UP: आज सीएम योगी से मिलेंगे मंत्री दिनेश खटीक, इस्तीफे पर तोड़ी चुप्पी, बताया-किस बात से हुए ज्यादा आहत


जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक यूं तो डेढ़ माह से कई मुद्दों पर अफसरों के प्रति नाराजगी जता रहे थे, लेकिन 19 जुलाई को वह अपने विभाग के अधिकारियों के बर्ताव से ज्यादा आहत हो गए। इसके बाद उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया। तमाम आरोपों की फेहरिस्त के साथ उन्होंने अपना इस्तीफा राजभवन के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजा। बुधवार को उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय नेताओं को पूरे मामले की जानकारी दी। आज अपराह्न चार बजे उनकी सीएम योगी से मुलाकात होगी। इस दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

चार जून 2022 को गंगानगर में टेंट व्यापारी कोमल कुमार के साथ मारपीट के मामले में आरोपी सिपाहियों पर कार्रवाई नहीं होने पर मुकदमा दर्ज कराने दिनेश खटीक थाने पहुंच गए थे। उन्होंने जिला पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। दलितों को इंसाफ न मिलने पर पद तक छोड़ने की धमकी दे डाली थी। जिला पुलिस के साथ ही उनकी नाराजगी जल शक्ति विभाग में सुनवाई नहीं होने को लेकर भी थी।

विभागीय अफसर ने काट दिया था फोन

आरोप है कि विभागीय अफसर न तो उनके पत्रों के जवाब दे रहे थे और न ही निर्देशों को तवज्जो दे रहे थे। मंगलवार को दिनेश खटीक लखनऊ में थे। उन्हें मुख्यमंत्री की बैठक में शामिल होना था। उन्होंने विभागीय प्रमुख सचिव अनिल गर्ग को फोन किया था। प्रमुख सचिव ने पूरी बात सुने बिना फोन काट दिया तो खटीक आहत हो गए।

इसी के बाद उन्होंने त्याग पत्र देने और मुख्यमंत्री समेत राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय नेतृत्व को अपनी पीड़ा से अवगत कराने का निर्णय लिया। उन्होंने वाहक के जरिये उपेक्षा, अपमान और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए राजभवन और मुख्यमंत्री कार्यालय को अपना त्याग पत्र भेजा। यही पत्र उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष, केंद्रीय गृहमंत्री और प्रधानमंत्री को भी भेजा। गृहमंत्री को भेजा गया पत्र बुधवार सुबह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

पत्र भेजने के बाद आधी रात को मेरठ लौटे मंत्री

सूत्रों के मुताबिक, राजभवन और मुख्यमंत्री कार्यालय में पत्र भेजने के बाद दिनेश खटीक मंगलवार दोपहर बाद हवाई मार्ग से दिल्ली आ गए। वह रात में दो बजे मेरठ में अपने आवास पर पहुंचे और सवेरे नौ बजे दिल्ली के लिए निकल गए। बुधवार को उनकी राष्ट्रीय अध्यक्ष और संगठन मंत्री समेत कई नेताओं से मुलाकात हुई। मंगलवार से बुधवार रात वह मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाए रहे।

अपनी नजदीकी लोगों से उन्होंने इस्तीफा दिए जाने की पुष्टि की। कहा कि आत्म सम्मान को ठेस लगने के कारण उन्होंने इस्तीफा का फैसला लिया है। उन्हें शिकवा नहीं है कि उनकी सिफारिश पर एक भी तबादला नहीं हुआ। वह विभागीय अफसरों की कार्यप्रणाली को लेकर ज्यादा नाराज हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की नीति अपनाए हुए हैं, लेकिन अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।

तीन पीढ़ियां संघ से जुड़ीं, सब कुछ भाजपा ने दिया

इस पूरे मामले पर अब तक चुप्पी साधे रहे मंत्री दिनेश खटीक ने कहा कि वह बचपन से स्वयंसेवक हैं। उनके दादा और पिता आरएसएस से जुड़े हुए रहे हैं। वर्ष 1996 में भाजपा अनुसूचित मोर्चा के जिला महामंत्री थे। 2017 में जब हस्तिनापुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया, तब भाजपा का जिला महामंत्री था। इससे पहले जिला मंत्री और जिला उपाध्यक्ष रहा।

उन्होंने कहा कि संगठन से जुड़ा हूं। आंदोलनों में जेल गया हूं। बूथ अध्यक्ष से मंत्री तक की जिम्मेदारी पार्टी ने दी है। अपनी नाराजगी की वजह को मीडिया में ले जाने की अनुशासनहीनता नहीं कर सकता। मैंने पत्र में जो बातें कहीं हैं, उसके सुबूत मेरे पास हैं। मेरे खिलाफ अफसर चाहे जो दुष्प्रचार करें, पार्टी या सरकार मेरी जांच करा सकती है। असल मुद्दा अपमान का है। विभागीय अफसर यदि राज्यमंत्री का सम्मान नहीं करेंगे, उसके पत्रों का जवाब नहीं देंगे, फोन काट देंगे तो आत्मसम्मान को ठेस पहुुंचाकर मंत्री पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है।

हस्तिनापुर से लगातार दो बार चुने गए दिनेश  

दिनेश खटीक मवाना थाना क्षेत्र के कस्बा फलावदा के रहने वाले हैं। इनके भाई नितिन खटीक जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। दिनेश खटीक का ईंट भट्टे का व्यवसाय है। दिनेश खटीक के राजनीतिक सफर पर नजर डालें तो वह 1994 में फलावदा के संघ के खंड कार्यवाह बनाए गए थे। 2006 में उन्होंने विहिप और बजरंग दल में काम किया। 2007 में उन्हें मेरठ भाजपा का जिला मंत्री बनाया गया। 2010 में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष बने। 2013 में जिला महामंत्री बने और 2017 में हस्तिनापुर सीट से जीतकर पहली बार विधायक बने।

2021 में सीएम योगी ने उन्हें जल शक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग का राज्य मंत्री बनाया। 2022 में हस्तिनापुर से लगातार दूसरी बार विधायक बने तो सीएम ने उन्हें एक बार फिर बतौर राज्यमंत्री जल शक्ति विभाग सौंपा।



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