अमिताभ बच्चन को ‘सरजी’ न कहना कादर खान के लिए पड़ गया था भारी, एक्टर ने खुद सुनाया था दर्द भरा किस्सा


कादर खान (Kader Khan) ने एक बार बताया था कि क्यों वे दिग्गज एक्टर अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) को ‘सरजी’ कहकर नहीं बुला सकते थे. ऐसा इसलिए था, क्योंकि दोनों सितारों के बीच काफी मधुर संबंध थे. एक पुराने इंटरव्यू में, कादर ने यह भी बताया था कि इसके बाद अमिताभ के साथ कई प्रोजेक्ट्स से उन्होंने दूरी बना ली थी या फिर उनका हिस्सा नहीं रहे थे.

उन्होंने यह भी बताया था कि अमिताभ बच्चन को किसी और नाम से बुलाना असंभव था, क्योंकि वे उनके दोस्त और भाई थे. अमिताभ और कादर कई फिल्मों का हिस्सा थे, उन्होंने ‘अमर अकबर एंथनी’ (1977), ‘दो और दो पांच’ (1980), ‘कालिया’ (1981), ‘सत्ते पे सत्ता’ (1982), ‘कुली’ (1983), ‘शहंशाह’ (1988), ‘अग्निपथ’ (1990) सहित कई फिल्मों में एक साथ काम किया था.

बिग बी को ‘सरजी’ नहीं कह पाए थे कादर खान
फिल्मी ड्रामा द्वारा साझा किए गए एक पुराने इंटरव्यू के एक वीडियो में, कादर खान कहते नजर आए थे कि मैं अमितजी को ‘अमित, अमित’ बोलता था. एक निर्माता ने मुझसे आकर कहा, ‘आप सर जी से मिले’, मैंने बोला, ‘कौन सरजी?’. ‘आपको सरजी नहीं मालूम. वे लंबे आदमी’. अमितजी कहीं से आ रहे थे. मैंने कहा, ‘वो तो अमित है, सरजी कब से हो गए?

अमिताभ बच्चन के साथ बढ़ गई थीं दूरियां
कादर खान ने आगे बताया था, ‘सबने सरजी बोलना शूरु कर दिया था. मेरे मुंह से सिरजी नहीं निकला और मुंह से सरजी नहीं निकला तो मैं उस ग्रुप से निकल गया. क्या कोई अपने दोस्त को, अपने भाई को और किसी नाम से पुकार सकता है? उनसे वो राब्ता नहीं रहा. इसलिए, ‘खुदा गवाह’ में मैं नहीं था, फिर ‘गंगा जमुना सरस्वती’ मैंने आधी लिखी और आधी छोड़ी. कई अन्य फिल्में जिनमें मैंने काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन फिर मैंने उन्हें छोड़ दिया था.’

निर्देशक और स्क्रिप्ट राइटर भी थे कादर खान
कादर खान चार दशकों से अधिक समय तक बॉलीवुड में न केवल एक एक्टर थे, बल्कि एक निर्देशक और स्क्रिप्ट राइटर भी थे. उनकी आखिरी फिल्म ‘हो गया दिमाग का दही’ 2015 में रिलीज हुई थी. उन्होंने अपने करियर के दौरान कई पुरस्कार जीते थे. कादर खान को मरणोपरांत पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था.

Tags: Amitabh bachchan, Kader Khan

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