न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़/पटियाला
Published by: पंजाब ब्यूरो
Updated Fri, 15 Apr 2022 01:07 AM IST
सार
रोपड़ थर्मल प्लांट में इस समय नौ, लहरा में छह, राजपुरा में सबसे अधिक 15, तलवंडी साबो में मात्र एक दिन का कोयला शेष है। गुरुवार को दिन के समय भीषण गर्मी के चलते बिजली की मांग 7500 मेगावाट के करीब दर्ज की गई।
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विस्तार
मौसम विभाग ने चेतावनी दी थी कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण 14 अप्रैल को मौसम में बदलाव देखने को मिलेंगे। विभाग ने कहा कि पंजाब के दक्षिण और पश्चिम हिस्से के जिले गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, मोगा, बरनाला, बठिंडा, मानसा, संगरूर, पटियाला, नवांशहर और आसपास के क्षेत्रों में 30 से 40 किलोमीटर की गति से हवाएं चलेंगी। साथ ही गरज के साथ ही कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होगी। गुरुवार की शाम हुई बारिश से पंजाब के लोगों ने राहत महसूस की लेकिन किसानों की चिंता बढ़ गई।
बिजली की मांग में गिरावट
पंजाब में कोयले का संकट फिलहाल खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। अब भी थर्मलों में मात्र एक से 15 दिन का कोयला शेष है। इसी बीच गुरुवार शाम तेज आंधी के साथ हल्की बूंदाबांदी से पारे में गिरावट की वजह से बिजली की मांग में बड़ी कमी आई। पावरकॉम ने कोयला बचाने के लिए रोपड़ व लहरा मुहब्बत थर्मल प्लांट की दो-दो यूनिटें बंद कर दीं।
उधर, प्राइवेट में 540 मेगावाट का गोइंदवाल साहिब थर्मल प्लांट अब भी कोयला न होने के कारण बंद पड़ा है। हालांकि गुरुवार को दिन के समय बिजली की मांग 7500 मेगावाट के पार रही, जिसे पूरी करने के लिए पावरकॉम को बाहर से करीब 11 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से 3100 मेगावाट बिजली खरीदनी पड़ी। इस संबंध में पावरकॉम के डायरेक्टर जनरेशन परमजीत सिंह ने अमर उजाला को बताया कि उम्मीद है कि जल्द ही थर्मल प्लांट में कोयले की सप्लाई सामान्य हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि तेज आंधी व हल्की बूंदाबांदी के कारण डिमांड में कमी आई है, इस कारण रोपड़ व लहरा मुहब्बत की यूनिटें बंद की गई हैं। जरूरत पड़ने पर दोबारा चला दी जाएंगी। रोपड़ थर्मल प्लांट में इस समय नौ, लहरा में छह, राजपुरा में सबसे अधिक 15, तलवंडी साबो में मात्र एक दिन का कोयला शेष है।
गुरुवार को दिन के समय भीषण गर्मी के चलते बिजली की मांग 7500 मेगावाट के करीब दर्ज की गई। पावरकॉम के पास बिजली की उपलब्धता 4400 मेगावाट थी। मांग व आपूर्ति के अंतर को पूरा करने के लिए पावरकॉम ने बाहर से 11 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से 3100 मेगावाट बिजली खरीदी लेकिन शाम होने तक अचानक तेज आंधी चलने लगी और हल्की बूंदाबांदी भी हुई। इससे पारे में गिरावट के साथ ही बिजली की मांग गिरकर 4200 मेगावाट पहुंच गई।