फिल्म पर तकरार: केरल कांग्रेस का दावा-17 साल में 399 पंडित और 15 हजार से ज्यादा मुस्लिम मारे गए, अल्फोंस का पलटवार, बोले- इन्हें इतिहास की समझ नहीं


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Mon, 14 Mar 2022 11:39 AM IST

सार

अल्फोंस ने कहा कि कांग्रेस को इतिहास की समझ नहीं है। उसे विकृत इतिहास पता है। सब जानते हैं कि कांग्रेस या उसके समर्थक दलों की सरकार के दौरान कश्मीर से 1.50 लाख पंड़ितों को सांप्रदायिक आधार पर खदेड़ा गया। 
 

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फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर देश में एक बार फिर बहस छिड़ गई है। इसी बीच केरल कांग्रेस ने ट्वीट कर तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा विस्थापित कश्मीरी पंडितों की मदद का दावा किया है। इस पर केरल के भाजपा सांसद केजे अल्फोंस ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। केरल कांग्रेस ने दावा किया है कि बीते 17 सालों में आतंकवाद के चलते 399 पंडित मारे गए हैं, जबकि मुस्लिमों की मौतें इससे कई गुना ज्यादा हुई हैं। 

अल्फोंस ने कहा कि कांग्रेस को इतिहास की समझ नहीं है। उसे विकृत इतिहास पता है। सब जानते हैं कि कांग्रेस या उसके समर्थक दलों की सरकार के दौरान कश्मीर से 1.50 लाख पंडितों को सांप्रदायिक आधार पर खदेड़ा गया। 

पूर्व केंद्रीय मंत्री अल्फोंस ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने जम्मू-कश्मीर में ऐसी स्थिति पैदा कर दी जिसमें पंडित वहां नहीं रह सकते थे।  उनकी हत्याएं कर दी गईं, उनकी जान को खतरा था, इसलिए वे वहां से चले गए। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद चीजों में बदलाव आया है। 

केरल कांग्रेस ने यह दावा किया था
इससे पहले केरल कांग्रेस ने इस फिल्म को लेकर कई ट्वीट किए थे। इनमें से एक को बाद में डिलीट कर दिया गया। केरल कांग्रेस ने कहा, ‘वे आतंकवादी थे जिन्होंने कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया। साल 1990 से लेकर 2007 के बीच के 17 सालों में आतंकवादी हमलों में 399 पंडितों की हत्या की गई। इसी दौरान आतंकवादियों ने 15 हजार मुसलमानों की हत्या कर दी।’ केरल कांग्रेस ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में पंडितों के लिए 5242 शिविर बनाए गए  थे और प्रत्येक विस्थापित परिवार को 5 लाख रुपये की सहायता दी गई थी। इसके अलावा विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप और किसानों को मदद दी गई थी। 1168 करोड़ रुपये की कल्याणकारी योजनाएं इनके लिए चलाई गई थी। 

भाजपा पर लगाया यह आरोप
केरल कांग्रेस ने कहा कि कश्मीरी पंडितों ने जब कश्मीर घाटी को सामूहिक रूप से छोड़ा उस समय वहां के राज्यपाल जगमोहन थे। जगमोहन आरएसएस के व्यक्ति थे। पंडितों का पलायन भाजपा समर्थित वीपी सिंह सरकार के दौरान शुरू हुआ। यह सरकार दिसंबर 1989 में सत्ता में आई और जनवरी 1990 में पलायन शुरू हुआ। तब भाजपा ने कुछ नहीं किया और नवंबर 1990 तक वीपी सिंह का समर्थन करना जारी रखा।

ट्वीट की जानकारी नहीं, कार्रवाई करेंगे : सतीशन
उधर, केरल कांग्रेस के ट्वीट पर राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता व वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीडी सतीशन ने कहा, ‘हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। केरल कांग्रेस या केरल में यूडीएफ ने कभी भी किसी भी मंच पर इस फिल्म पर इस तरह के मामले पर चर्चा नहीं की। मैं जांच करूंगा संबंधित प्राधिकारी। हम पूछताछ करेंगे और कार्रवाई करेंगे।

