Sedition Law: क्या कहता है भारत का राजद्रोह कानून, आसान भाषा में जानिए सजा के प्रावधान


याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने धारा 124 A की संवैधानिकता को चुनौती दी और कहा कि राजद्रोह के तहत कोई नया मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है। आगे अदालत ने कहा कि राजद्रोह के मौजूदा मामले जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं और उन्हें तुरंत रिहा किया जा सकता है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को स्वतंत्रता सेनानियों के विरुद्ध इस्तेमाल किया जाने वाला औपनिवेशिक कानून बताया था। आइए जानते हैं कि क्या है राजद्रोह कानून (Sedition Law) और इस कानून में किस तरह की सजा का प्रावधान किया गया है।

क्या है राजद्रोह कानून?
भारतीय दंड संहिता (IPC) के सेक्शन 124A में राजद्रोह कानून का उल्लेख किया गया है। इसे 1870 में आईपीसी में शामिल किया गया था जिसे थॉमस बैबिंगटन मैकाले द्वारा तैयार किया गया था। यह कानून कहता है कि अगर कोई भी व्यक्ति राष्ट्रीय चिन्हों का या संविधान का अपमान करता है या उसे नीचा दिखाने का प्रयास करता है, या सरकार विरोधी सामग्री लिखता या बोलता है तो उसके खिलाफ IPC सेक्शन 124 A के तहत राजद्रोह का केस दर्ज हो सकता है।

इसके अलावा ऐसा कोई भाषण या अभिव्यक्ति जो देश में सरकार के खिलाफ घृणा, उत्तेजना या असंतोष भड़काने का प्रयास करता है, वह भी राजद्रोह के अंतर्गत आता है। साथ ही अगर कोई व्यक्ति देश विरोधी संगठनों से जाने या अनजाने संबंध रखता है या उन्हें किसी भी तरह का सहयोग देता है तो भी वह भी राजद्रोह के दायरे में ही आता है।

कानून में सजा के प्रावधान
1- यह एक गैर-जमानती अपराध है।
2- इस कानून के तहत तीन साल की सजा के साथ-साथ उम्र कैद का भी प्रावधान किया गया है।
3- जिस व्यक्ति पर राजद्रोह के कानून के तहत चार्ज लगा हो वह कोई सरकारी नौकरी नहीं प्राप्त कर सकता।
4- इस कानून के तहत आरोपी व्यक्ति को बिना पासपोर्ट के रहना होगा और कोर्ट के हर बुलावे पर पेश भी होना होगा।

कानून के पीछे का इतिहास

राजद्रोह के इस कानून के पीछे आइडिया था कि सरकार की केवल अच्छी बातों को ही लोगों तक पहुंचना चाहिए। यह कानून 17वीं शताब्दी में अंग्रेजों द्वारा बनाया गया था। उनका मानना था कि आलोचना सरकार की छवि को हानि पहुंचाती है। असहमति की आवाजों को दबाने के लिए राजद्रोह का कानून कई कठोर कानूनों में से एक है। सर जेम्स स्टीफन ने 1870 में एक संशोधन पेश किया और आईपीसी में धारा 124 A को शामिल किया गया।

विदेश में पढ़ाई करें, लेकिन स्कैम से बचें

Source link

Enable Notifications OK No thanks