नई दिल्ली. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने Budget 2022 पेश करते हुए बुलियन इंडस्ट्री (Bullion Industry) को सबसे ज्यादा निराश किया. इंडस्ट्री को उम्मीद थी कि सरकार गोल्ड पर कस्टम ड्यूटी (Custom Duty) में राहत देगी, जिससे सोने-चांदी का आयात सस्ता हो सके और बिक्री बढ़ाई जा सके.
केडिया एडवाइजरी के डाइरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि सरकार ने पिछले बजट में गोल्ड (Gold) पर आयात शुल्क 12.5 फीसदी से घटाकर 7.5 फीसदी कर दिया था. बावजूद इसके 3 फीसदी जीएसटी और कई सरचार्ज व सेस मिलाकर प्रभावी शुल्क 10.75 फीसदी पहुंच जाता है. ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि शुल्क को 7.5 फीसदी से घटाकर 4 या 5 फीसदी कर दिया जाता.
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Commodity Transaction Tax (CTT) में भी राहत नहीं
कमोडिटी पार्टिसिपेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CPAI) ने सरकार से कमोडिटी के ट्रांजैक्शन पर लगने वाले टैक्स में कटौती की मांग की थी. साथ ही इसे Income Tax के सेक्शन 88ई में जोड़े जाने की मांग थी, जबकि अभी इस भुगतान को कमोडिटी खर्च में ही जोड़ दिया जाता है. CPAI ने हर 1 करोड़ रुपये के ट्रांजैक्शन पर 500 रुपये CTT लगाने की मांग की थी.
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इन मांगों पर भी नहीं हुआ विचार
-10 तोला गोल्ड ज्वेलरी कैश मे खरीदने की छूट.
-पुराने जेवर के खरीद मूल्य को नये जेवर के बिक्री मूल्य से घटाकर ही टैक्स लगाया जाए.
-सोना, चांदी, हीरे की खरीद बिक्री के लाभ पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 20% से घटाकर 10% व शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन 30% से घटाकर 20% होना चाहिए.
-ज्वेलरी की खरीद पर पर ऑटो इंडस्ट्री की तरह लोन की सुविधा मिलनी चाहिए.
-क्रेडिट कार्ड पर कोई बैंक चार्ज नहीं लगना चाहिए, जो अभी 2,000 से ज्यादा के भुगतान पर लगता है.
-गोल्ड पर जीएसटी सेल्स टैक्स की तरह 1% होनी चाहिए, अभी 3 फीसदी लगता है.
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