YOGA SESSION: अपनी क्षमता के अनुसार करें सूर्य नमस्‍कार, जानें अभ्‍यास का सही तरीका


Yoga Session With Savita Yadav: सूर्य नमस्‍कार शरीर की दुर्बलता को दूर कर शक्ति और क्षमता को बढ़ाने और वजन कम करने के लिए काफी उपयोगी योगासन माना जाता है. लेकिन इसे करते समय इस बात का ध्‍यान रखना बहुत जरूरी है कि सूर्य नमस्‍कार का अभ्‍यास अपनी क्षमता के अनुसार ही किया जाए. शुरुआती अभ्‍यास बेसिक लेवल से करें और धीरे-धीरे अभ्‍यास को एडवांस लेवल पर लेकर जाएं. अगर आप रोज इसका अभ्‍यास करेंगे तो इससे आपकी क्षमता बढ़ेगी और शरीर का लचीलापन बढ़ेगा. जिससे शरीर में दर्द और चोट से आप बचे रहेंगे. अगर आप अपनी जीवनशैली में इसे शामिल कर लेंगे तो इससे आपके शरीर को बहुत फायदा मिलेगा.

बेहतर होगा‍ कि आप सुबह काम पर जाने से आधा घंटा पहले सूर्य नमस्‍कार को करें. आज न्यूज़18 हिंदी के फेसबुक लाइव सेशन में योग प्रशिक्षिका साविता यादव (Savita Yadav) ने सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) का अभ्‍यास करने का सही तरीका और महत्‍व बताया. तो आइए जानते हैं सूर्य नमस्‍कार किस तरह किया जाए.

शुरुआत इस तरह करें
कमर-गर्दन सीधी रखें और अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी आसन, सुखासन, पद्मासन, अर्ध पद्मासन लगाकर बैठ जाएं. आंखें बंद कर ध्‍यान करें. बंद आंखों से खुद को देखने की कोशिश करें. अब धीरे-धीरे अपनी ध्‍यान को अपनी सांस पर लेकर आएं. ओम का उच्‍चारण करें. अब दोनों हाथों को आपस में मिलाएं और प्रणाम की मुद्रा में आए और मंत्र का पाठ करें. धीरे से आंखें खोलें और मैट पर खड़े हो जाएं.

आसन से पहले अभ्‍यास
सीधे खड़े हो जाएं और कमर पर हाथ रखकर एक बार पंजे और एक बार एड़ी पर खड़े हों.  ऐसा 20 बार करें. अब ताड़ासन की मुद्रा में आएं और 10 तक गिनें. अब प्रणाम मुद्रा में हाथों को उपर की तरफ खीचें और सांस लेते हुए पीछे की तरफ झुकें. कुछ देर रुक कर सांस छोड़ते हुए आगे की तरफ झुकें. अब सांस लें और दाहिनी तरफ झुकें और सांस छोड़ते हुए बाई ओर झुकें. इस तरह आप क्षमता के अनुसार 10 चक्र करें. पूरा विडियो आप यहां देख सकते हैं.

सूर्य नमस्‍कार करने का तरीका

सूर्य नमस्‍कार के शुरुआती चक्र धीमी गति से करें और सांस पर विशेष ध्‍यान दें.

प्रणामासन (Pranamasana)
योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और अपने हाथों को जोड़कर खड़े हो जाएं. प्रणाम की मुद्रा में सूर्य को ध्‍यान करें. अपने दोनों पैरों को मिला कर रखें. इस दौरान अपनी कमर सीधी रखें और हाथों को अपने सीने के पास रखें.

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हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana)
गहरी सांस लें और अपने दोनों हाथों को कान से सटाते हुए सिर के ऊपर ले जाएं. अब अपने हाथों को प्रणाम करने की मुद्रा में ही पीछे की तरफ हल्‍का झुकें और अपनी कमर को पीछे की तरफ झुका लें.

पादहस्तासन (Padahastasana)
अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकते हुए अपने हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं. इस मुद्रा में आपका सिर घुटनों से मिल जाएगा.

अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana)
अब सांस लेते हुए दाहिने पैर पीछे की ओर ले जाएं. इस पैर का घुटना जमीन से छूना है. इस दौरान दूसरे पैर को मोड़ें. अपनी हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें और ऊपर सिर रखकर सामने की ओर देखें. जिन लोगों को घुटने में दर्द है उन्‍हें टॉवल की मदद लेनी चाहिए.

दंडासन (Dandasana)
दंडासन करने के लिए सांस छोड़ते हुए अपने दोनों हाथों और पैरों को सीधा और एक ही लाइन में रखें. इसके बाद पुश-अप करने की अवस्था में आ जाएं.

अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara)
अब सांस लेते हुए अपनी हथेलियों, चेस्ट, घुटनों और पैरों को जमीन से सटाएं. अब इस अवस्था में कुछ देर रहें.

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भुजंगासन (Bhujangasana)
गहरी सांस छोड़ते हुए इस अभ्यास के लिए अपनी हथेलियों को जमीन पर रखें और नाभी तक शरीर के आगे के हिस्‍से को उठाएं और पेट को जमीन से सटाकर रखें, गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं.

अधोमुख शवासन (Adho Mukha Svanasana)
पूरी सांस भरते हुए अधोमुख शवासन को पर्वतासन भी कहा जाता है. इसके के लिए अपने पैरों को जमीन पर सीधा रखें. अब कूल्हे को ऊपर की ओर उठा लें. अपने कंधों को सीधा रखें और मुंह को अंदर की तरफ रखें.

 

अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana)
अपने दाहिने पैर पीछे की ओर ले जाएं और साथ में सांस छोड़ें. ध्यान रहे कि घुटना जमीन से मिलना चाहिए. अब अपने दूसरे पैर को मोड़े और हथेलियों से जमीन को छुएं. सिर को आसमान की ओर उठाकर ऊपर की ओर देखें.

पादहस्तासन (Padahastasana)
सांस लेते हुए अब आगे की ओर झुकें और हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं. इस दौरान आपको अपना सिर घुटनों से मिलाना है.

हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana)
सांस छोड़ते हुए प्रणामासन में खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठा लें और सीधा रखें. अब हाथों को प्रणाम करने की मुद्रा में ही पीछे की ओर ले जाएं. अपनी कमर को पीछे की तरफ झुका लें.

प्रणामासन (Pranamasana)
अंत में सांस लेते हुए प्रणामासन की मुद्रा में आ जाएं. ध्यान रहे कि योगाभ्यास अपनी क्षमता के अनुसार ही करें. इस दौरान श्वास-प्रश्वास और व्यायाम से जुड़े विशेष नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है. यह चक्र आप 10 बार से शुरू करें. शुरु में धीमी गति से करें. जब आपको लगे कि आप बेहतर तरीके से सांस ले पा रहे हैं तो अगले चक्र में अपनी स्‍पीड बढ़ाएं.

Tags: Health, Lifestyle, Yoga

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