तीन पीढ़ियां संघ से जुड़ीं, सब कुछ भाजपा ने दिया
इस पूरे मामले पर अब तक चुप्पी साधे रहे मंत्री दिनेश खटीक ने कहा कि वह बचपन से स्वयंसेवक हैं। उनके दादा और पिता आरएसएस से जुड़े हुए रहे हैं। वर्ष 1996 में भाजपा अनुसूचित मोर्चा के जिला महामंत्री थे। 2017 में जब हस्तिनापुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया, तब भाजपा का जिला महामंत्री था। इससे पहले जिला मंत्री और जिला उपाध्यक्ष रहा।
उन्होंने कहा कि संगठन से जुड़ा हूं। आंदोलनों में जेल गया हूं। बूथ अध्यक्ष से मंत्री तक की जिम्मेदारी पार्टी ने दी है। अपनी नाराजगी की वजह को मीडिया में ले जाने की अनुशासनहीनता नहीं कर सकता। मैंने पत्र में जो बातें कहीं हैं, उसके सुबूत मेरे पास हैं। मेरे खिलाफ अफसर चाहे जो दुष्प्रचार करें, पार्टी या सरकार मेरी जांच करा सकती है। असल मुद्दा अपमान का है। विभागीय अफसर यदि राज्यमंत्री का सम्मान नहीं करेंगे, उसके पत्रों का जवाब नहीं देंगे, फोन काट देंगे तो आत्मसम्मान को ठेस पहुुंचाकर मंत्री पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है।