एशिया कप तो बहाना है, टी20 वर्ल्ड कप निशाना है; 12 खिलाड़ी फाइनल…3 स्लॉट के लिए असली टक्कर


हाइलाइट्स

टीम इंडिया को 27 अगस्त से एशिया कप में हिस्सा लेना है
इस टूर्नामेंट के जरिए विश्व कप के स्क्वॉड को अंतिम रूप दिया जाएगा
टी20 विश्व कप के लिए 12 खिलाड़ी तय, 3 स्लॉट के लिए है लड़ाई

नई दिल्ली. टीम इंडिया को इस महीने के आखिर में एशिया कप खेलना है. इस टूर्नामेंट के लिए सेलेक्टर्स या तो इस हफ्ते टीम चुनने के लिए बैठेंगे. यह टी20 विश्व कप के लिए 15 सदस्यीय स्क्वॉड फाइनल करने से पहले एक तरह से आखिरी सेलेक्शन होगा. हालांकि, एशिया कप के बाद सितंबर में भारत को घर पर दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया से सीरीज खेलनी है लेकिन इस सीरीज में भी मोटे तौर पर वही 15 खिलाड़ी उतरेंगे, जो एशिया कप में टीम का हिस्सा होंगे.

भारत एशिया कप को दो तरीके से देख सकता है. एक अपना बेस्ट स्क्वॉड उतारना यानी वो खिलाड़ी जो टी20 विश्व कप की टीम में शामिल होंगे ही या विश्व कप के विकल्पों का आकलन करने के लिए टूर्नामेंट को एक प्लेटफॉर्म की तरह इस्तेमाल करना. फिलहाल, टी20 विश्व कप के स्क्वॉड के 12 स्लॉट फाइनल हैं, बस, शर्त यही है कि सभी खिलाड़ी फिट हों. बल्लेबाजी के मोर्चे पर रोहित शर्मा, विराट कोहली, केएल राहुल, सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक स्क्वॉड में रहेंगे. हार्दिक पंड्या और रवींद्र जडेजा दो ऑलराउंडर के रूप में स्क्वॉड का हिस्सा होंगे.

चहल रिस्ट स्पिनर के तौर पर खेलेंगे

युजवेंद्र चहल रिस्ट स्पिनर के तौर पर इस स्क्वॉड में शामिल होंगे. वहीं, तीन तेज गेंदबाजों में जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार और हर्षल पटेल का नाम भी करीब-करीब तय है. यानी टी20 विश्व कप की 15 सदस्यीय टीम में 12 खिलाड़ी तो फाइनल हैं. अब बचते हैं 3 खाली स्लॉट. असली जंग इन्हीं तीन खाली स्थानों के लिए है.

अब टीम इंडिया इन्हीं 12 खिलाड़ियों और इनके बैकअप को एशिया कप के लिए चुनती है या दूसरे दावेदारों को फाइनल मौका देती है, यह अभी देखना बाकी है. हालांकि, 3 खाली स्लॉट को लेकर भारतीय टीम मैनेजमेंट की सोच साफ होगी. वो ऐसे खिलाड़ियों को चुनना चाहेगी, जो खेल के तीनों डिपार्टमेंट यानी गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फील्डिंग में उसके काम आ सके. इस पैमाने पर जो खिलाड़ी सबसे ज्यादा खरा उतरेगा, वही टी20 विश्व कप के लिए खाली 3 स्लॉट में जगह बनाने में सफल रहेगा.

आइए जानते हैं कि इन तीन खाली स्लॉट में जगह बनाने को लेकर कितने खिलाड़ी कतार में हैं और किसका दावा, कितना मजबूत है. ईएसपीएनक्रिकइंफो के मुताबिक, 3 खाली स्लॉट के लिए 7 खिलाड़ियों में जोर आजमाइश होगी. एक-एक कर आपको इन खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं.

दीपक चाहर: एक समय दीपक चाहर को भुवनेश्वर कुमार के मजबूत विकल्प के रूप में देखा जाने लगा था. लेकिन फिर दीपक को चोट लग गई और वो लंबे वक्त के लिए मैदान से बाहर हो गए. उनकी गैरहाजिरी का भुवनेश्वर ने पूरा फायदा उठाया. हालांकि, दीपक के साथ अच्छी बात यह है कि वो भुवनेश्वर के मुकाबले बेहतर बल्लेबाज हैं, इसलिए फ़िट होने के बाद अभी भी उनके विश्व कप टीम में चुने जाने की संभावना बनी हुई है. उन्हें रवींद्र जडेजा के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है.

