Exclusive: ‘तुम बिन’ के बाद कहां गायब हो गए Himanshu Malik? 21 साल बाद बोले- मैंने बॉलिवुड का असली चेहरा देखा


21 साल पहले की बात है। ‘मुल्क’, ‘आर्टिकल 15’ और ‘थप्पड़’ जैसी फिल्में बनाने वाले डायरेक्टर अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) की मूवी ‘तुम बिन’ (Tum Bin) रिलीज हुई थी। इसमें संदनी सिन्हा (Sandali Sinha), प्रियांशु चटर्जी (Priyanshu Chatterjee), हिमांशु मलिक (Himanshu Malik) और राकेश बापट (Raqesh Bapat) नजर आए थे। उस जमाने में ये फिल्म जबरदस्त हिट रही थी। प्रियांशु, हिमांशु और राकेश तीनों ही रातोंरात फेमस हो गए थे। लड़कियां इनकी दीवानी हो गई थीं। लोग इनकी एक झलक देखने के लिए बेताब रहते थे, लेकिन उस वक्त हिमांशु को नहीं पता था कि ये स्टारडम चंद महीनों बाद खत्म हो जाएगा। वो कई और फिल्मों में नजर तो आए, लेकिन पहले जैसी दीवानगी देखने को नहीं मिली। नाम, शोहरत और रुतबा, सब धीरे-धीरे गुमनामी के अंधेरे में गायब होता चला गया। लेकिन अब इतने सालों बाद हिमांशु फिर चर्चा में हैं। वो बतौर डायरेक्टर अपनी पहली फिल्म ‘चित्रकूट’ (Chitrakoot) लेकर आ रहे हैं। हालांकि, अब उन्हें पहचानना थोड़ा मुश्किल है। उन्होंने 21 साल बाद खुलासा किया है कि वक्त ने कैसे सबकुछ बदल दिया था और वो कहां गायब हो गए थे!

हिमांशु मलिक ने नवभारत टाइम्स से एक्सक्लूसिव बात की। वो इतने साल क्या कर रहे थे? ‘तुम बिन’ की सक्सेस के बाद स्टारडम को बरकरार क्यों नहीं रख पाएं? ऐसे ही कई सवालों के उन्होंने सहजता से जवाब दिए हैं।

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कैसे मिली थी ‘तुम बिन’?

tum bin actor himanshu malik

हिमांशु मलिक

हिमांशु मलिक ने ‘तुम बिन’ फिल्म को अपनी जिंदगी का माइल स्टोन बताया। उन्होंने डायरेक्टर अनुभव सिन्हा और पूरी टीम का आभार जताया कि उन्हें उस मूवी का हिस्सा बनाया और इसे वो कभी भूल नहीं सकते। उन्होंने बताया कि वो एक म्यूजिक वीडियो कर रहे थे। उसी समय उन्हें (मेकर्स) को लगा कि वो उस रोल (अभिज्ञान का किरदार) के लिए परफेक्ट रहेंगे। उन्होंने कहा कि एक ऑडिशन लेंगे। सिर्फ गिने-चुने लड़कों को ही बुलाया है। हालांकि, हिमांशु का पहला ऑडिशन बहुत खराब गया। उन्हें इतना अफसोस हुआ कि उन्होंने अनुभव सिन्हा को फोन कर दिया और दूसरा मौका देने की रिक्वेस्ट की। पहले तो अनुभव ने मना किया, लेकिन फिर हामी भर दी। जब हिमांशु ने दूसरा ऑडिशन दिया तो उन्हें सीधे सिलेक्ट कर लिया गया था।

