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वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री केपी मलिक ने खेल मंत्री और खेल निदेशक दोनों को पत्र लिखा, लेकिन उनके ही विधानसभा क्षेत्र में करोड़ों की लागत से बाबा शाहमल के नाम पर बने खेल स्टेडियम का ताला अभी तक नहीं खुल सका। राज्यमंत्री दिनेश खटीक के आरोपों के बाद अब राज्यमंत्री केपी मलिक के दोनों पत्र भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
बड़ौत में वर्ष 2014 में 37 बीघा में 6.31 करोड़ रुपये की लागत से स्टेडियम का निर्माण शुरू हुआ था। इस स्टेडियम का दो जून 2018 में तत्कालीन केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह और यूपी के तत्कालीन कैबिनेट खेल मंत्री रहे चेतन चौहान ने उद्घाटन किया था।
बाबा शाहमल के नाम पर बने खेल स्टेडियम में कुश्ती, कबड्डी, निशानेबाजी, एथलेटिक्स की प्रैक्टिस शुरू कराई गई थी। यह स्टेडियम करीब डेढ़ साल ठीक चलता रहा, लेकिन पिछले ढाई साल से उस पर ताला लटका हुआ है। इसलिए ही वहां से सामान भी चोरी होने लगा है।
ओलंपिक तक खेल चुके, कॉमनवेल्थ में पदक जीते
ओलंपिक, एशियन चैंपियनशिप, कॉमनवेल्थ गेम्स तक बागपत के खिलाड़ी देश का नाम रोशन कर चुके हैं। यहां से पहलवान राजीव तोमर व संदीप तोमर ने ओलंपिक तक का सफर तय किया है, तो पहलवान शौकेंद्र तोमर, सुनील राणा, सुभाष तोमर देश के लिए कॉमनवेल्थ व एशियन गेम्स में पदक जीत चुके हैं। इनके अलावा काफी पहलवान, शूटर, तीरंदाज देश के लिए खेल चुके हैं।
स्टेडियम बनने के बावजूद कोच की कमी दूर नहीं हुई
स्टेडियम बनने के बाद भी कोच की नियुक्ति नहीं की गई। जिले में कुश्ती, कबड्डी, शूटिंग, क्रिकेट, बैडमिंटन, तैराकी, वॉलीबाल, बॉक्सिंग के कोच नहीं हैं। यहां केवल एक एथलेटिक्स के कोच है, जो खेकड़ा में प्रैक्टिस कराते हैं। कोच नहीं होने के कारण भी खिलाड़ियों को परेशानी हो रही है।
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