IND vs SA: पाकिस्तान ने पर्थ में जिम्बाब्वे के खिलाफ की थी एक गलती, भारत को उसे दोहराने से बचना होगा


हाइलाइट्स

टी20 वर्ल्ड कप: भारत और दक्षिण अफ्रीका की पर्थ में टक्कर
पाकिस्तान को पर्थ में एक गलती के कारण हुआ बड़ा नुकसान
भारत को उस गलती को दोहराने से बचना होगा

नई दिल्ली. टी20 वर्ल्ड कप में रविवार को ग्रुप-2 में तीन मुकाबले खेले जाएंगे. इसमें से दो तो पर्थ में ही होंगे. पर्थ में दिन का पहला मैच पाकिस्तान और नीदरलैंड्स के बीच होगा जबकि दूसरे में भारत और दक्षिण अफ्रीका की टीमें आमने-सामने होंगी. पाकिस्तान का यह पर्थ में दूसरा मैच होगा. इस मैदान पर उसे पिछले मैच में जिम्बाब्वे ने आखिरी गेंद पर हरा दिया था. यह टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान की लगातार दूसरी हार थी. इस एक हार से उसपर सेमीफाइनल की रेस से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है. पाकिस्तान ने जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच में एक गलती की थी, जिसका उसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. ऐसे में भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में उस गलती को दोहराने से बचना होगा.

पाकिस्तान ने जिम्बाब्वे के खिलाफ क्या गलती थी और भारत उस गलती को दोहराने से कैसे बच सकता है? आइए इसे समझते हैं. पर्थ को दुनिया का सबसे तेज विकेट माना जाता है. अब भले ही मुकाबले नए ऑप्टस स्टेडियम में खेले जा रहे हैं लेकिन पिच का मिजाज नहीं बदला है. पर्थ की पिच में तेज गेंदबाजों के लिए अतिरिक्त उछाल और पेस होता है. इस मैदान पर टी20 वर्ल्ड कप के पिछले तीनों मुकाबलों में यह दिखा भी, जब तेज रफ्तार गेंदबाजों ने विपक्षी टीम की कमर तोड़ दी.

पाकिस्तान ने जिम्बाब्वे के खिलाफ की थी एक गलती
पिछले मैच में ही पाकिस्तान के तेज गेंदबाज मोहम्मद वसीम जिम्बाब्वे पर कहर बनकर टूटे थे. उन्होंने 4 ओवर में 24 रन देकर 4 विकेट झटके थे. उनकी घातक गेंदबाजी के कारण जिम्बाब्वे की टीम 20 ओवर में 130 रन ही बना पाई. इसके बावजूद, पाकिस्तान ने ऐसी क्या गलती की, वो 1 रन से मैच हार गया. क्या उसकी बल्लेबाजी बिल्कुल खराब थी या गेंदबाजी में कहीं कोई कमी रह गई थी?

जिम्बाब्वे की गेंदबाजी ऐसी नहीं है कि 130 रन नहीं बनाए जा सके. ऐसे में इस मैच में पाकिस्तान की बल्लेबाजी तो खराब थी ही लेकिन, उससे बड़ी गलती, उसके तेज गेंदबाजों ने की थी, जिससे टीम इंडिया के गेंदबाजों को बचना होगा.

पाक पेसर ने ज्यादा फुल लेंथ गेंदबाजी की
दरअसल, पाकिस्तान ने मैच में पहले गेंदबाजी की थी. स्विंग और अतिरिक्त उछाल होने के बावजूद पाकिस्तान के तेज गेंदबाजों ने शुरुआत में जिम्बाब्वे के खिलाफ काफी फुल लेंथ गेंदबाजी की. पहले ओवर में ही शाहीन अफरीदी दिशा से भटके नजर आए. उन्होंने ओवर की शुरुआत ही फुलटॉस से की. इसके बाद पूरे पावरप्ले में पाकिस्तानी तेज गेंदबाजों ने इसी तरह की लेंथ के साथ गेंदबाजी की. यही वजह रही कि ग्रीन टॉप विकेट होने के बावजूद पाकिस्तानी पेसर जिम्बाब्वे को पावरप्ले में शुरुआती झटके नहीं दे पाए.

जिम्बाब्वे का पहला विकेट 5वें ओवर में गिरा. तब तक क्रेग इर्विन और वेस्ली मैधेवीयर 42 रन जोड़ चुके थे. पर्थ में अगर एक गेंदबाज के तौर पर सफल होना है, तो हार्ड लेंथ पर गेंदबाजी करनी होती है.

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पाकिस्तान ने इंग्लैंड के गेंदबाजों से नहीं लिया था सबक
पाकिस्तान के तेज गेंदबाजों ने इंग्लैंड-अफगानिस्तान और ऑस्ट्रेलिया-श्रीलंका के बीच पर्थ में हुए मैच से सबक नहीं लिया और वो कंडीशंस का फायदा उठा नहीं पाए. वो तो मोहम्मद वसीम ने बाद के ओवर में जिम्बाब्वे को एक के बाद एक झटके दिए. वर्ना जिम्बाब्वे की टीम 150 रन के स्कोर तक पहुंच सकती थी. जो पाकिस्तान टीम 130 रन बनाने से चूक गई, उसके लिए तो 150 रन का पीछा करना और मुश्किल हो जाता.

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भारत को पाकिस्तान की गलती दोहराने से बचना होगा
ऐसे में भारतीय तेज गेंदबाजों को पाकिस्तान ने जो गलती की है, उसे दोहराने से बचना होगा और पर्थ में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक तय रणनीति के तहत गेंदबाजी करनी होगी. खासतौर पर पावरप्ले में हार्ड लेंथ गेंदबाजी करनी होगी, जिससे अफ्रीकी बल्लेबाजों के लिए रन बनाना तो मुश्किल हो ही, साथ में विकेट निकालने के मौके भी ज्यादा बने.

Tags: Anrich Nortje, India vs South Africa, T20 World Cup, T20 World Cup 2022, Team india, Zimbabwe vs pakistan

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