चांदी जैसा रंग है तेरा, सोने जैसे बाल… पंकज उधास ने नाम, पैसा, सब कमाया, फिर भी है ये एक अफसोस


मशहूर गजल गायक पंकज उधास (Pankaj Udhas) ने अपने म्यूजिक करियर में एक से बढ़कर एक सॉन्ग और गजलें दी हैं। पंकज कुछ ऐसे गायकों में गिने जाते हैं जिन्होंने आम लोगों के बीच गजल को पॉप्युलर बनाया है। केवल ऑफ बीट गजल ही नहीं बल्कि पंकज के रोमांटिक गाने युवा वर्ग के बीच बेहद पसंद किए गए हैं। 17 मई 2022 को पंकज उधास अपना 71वां बर्थ डे सेलिब्रेट कर रहे हैं। आइए, जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें।

अमीर घराने के हैं पंकज, 10 साल की उम्र में पहली परफॉर्मेंस
पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात जेतपुर में हुआ था। पंकज के पिता बहुत बड़े जमींदार थे। उनके 2 बड़े भाई पहले ही सिंगर थे। इसी के चलते पंकज ने कम उम्र में ही गाना शुरू कर दिया था। पंकज के बड़े भाई मनहर उधास पहले से ही गायक थे। एक बार जब मनहर स्टेज पर परफॉर्म कर रहे थे तो 10 साल के पंकज उधास ने अपनी जिंदगी की पहली परफॉर्मेंस दी थी। तब भारत और चीन का युद्ध चल रहा था, इसके चलते पंकज ने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाया था। यह गाना ऑडिटोरियम में मौजूद एक व्यक्ति को इतना पसंद आया कि उन्होंने पंकज को 51 रुपये का इनाम दिया। इसके बाद पंकज का संगीत का सफर शुरू हो गया और उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

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तबला सीखना चाहते थे लेकिन बन गए सिंगर
पंकज उधास ने अपने संगीत को निखारने के लिए राजकोट की संगीत अकैडेमी में एडमिशन लिया। वह वहां तबला बजाना सीखना चाहते थे लेकिन बाद में उस्ताद गुलाम कादिर खान साहब से हिंदुस्तानी क्लासिकल गायकी सीखने लगे। इसके बाद पंकज मुंबई चले गए और वहां उन्होंने ग्वालियर घराने के नवरंग नागपुरकर से गायकी सीखनी शुरू कर दी। वैसे ऐसा नहीं है कि पंकज ने केवल म्यूजिक ही सीखा है, वह काफी पढ़े-लिखे भी हैं। पंकज ने मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज और विलसन कॉलेज से बीएससी कर चुके हैं।

दूसरे धर्म में की शादी
पंकज उधास जब कॉलेज में पढ़ रहे थे तब उनकी मुलाकात फरीदा से हुई। फरीदा को पहली नजर देख ही पंकज को प्यार हो गया। इसके बाद पंकज और फरीदा की दोस्ती हुई और दोस्ती प्यार में बदल गई। फरीदा एक एयर होस्टेस थीं और पारसी धर्म की थीं। फरीदा के पिता एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी थे और इस शादी के लिए राजी नहीं थे। हालांकि पंकज और फरीदा के बीच के प्यार को देखते हुए फाइनली दोनों परिवार मान गए और दोनों की शादी हो गई।

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पहला ब्रेक और म्यूजिक की दुनिया में शोहरत
पंकज उधास को पहला ब्रेक फिल्म ‘कामना’ के लिए एक गाने के लिए मिला। इसके बाद पंकज गजल के कॉन्सर्ट करने लगे। पंकज को देश-विदेश में तब मशहूर हो गए जब उन्होंने 1986 में आई महेश भट्ट की फिल्म ‘नाम’ में गाना ‘चिट्ठी आई है’ गाया। यह गाना इतना बड़ा हिट था कि इसे आज भी याद किया जाता है। इसके बाद तो पंकज ने एक से बढ़कर एक म्यूजिक ऐल्बम रिलीज कीं। पंकज फिल्मों और म्यूजिक ऐल्बमों के गाने काफी फेमस रहे हैं और पसंद किए गए हैं।

पंकज उधास को इस बात का है मलाल
पंकज उधास ने अपनी गायकी और गानों से खूब नाम कमाया है। हालांकि उन्हें इस बात का अफसोस है कि उन्हें शराबियों के सिंगर का टैग दे दिया गया है। पंकज ने एक इंटरव्यू में इस बात अपनी मायूसी जाहिर करते हुए कहा था कि उन्होंने अपने करियर में सैकड़ों गानों में से केवल 20-25 गाने ही शराब पर गाए हैं लेकिन फिर भी उन्हें मयखाने और शराब से जोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि उनकी गायकी केवल शराब तक सीमित नहीं है बल्कि उनके रोमांटिक गाने ज्यादा पसंद किए गए हैं।

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