एजेंसी, पटना
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 16 Feb 2022 03:34 AM IST
सार
तेजस्वी यादव ने मौजूदा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, नीतीश सरकार में 80 से ज्यादा घोटाले हो चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जनता जानती है की एक ही केस में लालू को कई बार सजा हो रही है। उक्त चारा घोटाला मामले को कई हिस्सों में बांटकर राजनीति के तहत लालू यादव को परेशान किया जा रहा है।
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विस्तार
तेजस्वी ने मौजूदा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, नीतीश सरकार में 80 से ज्यादा घोटाले हो चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जनता जानती है की एक ही केस में लालू को कई बार सजा हो रही है। उक्त चारा घोटाला मामले को कई हिस्सों में बांटकर राजनीति के तहत लालू यादव को परेशान किया जा रहा है। लालू गरीबों के नेता हैं और उन्हें इसी की सजा दी जा रही है। यहां नीरव मोदी, विजय माल्या, मेहूल चोकसी और ललित मोदी जैसे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने पूछा क्या गुजरात की शिपयार्ड कंपनी के सबसे बडे़ 23 हजार करोड़ के घोटाले के आरोपियों को भी सजा होगी।
सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएंगे: तेजस्वी
तेजस्वी ने पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं व समर्थकों से हिम्मत नहीं हारने की अपील करते हुए कहा, अदालत का फैसला सर्वोपरि है। सभी को इसका सम्मान करना चाहिए। हम भी करते हैं। हमें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। यह सजा अंतिम फैसला नहीं है, हम इसके खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट जाएंगे। अगर जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएंगे।
लालू ने कार्रवाई नहीं की
सीबीआई ने अदालत में इस आरोप के पक्ष में दस्तावेज पेश किये कि मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद ने पूरे मामले की जानकारी रहते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं की। जबकि सीएजी ने इस मामले की जानकारी उस समय मुख्यमंत्री के पद पर रहे लालू प्रसाद को दी थी उसके बाद भी लालू ने कोई करवाई नहीं की।
14 साल की सजा के दौरान ज्यादातर वक्त अस्पताल में ही रहे लालू प्रसाद
चारा घोटाला मामले में 14 साल की सजा के लिए लालू प्रसाद 2017 में जेल गए थे। उसके बाद से वह ज्यादातर समय अस्पताल में ही रहे। खासतौर से रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में रहे। पिछले साल जनवरी में तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया था। मंगलवार को पांचवें मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद उन्हें पहले जेल ले जाया गया लेकिन बाद में उन्हें फिर अस्पताल में भर्ती करा दिया गया।
बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय: सुशील मोदी
भाजपा नेता व बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, जब बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय। जिन लोगों ने प्रदेश को अंधकार में धकेला आज 15 साल बाद उनके खिलाफ फैसला हो गया। लाख कोशिशों के बाद कानून ने अपना काम कर दिया। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद ने एड़ी चोटी का जोर लगाकर खुद को बचाने की कोशिश की लेकिन पर्याप्त सबूत होने पर दोषी बच नहीं पाते।