आयुर्वेद (Ayurveda) कहता है कि हमारे मन और शरीर की प्रणाली ही हमारी सेहत को नियंत्रित करती है. ऐसा कहा जाता है कि मन में विचार शरीर में विभिन्न प्रतिक्रियाओं (Reactions) की वजह से बनते हैं और ये दोनों अविभाज्य (Inseparable) हैं. इन्हें अलग नहीं किया जा सकता, इसलिए किसी के भी स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों को समझने के लिए उनके माइंड-बॉडी टाइप को समझना बहुत ज़रूरी है. आयुर्वेद में ‘दोष’ नाम के 3 ऑपरेटिंग एजेंट्स के जरिए इनके आपसी संबंध की व्याख्या की गई है.
इन 3 दोषों को वात, पित्त और कफ बताया गया है. हालांकि, ये 3 दोष सभी ह्यूमन बॉडी में मौजूद होते हैं, लेकिन इनका एक या इससे ज्यादा होना व्यक्ति के मन-शरीर के प्रकार यानी माइंड-बॉडी टाइप के बारे में बताता है. अलग-अलग दोष के आधार पर आयुर्वेद में व्यक्ति के लिए सबसे ज़रूरी योगाभ्यास सुझाए गए हैं. मतलब कौन सा दोष होने पर कौन सा योगासन करना है, ये बताया गया है.
वात दोष
वात दोष वाले लोग आमतौर पर पतली देह वाले होते हैं और अक्सर एक्टिव, उत्साही, कल्पनाशील और सीखने वाले होते हैं. यिन और स्ट्रेचिंग (Yin and stretching) योग उनके लिए सबसे उपयुक्त है. इनके अलावा, धीमी गति से चलने वाली, कम प्रभाव वाले योगाभ्यास इस बॉडी टाइप या दोष से संबंधित लोगों के लिए ज़रूरी गर्मजोशी और रिलैक्स की भावना लाती है.
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वात दोष वाले लोगों के लिए वृक्षासन (वृक्ष मुद्रा), ताड़ासन (पर्वत मुद्रा) और वीरभद्रासन 1 और वीरभद्रासन 2 (योद्धा एक और दो मुद्रा) जैसे योग आसनों की सिफारिश की जाती है.
पित्त दोष
पित्त दोष वाले लोग मध्यम कद-काठी के होते है. उनके पास मजबूत पाचन के साथ तेज भूख और प्यास होती है, हालांकि, वे तनाव में क्रोध और चिड़चिड़ापन के प्रति भी संवेदनशील होते हैं, क्योंकि ये लोग हाई एनर्जी लेवल का आनंद लेते हैं और आमतौर पर गर्म व्यवहार के होते हैं, इसलिए उन्हें हॉट योग से बचना चाहिए, जिसके परिणामस्वरूप अत्यधिक पसीना आता है.
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ऐसे लोगों को ठंडा रखने और आराम देने वाले योग आसनों की सलाह दी जाती है. उष्ट्रासन (ऊंट), भुजंगासन (कोबरा), सेतु बंध सर्वांगासन (पुल मुद्रा), मत्स्यासन (मछली) कपोतासन (कबूतर) और वृक्षासन जैसे व्यायाम उन्हें ठंडा रखने में मदद करेंगे.
कफ दोष
कफ दोष (माइंड-बॉडी टाइप) वाले व्यक्ति मजबूत और शक्तिशाली कद-काठी के होते हैं और वे अक्सर आसानी से वजन बढ़ा लेते हैं. जहां पित्त दोष वाले लोगों को हॉट योग की प्रैक्टिस नहीं करनी चाहिए, वहीं कफ दोष वाले लोगों को इससे बहुत फायदा होता है. इसके अलावा उनके लिए पावर योग की भी सिफारिश की जाती है, जो कि विन्यास-स्टाइल योग के जोरदार दृष्टिकोण को संदर्भित करता है. इसमें हॉट योग में खड़े होकर गहरी सांस लेना (प्राणायाम), हाफ मून पोज़ (अर्ध-चंद्रासन) और उत्कटासन शामिल हैं.
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परिपूर्ण नवासना (नाव मुद्रा), चतुरंगा दंडासन (तख़्त मुद्रा), शलभासन (टिड्डी मुद्रा) और अधोमुख श्वानासन पावर योग मुद्राएं हैं.
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Tags: Benefits of yoga, Health, Lifestyle, Yoga
FIRST PUBLISHED : June 09, 2022, 11:25 IST