World Cancer Day: तेजी से बढ़ रहा है कैंसर का खतरा, लक्षण से लेकर बचाव तक जानिए सबकुछ विस्तार से


विश्व कैंसर दिवस 2022
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दुनियाभर में पिछले कुछ वर्षों में कैंसर रोग के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। भारत के संदर्भ में बात करें तो यहां हालात और भी चिंताजनक है। नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, साल दर साल जिस तरह से कैंसर के मामलों में इजाफा देखा जा रहा है, ऐसे में आशंका है कि साल 2025 तक भारत में मामले 1.39 (13.9 लाख) मिलियन से बढ़कर 1.57 मिलियन (15.7 लाख) से अधिक हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक लोगों में कैंसर को लेकर जागरूकता की कमी और इलाज की अनुपलब्धता के कारण मामलों में इस तरह का उछाल देखने को मिल रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए हर साल 4 फरवरी को ‘विश्व कैंसर दिवस’ मनाया जाता है। 

कैंसर रोग विशेषज्ञों की मानें तो इस रोग के शिकार लोगों की जान बचाई जा सकती है, अगर रोग का पता शुरुआती चरणों में ही लगा लिया जाए। पर समस्या यही है कि ज्यादातर लोगों में इसका निदान ही आखिरी चरणों में हो पाता है। यही कारण है कि सभी लोगों को कैंसर के लक्षण और इससे बचाव के उपायों को लेकर अलर्ट रहना चाहिए। आइए कैंसर के लक्षण, कारण से लेकर बचाव के उपायों के तरीकों के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

कैंसर के लक्षणों पर दें ध्यान
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कैंसर और उसके लक्षण

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में अनियंत्रित रूप कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं। कैंसर, मानव शरीर में कहीं भी शुरू हो सकता है। ये कोशिकाएं ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। कैंसर दुनियाभर में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। अध्ययनों से पता चलता है कि फेफड़े, स्तन, कोलोरेक्टल, अग्नाशय और प्रोस्टेट को कैंसर का सबसे घातक रूप माना जाता है। सभी लोगों को कैंसर के लक्षणों पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि इनमें से दो-तीन लक्षण आपमें लगातार बने रहते हैं तो इस बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।

  •  त्वचा के नीचे असामान्य रूप से गांठ महसूस होना।
  • अनपेक्षित रूप से शरीर के वजन में कमी होना।
  • त्वचा में परिवर्तन, जैसे त्वचा का पीला, काला पड़ना या लाल होना, घावों का ठीक न होना।
  • लगातार खांसी या सांस लेने में तकलीफ
  • खाने के बाद लगातार अपच या बेचैनी महसूस होना

कोशिकाओं के बढ़ने की समस्या
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कैंसर के कारण और जोखिम कारक

कैंसर, कोशिकाओं के भीतर डीएनए में परिवर्तन (म्यूटेशन) के कारण होता है। एक सेल के अंदर डीएनए बड़ी संख्या में अलग-अलग जीन से पैक होता है, जिनका कार्य निश्चित होता है। निर्देशों में त्रुटि के कारण कोशिका अपना सामान्य कार्य करना बंद कर देती है और कोशिकाएं कैंसरयुक्त हो सकती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कुछ कारणों के चलते कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। उम्र, जीवनशैली की खराब आदतें, कैंसर के पारिवारिक इतिहास और कुछ पर्यावरणीय कारकों के कारण कैंसर विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है। इन कारकों को लेकर सभी को सावधान रहना चाहिए।

कैंसर की जांच औऱ परीक्षण
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कैंसर की जांच और इलाज

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यदि आपमें कैंसर के लक्षणों का संदेह है तो इस बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें। आपकी स्थिति के आधार पर बायोप्सी, इमेजिंग या फिर फिजिकल टेस्ट के माध्यम से कैंसर का पता लगाया जाता है। जिन लोगों में कैंसर की पुष्टि होती है, उनके रोग के स्टेज के आधार पर इलाज की प्रक्रियाओं को प्रयोग में लाया जाता है। रोग की गंभीरता और स्टेज के आधार पर कीमोथेरपी, रेडिएशन थेरपी, दवाइयों और सर्जरी को प्रयोग में लाया जा सकता है। अगर समय पर कैंसर का पता चल जाता है तो रोगी की जान बचाना अपेक्षाकृत आसान हो जाता है।

कैंसर से बचाव के करते रहें उपाय
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कैंसर से बचाव कैसे करें?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जीवनशैली, आहार में स्वस्थ बदलाव के साथ कुछ बातों को ध्यान में रखकर आप कैंसर से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

  • शराब और धूम्रपान से परहेज करें।
  • शरीर का वजन नियंत्रित बनाए रखें।
  • आहार में फल और सब्जियों को अधिक मात्रा में शामिल करें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें, शरीर को सक्रिय बनाए रखें। 
  • एचपीवी और हेपेटाइटिस-बी का टीकाकरण कराएं।
  • सूरज से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों के संपर्क में ज्यादा देर न रहें। 
  • वायु प्रदूषण और रसायनों के संपर्क में ज्यादा समय तक न रहें। 

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से प्राप्त जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। अमर उजाला इस दावे की पुष्टि नहीं करता है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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