नई दिल्ली. ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में ईंधन के रूप में हाइड्रोजन काफी चर्चा में है. कई कंपनियां भविष्य के वाहनों के लिए ग्रीन और क्लीन एनर्जी समाधान की तलाश कर रही हैं. जहां कई वाहन निर्माता वाहनों को पावर देने के लिए हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक पर काम कर रहे हैं, वहीं ओला इलेक्ट्रिक के सीईओ भाविश अग्रवाल उन वाहन निर्माताओं के साथ नहीं हैं.
एक ट्वीट के जवाब में भाविश अग्रवाल ने लिखा कि कारों के लिए हाइड्रोजन योग्य नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि हाइड्रोजन ईंधन सेल टेक्नोलॉजी बिजली के परिवहन का एक बहुत ही बेअसर तरीका है. उन्होंने कहा, “ पहले बिजली का उपयोग H2, H2 के उत्पादन के लिए किया जाता है, फिर दबाव के रूप में ईंधन स्टेशनों तक पहुंचाया जाता है और कारों में भरा जाता है. फिर कार में फ्यूल सेल में वापस बिजली में परिवर्तित किया जाता है. बिजली के परिवहन का बहुत ही बेअसर तरीका. ”
Hydrogen not relevant for cars. Electricity is used to produce H2, H2 then transported in pressurised form to fueling stations and filled in cars, and then converted in fuel cells in the car back to electricity. Very inefficient way of transporting electricity. https://t.co/mBqMoeP3ug
— Bhavish Aggarwal (@bhash) June 17, 2022
हाइड्रोजन पैदा करने में नहीं होता कार्बन उत्सर्जन
ग्रीन हाइड्रोजन को सबसे कम कार्बन पैदा करने वाली ईंधन के रूप में जाना जाता है. इससे वाहन भी चल सकते हैं. दूसरी ओर लिथियम-आयन बैटरी भी एक ऐसी प्रक्रिया में विकसित की जाती हैं जो पर्यावरण में कार्बन का उत्सर्जन करती है, वहीं ग्रीन हाइड्रोजन इससे मुक्त होती है. इसे ईंधन के रूप में उपयोग करने से टेलपाइप से केवल पानी निकलता है. हालांकि, हाइड्रोजन ऊर्जा उत्पादन का विस्तार कुछ ऐसा है, जिसे वाहन निर्माता हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों के विकास के सामने एक बाधा मानते हैं. साथ ही हाइड्रोजन की उपलब्धता में कमी भी चिंता का विषय है.
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लिथियम-आयन बैटरी से अच्छा ऑप्शन है हाइड्रोजन
हाइड्रोजन ऊर्जा का एक अन्य लाभ यह भी है कि इसमें लिथियम-आयन बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों की तुलना में ईंधन भरने या रिचार्ज करने का समय कम लगता है. हाइड्रोजन वाहनों में बैटरी पैक का साइज भी काफी छोटा होता है. इसके अलावा, हाइड्रोजन ईंधन में लिथियम-आयन बैटरी की तरह किसी दुर्लभ धातु जैसे निकेल और कोबाल्ट का इस्तेमाल नहीं होता. कुल मिलाकर, हाइड्रोजन को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लिथियम-आयन बैटरियों की तुलना में एक बढ़िया विकल्प माना जाता है.
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FIRST PUBLISHED : June 19, 2022, 20:08 IST