बीते 1 साल में जडेजा का बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी स्ट्राइक रेट कुछ ख़ास नहीं रहा है. इसलिए अगर जडेजा कुछ मैच में नहीं चलते हैं, तो दीपक को ऑलराउंडर के तौर पर जगह देकर भारतीय टीम मैनेजमेंट एक अहम स्पिनर खिला सकता है.

आर अश्विन: इस साल आर अश्विन का टी20 बल्लेबाज़ी स्ट्राइक रेट जडेजा से बेहतर है. हालांकि, बल्लेबाजी वो वजह नहीं है, जिसके कारण अश्विन का टी20 करियर दोबारा पटरी पर लौटा है. उन्होंने बीते कुछ वक्त में खुद को टी20 के भरोसेमंद गेंदबाज के रूप में दोबारा स्थापित किया है. अब उनकी ऐसे गेंदबाज के रूप में होती है, जो अपने 4 ओवर में विकेट लेने के साथ ही रन रोकने की क्षमता भी रखता है. अगर विरोधी टीम में बाएं हाथ के बल्लेबाज़ अधिक हों तो अश्विन की उपयोगिता और बढ़ जाती है. हालांकि, उन टीमों के खिलाफ, जिसमें दाएं हाथ के बल्लेबाजों की भरमार है, उसमें चहल और जडेजा ही फर्स्ट चॉइस स्पिन गेंदबाज के रूप में खेलेंगे.

अक्षर पटेल: जडेजा के बैकअप के रूप में अक्षर एकदम फिट हैं. अगर जडेजा के लिए इस वक्त लिमिटेड ओवर क्रिकेट में कोई खिलाड़ी खतरा बना हुआ है तो वो अक्षऱ ही हैं. हालांकि, यह बात तय है कि प्लेइंग-XI में इन दोनों में से कोई एक ही खेलेगा. अगर अक्षर एशिया कप टीम में जगह पाते हैं, तो बेहतर प्रदर्शन करने पर वह विश्व कप के स्क्वॉड में जडेजा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं.

दीपक हुड्डा: हुड्डा को इस साल जब भी टीम इंडिया में मौका मिला है, उन्होंने दोनों हाथों से इसे भुनाया है. टॉप या मिडिल ऑर्डर में आक्रामक बल्लेबाजी के साथ-साथ वो एक ऑफ स्पिनर के रूप में एक-दो ओवर गेंदबाजी कर सकते हैं. हालांकि कोहली और सूर्यकुमार यादव के मिडिल ऑर्डर में रहते हुए उनका प्लेइंग-XI में चुना जाना बेहद मुश्किल है. उनके लिए फिलहाल, 15 सदस्यीय स्क्वॉड में भी जगह बनाना आसान नहीं दिख रहा. वो दूसरे बैकअप बल्लेबाज के रूप में ही जगह बना पाएंगे.

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अर्शदीप सिंह: इस बाएं हाथ के गेंदबाज की सबसे बड़ी खूबी डेथ ओवर गेंदबाजी की है. वो आखिरी के ओवर में सटीक यॉर्कर फेंकते हैं. दूसरा, यह कि वो इकलौते बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं. यह साफ है कि अगर भारत को तेज गेंदबाजी में सिर्फ एक ही बैकअप बॉलर को लेना होगा तो दीपक चाहर या अर्शदीप सिंह में से ही कोई एक चुना जाएगा. अर्शदीप अगर टी20 विश्व कप के स्कॉड में नहीं चुने जाते हैं तो सिर्फ ऐसा बल्लेबाजी के कारण ही होगा. हालांकि, टीम इंडिया एशिया कप में इन दोनों तेज गेंदबाजों को मौका दे सकती है और फिर बैकअप पेसर को लेकर कोई अंतिम निर्णय लिया जा सकता है.

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कुलदीप यादव और रवि बिश्नोई
बीते कुछ महीनों में यह दोनों रिस्ट स्पिनर भारत की टी20 टीम के सेटअप का हिस्सा हैं. हालांकि, हाल के दिनों में टीम इंडिया के प्लेइंग-XI को देखें तो यह साफ है कि एकसाथ दो रिस्ट स्पिनर नहीं खेलेंगे. यह भी तय है कि चहल के बैकअप के रूप में टीम इंडिया शायद ही किसी गेंदबाज को टी20 विश्व कप के लिहाज से देखे. ऐसे में कुलदीप यादव और रवि बिश्नोई में से कोई एक ही एशिया कप की टीम में चुना जाए तो फिर किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए.

Tags: Asia cup, Axar patel, Deepak chahar, Deepak Hooda, R ashwin, T20 World Cup 2022, Team india

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