ओमीक्रोन से बचाव के लिए कौन सा फेस मास्क है सबसे सुरक्षित? मास्क पहनते समय भूलकर भी ना करें यह गलतियाँ


डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मास्क का इस्तेमाल सबसे ज्यादा जरूरी है। कोरोना महामारी की शुरुआत से ही कोविड-19 के किसी भी वेरिएंट के संक्रमण से बचाव के लिए फेस मास्क को अनिवार्य रूप से पहनने पर जोर दिया जा रहा है।

भारत में एक बार फिर कोरोना वायरस अपना कहर बरपा रहा है। देश ने आए दिन ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों को लेकर लोगों में भय की स्थिति बनी हुई है। ओमिक्रोन को कोरोना का सबसे ज्यादा संक्रामक वेरिएंट माना जा रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक अभी तक ज्यादा मरीज असिंप्टोमेटिक हैं  और इनमें कोई गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिले हैं। विशेषज्ञ लोगों से पैनिक ना करने और कोरोना से संबंधित सावधानियों का कड़ाई से पालन करने की अपील कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मास्क का इस्तेमाल सबसे ज्यादा जरूरी है। कोरोना महामारी की शुरुआत से ही कोविड-19 के किसी भी वेरिएंट के संक्रमण से बचाव के लिए फेस मास्क को अनिवार्य रूप से पहनने पर जोर दिया जा रहा है।

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मास्क पहनने की उपयोगिता को साबित करने के लिए बांग्लादेश के 600 गांव में अध्ययन किया गया। करीब 3,40,000 लोगों पर किया गया यह अध्ययन यह साबित करता है कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए मास्क कितना उपयोगी है। हालाँकि, यह अध्ययन सिर्फ सर्जिकल मास्क पर ही किया गया है। इस अध्ययन में पाया गया कि करीब 1 लाख 78 हजार लोगों को मास्क को बांटे गए और उनके व्यवहार और कोविड-19 की जानकारी इकट्ठा की गई। इस स्टडी में सामने आई जानकारी चौंका देने वाली है। इसमें देखा गया कि मास्क पहनने के बाद सिंप्टोमेटिक कोविड के लक्षण वाले मामले 11।9 फ़ीसदी तक कम हुए। वहीं ब्लड टेस्ट में पॉजिटिव पर गए मामलों में 9।3 फ़ीसदी की कमी दर्ज की गई। इस अध्ययन में यह भी देखा गया कि मास्क पहनने वालों की संख्या में 30 फ़ीसदी बढ़ोतरी से कोरोना मामलों में करीब 10 फ़ीसदी तक कमी दर्ज की गई। यानी अगर 100 फ़ीसदी लोग मास्क पहनें तो कोरोना संक्रमण को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

दिल्ली के वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल के पल्‍मोनरी क्रिटिकल केयर मेडिसिन के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट डॉ। नीरज कुमार गुप्‍ता ने एक हिंदी वेबसाइट के हवाले से कहा कि विश्व में जबसे कोरोना वायरस की शुरुआत हुई है तभी से मास्क पहनने की अपील की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि जब दो लोग मास्क लगाकर रखते हैं तो संक्रमण का आदान-प्रदान होने की संभावना कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि मास्क पहनना संक्रमण से बचने का प्राथमिक और बेहतर उपाय है। अभी तक हुई स्टडीज में सर्जिकल मास्क को सबसे बेहतर माना गया है। हालांकि अन्य मास्क भी उपयोगी हैं लेकिन इनका इस्तेमाल करते समय कुछ चीजों का ख्याल रखना जरूरी है।

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डॉ गुप्ता ने बताया कि मास्क इस्तेमाल करते समय लोग कई बड़ी गलतियां करते हैं जिससे संक्रमण से बचाव नहीं हो पाता है। जैसे सर्जिकल मास्क को कई-कई दिनों तक इस्तेमाल करना और उसे बार-बार छूना। ध्यान दें कि सर्जिकल मास्क को सिर्फ एक ही बार इस्तेमाल करना चाहिए। 

आजकल बाजार में कई तरह के मास्क उपलब्ध हैं जैसे सर्जिकल, N 95 और कपड़े के मास्क। सर्जिकल मास्क के अलावा N95 मास्क भी कोरोना वायरस से बचाव करने में उपयोगी है और इसे लगातार भी लगाया जा सकता है। लेकिन इसे 4 से 5 दिन तक ही लगाना चाहिए। डॉ गुप्ता ने बताया कि डिटर्जेंट डाकर  धोने से यह खराब हो जाता है। इसके बजाय इसे 3 से 4 दिन धूप में सुखाना चाहिए और फिर इसे दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।

डॉ गुप्ता ने बताया कि कपड़े का मास्क भी कोरोना से बचाव के लिए उपयोगी हो सकता है बशर्ते वह थ्री प्लाई या थ्री लेयर मास्क होना चाहिए। डॉ गुप्ता ने कहा कि जहां पर वायरस या बीमारी का खतरा ज्यादा है वहां सिर्फ कपड़े का मास्क काम नहीं करेगा। ऐसी जगहों पर कपड़े के मास्क के साथ सर्जिकल मास्क पहनना फायदेमंद हो सकता है। ऐसे में पहले सर्जिकल मास्क पहनें और उसके ऊपर कपड़े का मास्क पहनना चाहिए। आप कपड़े के मास्क को धूप में सुखा सकते हैं। लेकिन सर्जिकल मास्क को एक ही बार इस्तेमाल करना चाहिए।

– प्रिया मिश्रा 

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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