीफा देने के बाद शुरू हुई। दिसंबर 2019 में जबरदस्त जीत और तीन साल तक सत्ता में रहने के बाद जॉनसन एक के बाद एक कई विवादों में घिर गए। हालांकि, प्रमुख तौर पर दो स्कैंडल ऐसे रहे, जिसने उनकी प्रधानमंत्री के तौर पर पारी को खत्म कर दिया। 

पहला मामला था कोरोनावायरस महामारी के सख्त प्रतिबंधों के बीच सांसदों की पार्टी का। आरोप था कि जिस वक्त पूरा ब्रिटेन लॉकडाउन के सख्त प्रतिबंधों से गुजर रहा था, उस दौरान कंजर्वेटिव पार्टी में बोरिस जॉनसन के कुछ करीबी साथी उनके 10 डाउनिंग स्ट्रीट स्थित आधिकारिक आवास पर पार्टी कर रहे थे। 

इस स्कैंडल के बाद जॉनसन को पार्टी में ही अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा था। हालांकि, वे पद बचाने में कामयाब हो गए थे।  इसके बाद सेक्स स्कैंडल में फंसे अपने एक साथी सांसद- क्रिस पिंचर को बचाने की कोशिश जॉनसन के लिए भारी पड़ गई। पिंचर स्कैंडल की वजह से ही आखिर में जॉनसन कैबिनेट से मंत्रियों के इस्तीफे की जो शुरुआत हुई, वह खुद जॉनसन के पीएम पद छोड़ने पर खत्म हुई। 

पीएम पद की रेस में अब तक क्या हुआ?

  • ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद की रेस में आठ कंजर्वेटिव नेताओं ने दावेदारी पेश की। पहले राउंड में कंजर्वेटिव पार्टी के 358 सांसदों की ओर से की गई वोटिंग में ऋषि सुनक 88 वोट पाकर सबसे ऊपर रहे। वहीं, लिज ट्रस तीसरे स्थान पर आईं। इस राउंड के बाद पूर्व विदेश मंत्री जेरेमी हंट और मौजूदा वित्त मंत्री नदीम जहावी बाहर हो गए। 
  • दूसरे राउंड में कम वोट मिलने के कारण भारतवंशी सुएला ब्रेवरमैन बाहर हो गई। इस चरण में भी ऋषि सुनक 101 वोट पाकर पहले स्थान और पेनी मॉर्डन्ट 83 वोट के साथ दूसरे और लिज ट्रस 64 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। 
  • तीसरे राउंड में भी ऋषि सुनक 115 वोट पाकर पहले स्थान पर रहे, जबकि पेनी मॉर्डन्ट को 82 वोट मिले लिज ट्रस इस राउंड में 71 वोट के साथ तीसरे नंबर पर थीं। वहीं, टॉम टुगेनधाट इस राउंड में जरूरी वोट न जुटा पाने के बाद बाहर हो गए।
  • चौथे राउंड का मुकाबला भी काफी दिलचस्प रहा। इसमें भी ऋषि सुनक ने अपनी बढ़त बरकरार रखते हुए 118 वोट हासिल किए। पेनी मॉर्डन्ट 92 वोट के साथ दूसरे और लिज ट्रस 86 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। 

पांचवें राउंड में हुआ आखिरी दो उम्मीदवारों का फैसला

पीएम पद के लिए आखिरी दो उम्मीदवारों का फैसला पांचवें राउंड की वोटिंग में हुआ। इसमें भी ऋषि सुनक सबसे ऊपर रहे। उन्हें 137 सांसदों का समर्थन मिला। उधर पेनी मॉर्डन्ट को पछाड़ते हुए लिज ट्रस 113 वोट जुटाने में कामयाब हो गईं। पेनी मॉर्डन्स इस राउंड में 105 वोट ही हासिल कर पाईं और आखिरी दो की रेस से बाहर हो गईं। चौंकाने वाली बात यह है कि जहां सुनक लगातार नंबर-1 रहे, वहीं मॉर्डन्ट लगातार दूसरे स्थान पर रहने के बावजूद आखिर में तीसरे स्थान पर रहीं लिज ट्रस से हार कर बाहर हो गईं। 

कैसे घोषित होगा विजेता?

ऋषि सुनक और लिज ट्रस के फाइनल-2 में पहुंचने के बाद अब अगला प्रधानमंत्री कौन होगा इसका फैसला लेने का अधिकार सिर्फ सांसदों के पास नहीं होगा। दरअसल, ब्रिटेन में सिर्फ पार्टी के सांसद यह तय कर सकते हैं कि ब्रिटिश संसद के निचले सदन में उनका नेता कौन होगा? अगर पार्टी पहले से सरकार में है तो यह सांसद पीएम पद के आखिरी दो उम्मीदवारों का फैसला कर सकते हैं। अगला प्रधानमंत्री चुनने का अधिकार कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों को मिलेगा। इनमें अलग-अलग शहरों के पार्टी प्रमुखों से लेकर टोरी पार्टी के छोटी इकाइयों के नेताओं के वोट भी शामिल होंगे। 

कंजर्वेटिव पार्टी ने इसका खुलासा नहीं किया है कि उसके ब्रिटेन में कितने सदस्य हैं, हालांकि अनुमान के मुताबिक, इनकी संख्या 1,40,000 से लेकर 2,00,000 तक हो सकती है। इन सभी सदस्यों को अगले पीएम को चुनने के लिए एक वोट मिलेगा। नियमों के मुताबिक, इस साल तीन जून से पहले तक जिन लोगों ने पार्टी जॉइन की होगी, उन्हें वोट देने का मौका मिलेगा। 



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