दिल्ली: बंदिशें खत्म, दो साल बाद पटरी पर लौटीं परिवहन सेवाएं, मेट्रो स्टेशनों के सभी गेट खुले, नहीं लगी कतार


अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: सुशील कुमार
Updated Tue, 01 Mar 2022 12:12 AM IST

सार

बंदिशों से मिली छूट के बाद मेट्रो स्टेशनों के 700 से अधिक गेट खोल दिए गए। इससे यात्रियों को काफी राहत मिली, क्योंकि अब तक एक-दो गेट ही अधिकतर स्टेशनों पर खुले होने की वजह से यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था।

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चेहरे पर मास्क पहनकर, निकल पड़े सफर पर। सीट मिली तो बैठ गए, न मिलने पर भी खड़े होकर गंतव्य के लिए रवाना हो गए। बंदिशें खत्म होने पर बस-मेट्रो में सफर करने वालों के लिए सोमवार की सुबह राहत लेकर आई। मेट्रो स्टेशनों के सभी गेट खुलने से कतार में लगने की चिंता नहीं और न ही दूसरे गेट से आने जाने में अधिक वक्त लगा। बस स्टॉप पर भीड़ कुछ देर के लिए रही तो बसों के पहुंचने पर कम होती गई। बंदिशों में राहत मिलने के बाद परिवहन सेवाएं करीब दो साल बाद एक बार फिर पटरी पर लौटीं।

बंदिशों से मिली छूट के बाद मेट्रो स्टेशनों के 700 से अधिक गेट खोल दिए गए। इससे यात्रियों को काफी राहत मिली, क्योंकि अब तक एक-दो गेट ही अधिकतर स्टेशनों पर खुले होने की वजह से यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। स्टेशन तक पहुंचने के लिए भी अब खर्च में भी भी बचत होने लगी। बसों में सुबह से ही भीड़ बढ़ने लगी, लेकिन सीट न होने पर भी खड़े होकर लोगों ने सफर किया। यात्रियों का इंतजार काफी कम हो गया और गंतव्य तक पहुंचने में भी देरी नहीं हुई।
 
बस रूट संख्या 724 में मोतीबाग (रिंग रोड) और उत्तम नगर के बीच बस में सीट पर बैठने वालों से करीब 10 यात्री अधिक थे। सीट न मिलने पर खड़े होकर सफर किया। लेकिन दो साल से सीट पर केवल बैठने की सुविधा न मिलने से लोगों को खड़े होकर भी सफर करना पड़ा। यात्रियों का कहना है कि अब उन्हें बस के लिए इंतजार तो नहीं करना पड़ेगा। पहले सीट न होने पर बस में सवार नहीं होने दिया जाता था, नतीजतन मुश्किलें बनी हुई थीं। मेट्रो में भी बंदिशें खत्म होने के बाद पहले दिन लोगों ने जुर्माना के डर के बिना सफर करते नजर आए। अब तक उन्हें खड़े होकर यात्रा करने पर जुर्माना की चिंता सता रही थी। मेट्रो में यात्रियों की संख्या दोगुना से अधिक रही तो प्रत्येक बस में छह-आठ अधिक यात्रियों ने यात्राएं की। 

नहीं करना पड़ा इंतजार
मेट्रो यात्रियों ने राहत मिलने पर खुशी जताते हुए कहा कि अब समय की बर्बादी नहीं होगी। गेट बंद होने की वजह से लोगों को गंतव्य तक पहुंचने में अधिक वक्त और पैसे खर्च होते थे। अब इससे राहत मिली है। गेट खुलने से गंतव्य तक पहुंचने में मिली राहत से दिल्ली मेट्रो भी एक बार फिर सामान्य तौर पर आवागमन करती रही। 

विस्तार

चेहरे पर मास्क पहनकर, निकल पड़े सफर पर। सीट मिली तो बैठ गए, न मिलने पर भी खड़े होकर गंतव्य के लिए रवाना हो गए। बंदिशें खत्म होने पर बस-मेट्रो में सफर करने वालों के लिए सोमवार की सुबह राहत लेकर आई। मेट्रो स्टेशनों के सभी गेट खुलने से कतार में लगने की चिंता नहीं और न ही दूसरे गेट से आने जाने में अधिक वक्त लगा। बस स्टॉप पर भीड़ कुछ देर के लिए रही तो बसों के पहुंचने पर कम होती गई। बंदिशों में राहत मिलने के बाद परिवहन सेवाएं करीब दो साल बाद एक बार फिर पटरी पर लौटीं।

बंदिशों से मिली छूट के बाद मेट्रो स्टेशनों के 700 से अधिक गेट खोल दिए गए। इससे यात्रियों को काफी राहत मिली, क्योंकि अब तक एक-दो गेट ही अधिकतर स्टेशनों पर खुले होने की वजह से यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। स्टेशन तक पहुंचने के लिए भी अब खर्च में भी भी बचत होने लगी। बसों में सुबह से ही भीड़ बढ़ने लगी, लेकिन सीट न होने पर भी खड़े होकर लोगों ने सफर किया। यात्रियों का इंतजार काफी कम हो गया और गंतव्य तक पहुंचने में भी देरी नहीं हुई।

 

बस रूट संख्या 724 में मोतीबाग (रिंग रोड) और उत्तम नगर के बीच बस में सीट पर बैठने वालों से करीब 10 यात्री अधिक थे। सीट न मिलने पर खड़े होकर सफर किया। लेकिन दो साल से सीट पर केवल बैठने की सुविधा न मिलने से लोगों को खड़े होकर भी सफर करना पड़ा। यात्रियों का कहना है कि अब उन्हें बस के लिए इंतजार तो नहीं करना पड़ेगा। पहले सीट न होने पर बस में सवार नहीं होने दिया जाता था, नतीजतन मुश्किलें बनी हुई थीं। मेट्रो में भी बंदिशें खत्म होने के बाद पहले दिन लोगों ने जुर्माना के डर के बिना सफर करते नजर आए। अब तक उन्हें खड़े होकर यात्रा करने पर जुर्माना की चिंता सता रही थी। मेट्रो में यात्रियों की संख्या दोगुना से अधिक रही तो प्रत्येक बस में छह-आठ अधिक यात्रियों ने यात्राएं की। 

नहीं करना पड़ा इंतजार

मेट्रो यात्रियों ने राहत मिलने पर खुशी जताते हुए कहा कि अब समय की बर्बादी नहीं होगी। गेट बंद होने की वजह से लोगों को गंतव्य तक पहुंचने में अधिक वक्त और पैसे खर्च होते थे। अब इससे राहत मिली है। गेट खुलने से गंतव्य तक पहुंचने में मिली राहत से दिल्ली मेट्रो भी एक बार फिर सामान्य तौर पर आवागमन करती रही। 



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