फिल्म के कारण नए सिरे से छलका पंडितों का दर्द
हाल ही में आई फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के कारण कश्मीरी पंडितों का दर्द नए सिरे से छलका है। देशभर में इस फिल्म को लेकर विमर्श चल रहा है। पंडितों के दर्द को देख अपने ही देश में विस्थापित होकर रह रहे इन लोगों के प्रति सहानुभूति का ज्वार उमड़ रहा है। 

विस्तार

फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर देश में एक बार फिर बहस छिड़ गई है। इसी बीच केरल कांग्रेस ने ट्वीट कर तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा विस्थापित कश्मीरी पंडितों की मदद का दावा किया है। इस पर केरल के भाजपा सांसद केजे अल्फोंस ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। केरल कांग्रेस ने दावा किया है कि बीते 17 सालों में आतंकवाद के चलते 399 पंडित मारे गए हैं, जबकि मुस्लिमों की मौतें इससे कई गुना ज्यादा हुई हैं। 

अल्फोंस ने कहा कि कांग्रेस को इतिहास की समझ नहीं है। उसे विकृत इतिहास पता है। सब जानते हैं कि कांग्रेस या उसके समर्थक दलों की सरकार के दौरान कश्मीर से 1.50 लाख पंडितों को सांप्रदायिक आधार पर खदेड़ा गया। 

पूर्व केंद्रीय मंत्री अल्फोंस ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने जम्मू-कश्मीर में ऐसी स्थिति पैदा कर दी जिसमें पंडित वहां नहीं रह सकते थे।  उनकी हत्याएं कर दी गईं, उनकी जान को खतरा था, इसलिए वे वहां से चले गए। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद चीजों में बदलाव आया है। 

केरल कांग्रेस ने यह दावा किया था

इससे पहले केरल कांग्रेस ने इस फिल्म को लेकर कई ट्वीट किए थे। इनमें से एक को बाद में डिलीट कर दिया गया। केरल कांग्रेस ने कहा, ‘वे आतंकवादी थे जिन्होंने कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया। साल 1990 से लेकर 2007 के बीच के 17 सालों में आतंकवादी हमलों में 399 पंडितों की हत्या की गई। इसी दौरान आतंकवादियों ने 15 हजार मुसलमानों की हत्या कर दी।’ केरल कांग्रेस ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में पंडितों के लिए 5242 शिविर बनाए गए  थे और प्रत्येक विस्थापित परिवार को 5 लाख रुपये की सहायता दी गई थी। इसके अलावा विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप और किसानों को मदद दी गई थी। 1168 करोड़ रुपये की कल्याणकारी योजनाएं इनके लिए चलाई गई थी। 

भाजपा पर लगाया यह आरोप

केरल कांग्रेस ने कहा कि कश्मीरी पंडितों ने जब कश्मीर घाटी को सामूहिक रूप से छोड़ा उस समय वहां के राज्यपाल जगमोहन थे। जगमोहन आरएसएस के व्यक्ति थे। पंडितों का पलायन भाजपा समर्थित वीपी सिंह सरकार के दौरान शुरू हुआ। यह सरकार दिसंबर 1989 में सत्ता में आई और जनवरी 1990 में पलायन शुरू हुआ। तब भाजपा ने कुछ नहीं किया और नवंबर 1990 तक वीपी सिंह का समर्थन करना जारी रखा।

ट्वीट की जानकारी नहीं, कार्रवाई करेंगे : सतीशन

उधर, केरल कांग्रेस के ट्वीट पर राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता व वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीडी सतीशन ने कहा, ‘हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। केरल कांग्रेस या केरल में यूडीएफ ने कभी भी किसी भी मंच पर इस फिल्म पर इस तरह के मामले पर चर्चा नहीं की। मैं जांच करूंगा संबंधित प्राधिकारी। हम पूछताछ करेंगे और कार्रवाई करेंगे।

फिल्म के कारण नए सिरे से छलका पंडितों का दर्द

हाल ही में आई फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के कारण कश्मीरी पंडितों का दर्द नए सिरे से छलका है। देशभर में इस फिल्म को लेकर विमर्श चल रहा है। पंडितों के दर्द को देख अपने ही देश में विस्थापित होकर रह रहे इन लोगों के प्रति सहानुभूति का ज्वार उमड़ रहा है। 



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