इतनी बड़ी हिट के बाद गुमनाम कैसे हो गए?
इस बारे में हिमांशु का कहना है कि वो बहुत नए थे। उन्होंने कहा, ‘तब बॉलिवुड बहुत छोटा था। ‘तुम बिन’ जैसी हिट आज के डेट में मिलती तो सबके पास बहुत काम होता। तब इंडस्ट्री छोटे फेज में थी। डिजिटल (ओटीटी प्लेटफॉर्म) नहीं आया था। साल में बहुत कम फिल्में आती थीं। साल 2002, 03, और 04 में बॉलिवुड बहुत स्लो था। ऊपर से हम बाहरी थे और नए थे। इस बात की समझ नहीं थी कि एक हिट मिल जाए तो आप उसे बहुत आसानी से खो सकते हैं। हम से कुछ खो गए होंगे। मैं भी खो गया था। भटक गया था। हालांकि, मैं बहुत बैलेंस हूं। उस समय समझ नहीं थी कि अपने करियर को कैसे आगे बढ़ाना है। किससे मिलना है। क्या जरूरी है। किससे कैसा व्यवहार करना है। उस समय आर्टिस्ट मिजाज के थे, अपने में ही मग्न रहते थे। बाहरी लोगों से मिलते नहीं थे, इसलिए नैचुरल था कि इंडस्ट्री धीरे-धीरे भूल जाएगी।

कहां हुई चूक?

himanshu malik

हिमांशु मलिक

हिमांशु का कहना है कि वो बीता हुआ सबकुछ भुला चुके हैं। वो बोले, ‘बहुत सारी फिल्में थीं, जिन्हें मना करके गलत किया। मैंने गलत पैसे मांग लिए। या किसी और वजह से नहीं लिया गया… अब मैं उस दुनिया को भुला चुका हूं। कुछ गलतियां भूलना ही बेहतर होता है।’

‘तुम बिन’ के बाद लगा था झटका!
हिमांशु ने एक खुलासा किया कि उन्हें कब पता चला कि इंडस्ट्री कैसी है! उन्होंने कहा, ‘इसकी झलक मुझे तुम बिन के बाद देखने को मिली, जो बहुत परेशान करने वाली थी। तब मैगजीन बहुत बड़ी होती थीं। एक बहुत बड़े मैगजीन पब्लिकेशन से कॉल आया था कि आप एक अपकमिंग ऐक्ट्रेस के साथ अफेयर करें। इससे अच्छी स्टोरी बनती है। उस समय मैं हैरान रह गया था कि ऐसा भी होता है! उन्होंने बोला कि हां, बिना पब्लिसिटी के कोई स्टार नहीं बनता है। हम 1-2 कैंडिडेट से बात कर लेंगे। वो आपके जितनी ही फेमस होंगी। गोवा में एक कमरा दिला देंगे। आप वहां आराम से जाइये और यहां हम एक्सपोज कर देंगे।’

ऐक्टर से कैसे बने डायरेक्टर?

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हिमांशु मलिक बने डायरेक्टर

हिमांशु बतौर डायरेक्टर अपनी पहली फिल्म ‘चित्रकूट’ लेकर आ रहे हैं, जोकि एक मॉर्डन जमाने की स्टोरी पर बेस्ड है। ऐक्टर से डायरेक्टर कैसे बने? इस सवाल पर उनका कहना है कि एक आर्टिस्ट चाहता है कि उसकी ग्रोथ होती रहे। वो कुछ नया सीखता रहे। लिखता रहे। पढ़ता रहे। एक दिन उन्होंने सोचा कि क्यों न मैं भी कुछ बनाऊं। बस फिर फिल्म बनाने का फैसला कर लिया।

इंडस्ट्री कितनी बदल गई है। इस सवाल पर हिमांशु का कहना है कि बीते पल हमेशा सुनहरे होते हैं। उन्होंने स्टारडम देखा। दुनिया घूमी। बिजनस किया। छोटे-मोटे रोल्स किए, लेकिन कभी रुके नहीं। उन्होंने कहा, ‘मैंने बहुत कम उम्र (21 साल) में ही सफलता का स्वाद चख लिया था। मुझे ये भी पता चल गया था कि सक्सेस मायने नहीं रखता। मुझ पर इसका असर नहीं पड़ा और मैं आगे बढ़ता चला गया और आगे बढ़ता रहूंगा।’

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