IPO या नए जमाने की कंपनियों में पैसा लगाने से पहले पेटीएम, जौमैटो, नायका जैसे स्टॉक्स की दुर्दशा से क्या सीखना है ?


मुंबई . एलआईसी का आईपीओ 9 मई को क्लोज हो गया. आज सोमवार 10 मई को मल्टी स्पेशिएलिटी पेडियाट्रिक और गाइनी हॉस्पिटल चेन रेनबो चिल्ड्रेन्स मेडिकेयर (Rainbow Children’s Medicare) की स्टॉक मार्केट में कमजोर लिस्टिंग हुई. वहीं, कल मंगलवार 11 मई को डेल्हीवेरी और वीनस पाइप्स का आईपीओ ओपन होगा. यानी एक बार फिर से आईपीओ मार्केट ने तेजी पकड़ी है.

शेयर बाजार के नए निवेशक आईपीओ में खूब पैसा लगा रहे हैं. लेकिन आईपीओ और नए जमाने की कंपनियों में पैसा लगाने से पहले कुछ अहम चीजें सीखना और जानना जरूरी है. पिछले एक साल में जिन आईपीओ की खूब चर्चा थी उनका प्रदर्शन कैसा है , अभी वो कहां हैं, निवेशकों को कितना रिटर्न इन आईपीओ से मिल रहा है. इन सवालों पर एक बार आप जरूर गौर फमाइए. फिर इनसे कुछ सीख लेते हुए मार्केट में निवेश रणनीति को सीखिए.

आधे के भी कम हुए ये स्टॉक

बीते साल लिस्ट हुए नए जमाने के स्टार्टअप जोमैटो, पॉलिसीबाजार (पीबी), नायका और पेटीएम में फंस चुके निवेशक इस समय खून के आंसू रो रहे हैं. ये शेयर आपने हाई से या इश्यू प्राइस से आधे से भी ज्यादा गिर चुके हैं. आगे भी इनमें गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है.

पॉलिसीबाजार (पीबी फिनटेक), नायका (एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर) और पेटीएम (वन 97 कम्यूनिकेशंस) शेयर बाजारों में नवंबर 2021 में लिस्ट हुईं थीं. जोमैटो के शेयर की ट्रेडिंग बीते साल 27 जुलाई को शुरू हुई थी. इनमें से तो तीन स्टॉक नायका, पेटीएम और जोमैटो इसी साल फरवरी में निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स में भी शामिल हुई हैं.

जौमैटो 68 फीसदी नीचे

हालत अब यह है कि आज मंगलवार को जौमैटो के शेयर अपने पोस्ट लिस्टिंग हाई से 68 परसेंट से ज्यादा नीचे आ गए हैं. आज जौमैटो NSE पर 7.58 प्रतिशत गिरकर 52.45 रुपए पर पहुंच गया. जौमैटो 155 रुपए का हाई छूने के बाद लगातार गोते लगा रहा है. इसका इश्यू प्राइस 76 रुपए था. वहां से भी ये शेयर एक तिहाई गिर चुका है.

पेटीएम 70 फीसदी से ज्यादा गिरा

पेटीएम में पैसा लगाने वाले तो सपने में भी इस स्टॉक को याद करना नहीं चाहते हैं. आज मंगलवार को यह स्टॉक NSE पर 545.80 रुपए क्लोज हुआ. यह आईपीओ अपने इश्यू प्राइस से नीचे लिस्ट हुआ था. लिस्ट होने के बाद से ये 70 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है. इश्यू प्राइस के मुकाबले तो यह 75 प्रतिशत से ज्यादा गिर चुका है. यानी इसमें एक लाख रुपए लगाने वाला आज 25 हजार रुपए पर आ चुका है.

पॉलिसीबाजार और नायका की भी लगभग यही हालत है. कार ट्रेड के शेयर लिस्टिंग के बाद 60 परसेंट गिर चुके हैं. इन नए जमाने के स्टार्टअप में निवेशकों की गर्दन ऐसे फंस गई है कि न निकलते बन रहा, न रुकते बन रहा. अब फिर से नए आईपीओ लगातार आ रहे हैं. ऐसे में सवाल है कि पुराने आईपीओ से क्या सीख ली जाए.

वैल्यूएशन देख लें 

एक्सपर्ट कहते हैं कि जब ये नए जमाने के आईपीओ आए थे तभी इनके वैल्यूएशन को लेकर सवाल उठने लगे थे. अब इनके महंगे वैल्यूएशन का मार्केट हिसाब-किताब कर रहा है. इन आईपीओ से पहली सीख तो यह मिलती है कि किसी भी आईपीओ में पैसा लगाने से पहले देख लीजिए कि उसका वैल्यूएशन कैसा है ? कंपनी का बिजनेस क्या है? कंपनी फायदे में है या अभी घाटे में ही चल रही है ? अगर स्टार्टअप है तो कितने साल में मुनाफे में आने का टार्गेट या अनुमान है ? इन सब बातों को देख कर ही निवेश करें.

दूसरी महत्वपूर्ण बात ये है कि अपनी पूंजी का छोटा हिस्सा या 10 प्रतिशत से भी कम इन स्टॉक्स में लगाएं. सिर्फ उतना पैसा ही लगाएं जितना फंस जाने पर टेंशन न बढ़े. साथ ही पोर्टफोलियो में विविधता रखें. अलग-अलग सेक्टर की कंपनियों में पैसा लगाएं. किसी एक कंपनी में पूरी पूंजी न डालें.

Tags: IPO, Paytm, Share market, Zomato, आईपीओ

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