UP: सीएम के साथ दिनेश खटीक की बैठक खत्म, स्वीकार नहीं हुआ इस्तीफा, कही यह बड़ी बात


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जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे की खबरों पर विराम लग गया है। शासन ने मंत्री दिनेश खटीक के त्याग पत्र को स्वीकार नहीं किया है। वह मंत्रिमंडल में बने रहेंगे। वहीं बैठक खत्म होने के बाद उन्होंने कहा कि मेरे जो भी विषय थे उन्हें मुख्य मंत्री आदित्यनाथ के समक्ष रख दिया है। मुख्यमंत्री ने उन सभी पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। आखिर में उन्होंने कहा कि विभाग में काम करता रहूंगा।

इस बात से थे आहत
जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक यूं तो डेढ़ माह से कई मुद्दों पर अफसरों के प्रति नाराजगी जता रहे थे, लेकिन 19 जुलाई को वह अपने विभाग के अधिकारियों के बर्ताव से ज्यादा आहत हो गए। इसके बाद उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया। तमाम आरोपों की फेहरिस्त के साथ उन्होंने अपना इस्तीफा राजभवन के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजा था।

 

बुधवार को उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय नेताओं को पूरे मामले की जानकारी दी थी। आज अपराह्न चार बजे उनकी सीएम योगी से मुलाकात हुई। इस दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।

बुधवार को लगाए थे बड़े आरोप
जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने सरकार की कार्यप्रणाली और विभिन्न विभागों में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर एक चिट्ठी सरकार को लिखी थी। जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री और हस्तिनापुर से विधायक दिनेश खटीक ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर सरकार की कार्यप्रणाली और विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार पर कई बड़े सवाल खड़े कर दिए थे। उन्होंने सीएम योगी और राज्यपाल को अपना त्यागपत्र भेज दिया था। उन्होंने पत्र में लिखा था कि ‘नमामि गंगे’ और ‘हर घर जल योजना’ में नियमों की अनदेखी कर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

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कर्मचारियों और अधिकारियों के स्थानांतरण में गड़बड़ी की खोली थी पोल
उन्होंने लिखा था कि जल शक्ति विभाग में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों और अधिकारियों के स्थानांतरण में गड़बड़ी हुई। इसके बाद मैंने विभागाध्यक्ष से सूचना मांगी तो अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। राज्यमंत्री दिनेश खटीक बुधवार सुबह प्राइवेट गाड़ी से अपने मेरठ स्थित गंगानगर आवास से निकल गए थे। उनसे इस बारे में पूछे जाने पर उनका कहना था कि सब ठीक है।  

पत्र में उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह के अथक परिश्रम एवं कुशल नेतृत्व में दलितों और पिछड़ों को साथ लेकर चलने के कारण आज भाजपा सरकार का गठन हुआ है। इसी क्रम में दलित समाज से जुड़े होने के कारण मुझे भी एक ईमानदार एवं स्वच्छ छवि वाले मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जल शक्ति विभाग में राज्य मंत्री नियुक्त किया गया है। जिससे पूरा दलित समाज सरकार के प्रति पूरी तरह से उत्साहित एवं समर्पित है। इसके बाद भी जलशक्ति विभाग में दलित समाज का राज्य मंत्री होने के कारण मेरे किसी भी आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है और न ही मुझे किसी की सूचना दी जाती है।

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जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे की खबरों पर विराम लग गया है। शासन ने मंत्री दिनेश खटीक के त्याग पत्र को स्वीकार नहीं किया है। वह मंत्रिमंडल में बने रहेंगे। वहीं बैठक खत्म होने के बाद उन्होंने कहा कि मेरे जो भी विषय थे उन्हें मुख्य मंत्री आदित्यनाथ के समक्ष रख दिया है। मुख्यमंत्री ने उन सभी पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। आखिर में उन्होंने कहा कि विभाग में काम करता रहूंगा।

इस बात से थे आहत

जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक यूं तो डेढ़ माह से कई मुद्दों पर अफसरों के प्रति नाराजगी जता रहे थे, लेकिन 19 जुलाई को वह अपने विभाग के अधिकारियों के बर्ताव से ज्यादा आहत हो गए। इसके बाद उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया। तमाम आरोपों की फेहरिस्त के साथ उन्होंने अपना इस्तीफा राजभवन के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजा था।

 

बुधवार को उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय नेताओं को पूरे मामले की जानकारी दी थी। आज अपराह्न चार बजे उनकी सीएम योगी से मुलाकात हुई। इस दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।



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